राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की ओर से राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी (RAS) परीक्षा-2023 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया गया है।
टॉप-10 में अजमेर और नागौर जिले से 3-3 कैंडिडेट हैं। टॉप-3 कैंडिडेट अजमेर जिले के ही हैं। जयपुर, झुंझुनूं, हनुमानगढ़ और बीकानेर जिले के 1-1 कैंडिडेट ने टॉप-10 में जगह बनाई है।
अजमेर जिले के डूंगरिया कलां गांव के रहने वाले कुशल चौधरी ने RAS-2023 में टॉप किया है। कोटपूतली-बहरोड़ जिले के नांगल खोडिया गांव की प्रीति यादव को 218वीं रैंक मिली। प्रीति यादव के पिता इंद्राज यादव नीमराना की एक फैक्ट्री में गार्ड हैं। बेटी का रिजल्ट आया तब वे नाइट ड्यूटी पर थे। प्रीति ने पिता को फोन कर कहा- पापा में RAS बन गई।
अजमेर के कुशल चौधरी को मिली 1st रैंक
अजमेर जिले के डूंगरिया कलां गांव के रहने वाले कुशल चौधरी ने RAS-2023 में टॉप किया है। वह वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल तबीजी में लैब असिस्टेंट हैं और पुलिस लाइन क्वार्टर में रहते हैं। कुशल ने कहा- पिता खेती करते हैं। सेल्फ स्टडी की है और दूसरे प्रयास में सफलता मिली।
अंकिता तीसरे प्रयास में एलाइड सर्विस में हुई सिलेक्ट, अब दूसरी रैंक
पुष्कर (अजमेर) की अंकिता पाराशर को दूसरी रैंक मिली है। अंकिता के पिता सत्यनारायण पाराशर राजकीय चिकित्सा सेवा में कार्यरत थे। उनका सपना था कि बेटी प्रशासनिक सेवा में जाए। पिता के असमय निधन के बाद अंकिता ने उनके सपनों को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया। अंकिता तीसरे प्रयास में RAS की एलाइड सर्विस में चयनित हुई थी और वर्तमान में जयपुर जिले के दूदू में बीडीओ पद पर कार्यरत हैं।
विवादित SI भर्ती में सिलेक्शन, अब RAS भर्ती में तीसरी रैंक
अजमेर की किशनगढ़ तहसील के रलावता गांव के परमेश्वर चौधरी (27) ने तीसरी रैंक हासिल की है। उनको दूसरी कोशिश में सफलता मिली है। परमेश्वर चौधरी वर्तमान में नागौर पुलिस लाइन में उप निरीक्षक (एसआई) के पद पर कार्यरत हैं। परमेश्वर ने बताया- एसआई भर्ती-2021 में 17वीं रैंक थी। मामला कोर्ट में चल रहा है। वर्ष 2020 में लैब असिस्टेंट पद पर भी सिलेक्शन हुआ था।
झुंझुनूं के रंजन शर्मा ने हासिल की चौथी रैंक
झुंझुनूं जिले के मंडावा कस्बे के रंजन कुमार शर्मा ने चौथी रैंक हासिल की। वे पिछले तीन वर्षों से लगातार RAS परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। रंजन शर्मा ने बताया- कठिन परिश्रम, आत्म अनुशासन और निरंतर अभ्यास को अपना मंत्र बनाया। सफलता का श्रेय अपने परिवार और शिक्षकों को देता हूं, जिन्होंने हर परिस्थिति में उनका साथ दिया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
नागौर के चारणावास गांव के विक्रम सिंह की 5वीं रैंक
नागौर के डेगाना उपखंड के चारणावास गांव निवासी विक्रमसिंह खिड़िया ने 5वीं रैंक हासिल की है। विक्रम सिंह अभी ग्राम विकास अधिकारी पद पर कार्यरत हैं। साधारण परिवार से आने वाले विक्रम सिंह ने बताया- लगातार मेहनत से सफलता हासिल की है।
नागौर के अंजनी कुमार लखावत की 7वीं रैंक
नागौर जिले के रियांबड़ी उपखंड के गांव टहला निवासी अंजनी कुमार लखावत ने सेकेंड अटेम्प्ट में 7वीं रैंक हासिल की। वे अभी लोकल फंड ऑडिट डिपार्टमेंट अजमेर में AAO हैं। उनके पिता चतुर्भुज लखावत का निधन हो गया है।
किसान परिवार के बेटे कमल चौधरी को मिली 9वीं रैंक
नागौर के मेड़ता के बेदावड़ी निवासी कमल चौधरी ने दूसरे प्रयास में 9वीं रैंक हासिल की है। कमल चौधरी एक साधारण किसान परिवार से आते हैं और वर्तमान में कोऑपरेटिव इंस्पेक्टर के पद पर मेड़ता में कार्यरत हैं। इनके पिता हरकराम चौधरी किसान हैं और माताजी पूनम देवी गृहिणी हैं।
ट्रक ड्राइवर के बेटे विकास सियाग ने हासिल की 10वीं रैंक
बीकानेर के कोलायत के रहने वाले विकास सियाग ने 10वीं रैंक हासिल की है। वह वर्तमान में शिक्षा विभाग में एलडीसी हैं। विकास को दूसरे प्रयास में सफलता मिली है। विकास के पिता ट्रक ड्राइवर हैं और मां गृहिणी हैं। विकास ने अपनी सफलता माता-पिता को समर्पित की है।