आतंकी डॉ. अदील से मिलने वाले 8 लोग कौन?:सहारनपुर में अकेला रहता था, 5 लाख सैलरी; पत्नी भी सर्जन

सहारनपुर से गिरफ्तार आतंकी डॉ. अदील अहमद और उसके साथियों की यूपी को दहलाने की साजिश थी। जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े इन आतंकियों की बाकायदा ट्रेनिंग हुई थी।

इसके बाद ये भारत आए और वेस्ट यूपी और दिल्ली से सटे इलाकों को अपना ठिकाना बनाया। सूत्रों के मुताबिक, जांच में पता चला कि डॉ. अदील के किराए के घर पर रात में आठ लोग आते थे। ये आठ लोग कौन हैं? सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं।

इसके अलावा, डॉ. अदील के करीबी सात डॉक्टरों से भी पूछताछ की जा रही है। एजेंसियां सभी के बैंक खातों और मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाल रही हैं। फरीदाबाद मॉड्यूल में सबसे पहले अदील की ही अरेस्टिंग हुई। फिर उसने डॉ. उमर, मुजम्मिल और नाम कबूले। इससे बाद ताबड़तोड़ एक्शन हुए।

डॉ. अदील जैश-ए-मोहम्मद से कैसे जुड़ा? आतंकी मुजम्मिल, डॉ. शाहीन और डॉ. उमर से कैसे मिला? इन सभी का आपस में क्या कनेक्शन है? ये एक-दूसरे को कैसे जानते हैं? अमोनियम नाइट्रेट का जखीरा डॉ. मुजम्मिल तक कब पहुंचा?

कौन है डॉ. अदील

  • डॉ. अदील कश्मीर के कुलगाम जिले के वानपुरा का रहने वाला है। उसने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई की। इसके बाद अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) में रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर नौकरी करने लगा। हालांकि, उसने 2024 में अनंतनाग सरकारी अस्पताल से इस्तीफा दे दिया और सहारनपुर आ गया। तब से वह सहारनपुर के अलग-अलग अस्पतालों में लोगों का इलाज करता रहा।
  • 2024 में उसने दिल्ली रोड स्थित आस्कर अस्पताल (वी-ब्रास) में एक साल तक काम किया। वहीं उसकी मुलाकात आस्कर अस्पताल में काम करने वाले डॉ. अंकुर चौधरी से हुई। बाद में डॉ. अंकुर ने डॉ. अदील की मुलाकात फेमस मेडिकेयर अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. मनोज मिश्रा से कराई। वहां उसकी सैलरी 5 लाख रुपए हर महीने तय हुई।
  • अदील सुबह से शाम 7 बजे तक अस्पताल में रहता था। 4 अक्टूबर को अदील की शादी जम्मू-कश्मीर में हुई। उसने डॉ. बाबर, डॉ. असलम सैफी समेत चार मुस्लिम डॉक्टरों को शादी का कार्ड दिया, लेकिन अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. मनोज मिश्रा को नहीं बुलाया।
  • शादी के 27 दिन बाद, यानी 1 नवंबर को वह सहारनपुर लौटा। हनीमून पर जाने की तैयारी कर रहा था। 6 नवंबर को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, डॉ. अदील का भाई भी डॉक्टर है। उसकी पत्नी रुकैया सर्जन है।

डॉ. अदील जैश से कैसे जुड़ा, जानिए—

डॉ. अदील की श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान मुलाकात शोपियां निवासी मौलवी इरफान अहमद से हुई। इरफान श्रीनगर के बाहरी इलाके छनपुरा स्थित मस्जिद अली नक्कीबाग का इमाम है। वह कश्मीर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ग्राउंड-लेवल पर सक्रिय सदस्य है, जो लोगों को संगठन से जोड़ने का काम करता है।

इरफान आतंकवादियों को हथियारों की सप्लाई करता है और कश्मीरी युवाओं को आतंकी प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान भेजने में मदद करता है। इसके अलावा वह पत्थरबाजी की घटनाओं को भी अंजाम दिलवाता है। इसी दौरान इरफान ने डॉ. अदील की मुलाकात गांदरबल निवासी जमीर अहमद अहंगर नाम के युवक से कराई।

जमीर का काम नए युवाओं को ट्रेनिंग देना और उनका ब्रेनवॉश करना था। उसने डॉ. अदील का भी ब्रेनवॉश किया और उसे जैश-ए-मोहम्मद से जोड़ दिया।

कैसे अदील तक पहुंची पुलिस जानिए

17 अक्टूबर को मौलवी इरफान ने नौगाम इलाके में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पोस्टर लगवाए। पोस्टर लगाने वालों में नौगाम के रहने वाले आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार शामिल थे। ये सभी CCTV कैमरे में कैद हो गए। 19 अक्टूबर को श्रीनगर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया।

श्रीनगर के एसएसपी संदीप चक्रवर्ती की अगुआई में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि पोस्टर मौलवी इरफान और डॉ. अदील के कहने पर लगाए गए थे। पुलिस ने मौलवी इरफान को पकड़ा। उससे मिले इनपुट के आधार पर जमीर अहमद अहंगर को भी गिरफ्तार किया गया। फिर पुलिस ने डॉ. अदील की तलाश शुरू की।

