राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर बेंच ने एक जब्त गाड़ी वापस करने के मामले में पुलिस की लापरवाही पर सख्त नाराजगी जताई है। जस्टिस योगेंद्र कुमार पुरोहित ने जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के उपायुक्त (पश्चिम) को 17 नवंबर को खुद कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकारी वकील को साफ निर्देश दिया कि अगली सुनवाई में डीसीपी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रखें, ताकि उचित फैसला लिया जा सके।
क्या है मामला
याचिकाकर्ता संपत पूनिया ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनके वकील ने बताया कि कोर्ट के 29 जुलाई के आदेश के अनुसार, उन्होंने 21 अगस्त को पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) को आवेदन दिया था। लेकिन साढ़े तीन महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उनकी फॉर्च्यूनर गाड़ी आज भी थाने में खड़ी है और उसमें तोड़फोड़ हो रही है। पुलिस ने बिना किसी ठोस वजह के गाड़ी को जब्त कर रखा है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि उनकी गाड़ी उन्हें वापस दिलाई जाए।
याचिकाकर्ता के मुताबिक, कोर्ट का आदेश होने के बावजूद पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। गाड़ी थाने में पड़ी-पड़ी खराब हो रही है।
पुलिस की ओर से तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश
सरकारी वकील ने मंगलवार को सरदारपुरा थाने के थानाधिकारी की तथ्यात्मक रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 38/24 की जांच चल रही है। यह जांच प्रतापनगर के सहायक पुलिस आयुक्त कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, गाड़ी के मालिक संपत राज पूनिया और खुद गाड़ी उस मामले में वांछित है। इसलिए इसे सबूत के तौर पर जब्त करना अभी बाकी है। साथ ही, उसी मामले में हाईकोर्ट ने संपत राज पूनिया की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है। इसी वजह से पुलिस ने गाड़ी को जब्त नहीं किया और थाने में खड़ा रखा है।
हाईकोर्ट का आदेश: डीसीपी तलब
कोर्ट ने पुलिस की रिपोर्ट और अपने पुराने आदेश को देखते हुए कहा कि अगली सुनवाई (17 नवंबर) को डीसीपी (पश्चिम) खुद कोर्ट में आएं। उन्हें देरी के कारण और गाड़ी की मौजूदा स्थिति के बारे में जवाब देना होगा। कोर्ट इस मामले में उचित आदेश जारी करेगा।