भोपाल, इंदौर-सागर संभाग में रातें ठंडी, पारा 17° से नीचे:दक्षिणी हिस्से के 9 जिलों में आज बादल छाएंगे; बूंदाबांदी के भी आसार

भोपाल, इंदौर और सागर संभाग में रातें ठंडी हो गई है। यहां पारा 17 डिग्री से नीचे है। वहीं, दक्षिणी हिस्से के 9 जिले-खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी और बालाघाट में आज बादल छाने और बूंदाबांदी होने का अनुमान है।

मौसम विभाग के अनुसार, मानसून के लौटने के बाद भी प्रदेश में बूंदाबांदी वाला मौसम है। बुधवार को दक्षिणी हिस्से के कुछ जिलों में मौसम का मिजाज बदला हुआ रहा। दिन में बादल छाने की वजह से टेम्प्रेचर 29 डिग्री तक पहुंच गया। कुछ जगह बूंदाबांदी भी हो गई। हालांकि, यह रिकॉर्ड नहीं की गई।

उधर, मंगलवार-बुधवार की रात में कई शहरों में पारा 20 डिग्री से कम रहा। छतरपुर के नौगांव में 15.4 डिग्री, रीवा में 18.2 डिग्री, टीकमगढ़ में 17.8 डिग्री, मलाजखंड में 19.2 डिग्री, दतिया में 17.1 डिग्री, धार में 17.4 डिग्री, गुना में 19 डिग्री, खंडवा में 15.4 डिग्री खरगोन में 15.8 डिग्री, राजगढ़ में 16.6 डिग्री, रतलाम में 18.6 डिग्री, श्योपुर में 18.4 डिग्री, शिवपुरी में 16 डिग्री दर्ज किया गया।

बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 20.6 डिग्री, ग्वालियर में 18 डिग्री, इंदौर में 18.2 डिग्री, उज्जैन में 20 डिग्री और जबलपुर में 20.3 डिग्री रहा।

पूरे एमपी से विदा हो चुका है मानसून

मौसम विभाग के अनुसार, पूरे प्रदेश से मानसून विदा हो गया है, लेकिन आने वाले एक सप्ताह तक दक्षिणी हिस्से में गरज-चमक और हल्की बारिश का दौर बना रहेगा। इस साल मानसून 3 महीने 28 दिन एक्टिव रहा। 16 जून को प्रदेश में मानसून की एंट्री हुई थी और 13 अक्टूबर को वापसी की। बावजूद बारिश का दौर बना रहेगा। मौसम विभाग ने 16, 17 और 18 अक्टूबर को गरज-चमक के साथ बारिश होने का अनुमान जताया है।

हवा का रुख बदला, इसलिए रातें हुई ठंडी

सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, दक्षिणी हिस्से के जिलों में हल्की बारिश का दौर बना रहेगा। बुधवार को मौसम साफ रहा, लेकिन गुरुवार को गरज-चमक और बूंदाबांदी हो सकती है। इस बीच प्रदेश में रातें ठंडी हो गई है। हवा का रुख बदलने से ऐसा हो रहा है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों में बर्फबारी हो रही है। इस वजह से उत्तरी हवा चल रही है और मध्यप्रदेश में ठंडक बढ़ा रही है।

गुना में सबसे ज्यादा बारिश

इस बार गुना में सबसे ज्यादा पानी गिरा है। 65.6 इंच बारिश दर्ज हुई। मंडला-रायसेन में 62 इंच से अधिक और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हो गई थी। वहीं, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में शामिल हैं। शाजापुर में 28.9 इंच, खरगोन में 29.6 इंच, खंडवा में 32 इंच, बड़वानी में 33.5 इंच और धार में 33.6 इंच पानी गिरा।

इंदौर संभाग की तस्वीर भी सुधरी

इस मानसूनी सीजन में शुरुआत से ही इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं रही। एक समय तो इंदौर में प्रदेश की सबसे कम बारिश हुई थी। ऐसे में अटकलें थीं कि क्या इस बार इंदौर में सामान्य बारिश भी होगी? लेकिन सितंबर महीने में तेज बारिश की वजह से इंदौर में सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया। संभाग के सभी जिलों में भी बारिश की बेहतर तस्वीर हो गई। दूसरी ओर, उज्जैन जिले में अब भी कोटा पूरा नहीं हुआ। सबसे कम बारिश वाले जिलों में शाजापुर पहले नंबर पर है।

ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतर

एमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर शामिल हैं।

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