पुलिस जब जमीर को लेकर डॉ. अदील के घर पहुंची, तो पता चला कि 1 नवंबर को वह सहारनपुर आया है और यहां एक अस्पताल में नौकरी कर रहा है। 6 नवंबर को यूपी एटीएस की मदद से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. अदील को सहारनपुर से गिरफ्तार कर लिया।

डॉ. अदील ने शाहीन, मुजम्मिल का नाम कबूला

डॉ. अदील ने पूछताछ में बताया कि उसके साथ डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई उर्फ मुसाइब, उसकी गर्लफ्रेंड शाहीन और डॉ. उमर भी शामिल हैं। डॉ. मुजम्मिल हरियाणा के फरीदाबाद में रहता है और अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर है।

अदील ने यह भी कबूला कि उसके पास एक AK-56 राइफल है, जिसे उसने अनंतनाग गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के लॉकर में छिपाकर रखा था। पुलिस ने वहां छापा मारकर राइफल बरामद कर ली। इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद से डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार किया।

उसके घर से विस्फोटक बरामद हुए। फिर उसकी गर्लफ्रेंड शाहीन को भी पकड़ा गया। शाहीन उसी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थी। उसके पास से पुलिस को एक AK-47 राइफल मिली।

फरीदाबाद से भागा उमर, दिल्ली में विस्फोट किया

मुजम्मिल की पूछताछ में सामने आया कि उसकी दोस्ती मेवात के सिंगार-पुनहाना गांव निवासी हाजी इश्तियाक से है, जो आतंकी गतिविधियों में शामिल है। पुलिस ने हाजी इश्तियाक को गिरफ्तार किया। उसने फरीदाबाद में एक मकान किराए पर ले रखा था। मकान में छापा मारने पर पुलिस को 88 बोरे मिले, जिनमें कुल 2563 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद हुई।

यह मकान अल फलाह यूनिवर्सिटी के पीछे था। यहां से अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम, फ्यूल ऑयल, डेटोनेटर, बैटरियां और टाइमर बरामद हुए। इसके अलावा, पुलिस ने एके सीरीज की दो राइफलें, एक चाइनीज स्टार पिस्टल और एक बेरेटा पिस्टल भी जब्त कीं। आतंकियों से पूछताछ के बाद पुलिस जम्मू-कश्मीर पहुंची।

यहां आरोपियों ने बताया कि कुछ विस्फोटक डॉ. उमर के पास हैं, जो अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता है। पुलिस जब फरीदाबाद पहुंची तो उमर को भनक लग गई। सोमवार (10 नवंबर) की सुबह करीब 7 बजे वह अपनी आई-20 कार से फरीदाबाद से निकला। 8 बजकर 13 मिनट पर वह बदरपुर टोल प्लाजा से दिल्ली में दाखिल हुआ। 8:20 बजे उसकी कार ओखला इंडस्ट्रियल एरिया के एक पेट्रोल पंप पर देखी गई।

दोपहर 3:19 बजे यह कार लाल किला परिसर के पास स्थित पार्किंग एरिया में दाखिल हुई। करीब तीन घंटे तक कार वहीं खड़ी रही, इसके बाद विस्फोट हो गया। सूत्रों के मुताबिक, करीब 15 दिन पहले ही अमोनियम नाइट्रेट का जखीरा डॉ. मुजम्मिल तक पहुंचा था।

डॉ. अदील, मुजम्मिल और उमर का कनेक्शन

24 फरवरी 1989 को जन्मे डॉ. उमर ने मेडिकल की पढ़ाई गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर से की। वहीं उसकी दोस्ती डॉ. अदील और डॉ. मुजम्मिल से हुई। 2017 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद उमर और मुजम्मिल ने यहीं रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर काम किया।

दो साल पहले दोनों फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में नौकरी करने आ गए, जबकि डॉ. अदील अनंतनाग में ही कार्यरत रहा। अल फलाह यूनिवर्सिटी में ही शाहीन की मुलाकात डॉ. मुजम्मिल से हुई। ये सभी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ने के बाद भारत में विस्फोट करने के टारगेट के साथ आए थे।

अंबाला और सरसावा एयरफोर्स स्टेशनों की जासूसी का शक

डॉ. अदील के नजदीकी डॉ. असलम जैदी, रुड़की के रहने वाले रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी हैं। वे डॉ. बाबर के भी करीबी हैं। जम्मू-कश्मीर में डॉ. अदील की शादी में भी शामिल हुए थे। पुलिस और खुफिया एजेंसियां डॉक्टरों से सभी पहलुओं पर पूछताछ कर रही हैं।

खुफिया विभाग के अधिकारियों को शक है कि आतंकियों की नजर सरसावा और अंबाला दो बड़े एयरफोर्स स्टेशनों पर भी थी। जांच की जा रही है कि कहीं ये आतंकी अपने साथियों को एयरफोर्स की जानकारी तो नहीं भेज रहे थे।

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