पंजाब की अलग-अलग जेलों में बंद अपराधियों तक ISI अपनी पहुंच बना रहा है। नशा तस्करी आदि केसों में बंद अपराधियों को नार्को टेरर का हिस्सा ISI बना रहा है। विदेशों में बैठे गैंगस्टरों की मदद से जेलों में ISI अपने लिंक बना रहा है। इस बात का खुलासा लुधियाना में मिले हैंड ग्रेनेड केस के बाद हुआ है।
जिला पुलिस ने पाकिस्तान के इस आतंकी मॉड्यूल का बीते दिन भंडाफोड किया है। हैंड ग्रेनेड की इस वारदात को अंजाम देने वाला मास्टर माइंड पाकिस्तान में छिपा है। मुख्य गुर्गे अजय मलेशिया के जरिए मुक्तसर जेल तक ISI ने अपनी पहुंच की। वहीं से हैंड ग्रेनेड लुधियाना तक पहुंचाने की योजना बनाई गई।
अजय मलेशिया का पाकिस्तानी लिंक खंगाल रही पुलिस
लुधियाना पुलिस अब अजय मलेशिया के पाकिस्तानी लिंक को खंगाल रही है। पुलिस अफसर अब पंजाब व राजस्थान की जेलों में बंद गैंगस्टरों के गुर्गों को शॉर्टलिस्ट करके उनका रिकार्ड खंगालने की तैयारी कर रही है।
जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा ने बताया कि शुरूआती जांच से पता चला है कि आरोपी मलेशिया में तीन सदस्यों के माध्यम से पाकिस्तान स्थित हैंडलर के संपर्क में थे। विदेशी हैंडलर ने कथित तौर पर आरोपियों को एक हैंड ग्रेनेड लुधियाना तक पहुंचाने का जिम्मा सौंपा था ताकि भीड़भाड़ वाले इलाके में हमला किया जा सके।
तीन मास्टरमाइंड- अजय उर्फ अजय मलेशिया, जस्स बेहबल और पवनदीप ये तीनों आरोपी श्री गंगानगर राजस्थान के मूल निवासी हैं। इस समय ये मलेशिया में रह रहे हैं। शक है कि तीनों आरोपी पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के साथ जुड़े है। इन आरोपियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी किए जा रहे हैं।
27 अक्तूबर को शुरू हुआ ऑपरेशन
पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा मुताबिक यह ऑपरेशन 27 अक्टूबर को शुरू हुआ। जब पुलिस ने मुक्तसर साहिब के निवासी कुलदीप सिंह को एक लाइव चीनी हैंड ग्रेनेड, एक काले रंग की किट और दस्ताने की एक जोड़ी के साथ गिरफ्तार किया।
बस्ती जोधेवाल पुलिस स्टेशन में विस्फोटक अधिनियम की धारा 3, 4 और 5 और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 113 (आतंकवादी कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाद में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) भी इसमें जोड़ी गई।
इसके बाद, मुक्तसर साहिब के शेखर सिंह और अजय सिंह उर्फ अजय को भी गिरफ्तार किया गया। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी अमरीक सिंह, परमिंदर उर्फ चिरी और विजय को अलग-अलग जेलों से प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया और आरोपी के रूप में नामजद किया गया।
चार अन्य-फरीदकोट के सुखजीत सिंह उर्फ सुख बराड़ और सुखविंदर सिंह श्री गंगानगर के करनवीर सिंह उर्फ विक्की और मुक्तसर के साजन कुमार उर्फ संजू को भी कथित तौर पर कूरियर और सुविधा कर्ता के रूप में काम करने के लिए गिरफ्तार किया गया।
पहले ड्रग तस्करी, बाद में ग्रेनेड साजिश में शामिल किया
सीपी शर्मा ने कहा कि जांच से पता चला है कि मलेशिया स्थित मास्टरमाइंड अजय, जस्स और पवनदीप ने पहले अमरीक सिंह और परमिंदर उर्फ चिरी का इस्तेमाल ड्रग तस्करी के संचालन में किया था और बाद में उन्हें ग्रेनेड साजिश में शामिल किया।
अजय मलेशिया के भाई और वर्तमान में एनडीपीएस मामले में गंगानगर जेल में बंद विजय को भी ऑपरेशन को सुविधाजनक बनाने में उनकी भूमिका के लिए प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया था।
शर्मा ने कहा कि जांच में विदेशी हैंडलर और स्थानीय कूरियर के माध्यम से पंजाब में विस्फोटकों की तस्करी के लिए संचालित एक सुव्यवस्थित सीमा पार नेटवर्क का पता चला है। मॉड्यूल की फंडिंग और संचार लिंक का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां और बरामदगी होने की संभावना है।