दिल्ली में प्रदूषण, 50% वर्क फ्रॉम होम नियम लागू:सरकारी-प्राइवेट दफ्तरों में सिर्फ आधे कर्मचारी जाएंगे; मजदूरों के खातों में ₹10 हजार ट्रांसफर करेगी सरकार

दिल्ली में जानलेवा प्रदूषण के चलते भाजपा सरकार ने बुधवार को सभी सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में 50% वर्क फ्रॉम होम नियम अनिवार्य कर दिया है। यानी अब सभी दफ्तरों में सिर्फ आधे कर्मचारी जाएंगे। आधे कर्मचारी घर से काम करेंगे।

दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ये नियम गुरुवार से लागू होंगे। कुछ सेक्टरों, जैसे हेल्थकेयर, फायर सर्विस, जेल प्रशासन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, डिजास्टर मैनेजमेंट जैसे जरूरी सेवाएं देने वाली संस्थानों को 50% वर्क फ्रॉम होम नियम से छूट दी गई है।

कपिल मिश्रा ने बताया कि दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का तीसरा फेज, (GRAP-3) लगने से निर्माण कार्य बंद है। इससे दिहाड़ी मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इसलिए दिल्ली सरकार मुआवजे के तौर पर सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों के खातों में ₹10,000 ट्रांसफर करेगी।

दिल्ली में हवा बहुत खराब, दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर

दिल्ली में हवा में घुला जहर कम हाेने का नाम ही नहीं ले रहा है। शहर में बुधवार सुबह AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 328 रहा। हवा का स्तर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। शहर में सुबह से स्मॉग की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, कल की तुलना में वायु गुणवत्ता में हल्का सुधार हुआ है। मंगलवार को AQI 377 था।

आज सुबह 9 बजे दर्ज आंकड़ों के अनुसार, 40 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 30 जगह हवा की क्वालिटी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। बवाना में सबसे ज्यादा AQI 376 दर्ज हुआ। सुबह के समय शहर के कई इलाकों में स्मॉग और कोहरे की वजह से विजिबिलिटी भी कम रही।

दिल्ली में मंगलवार को AQI 378 दर्ज हुआ। दुनिया भर के शहरों की एयर क्वालिटी मापने वाली स्विस कंपनी आईक्यूएयर के अनुसार दिल्ली दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। 425 AQI के साथ दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर लाहौर जबकि दूसरे नंबर पर सारायेवो (बोस्निया हर्जेगाेविना) 406 रहा।

दिल्ली में ग्रैप-4 लागू, फिर भी प्रदूषण बेअसर

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 13 दिसंबर को पहले GRAP-3 और फिर GRAP-4 लागू किया, लेकिन हालात नहीं सुधरे। GRAP-4 में 50% कर्मचारियों का वर्क फ्रॉम होम, बीएस-4 बड़े व्यावसायिक वाहनों की एंट्री पर रोक, निर्माण कार्य बंद, स्कूल हाइब्रिड मोड में, कचरा/ईंधन जलाने पर प्रतिबंध, डीजल जेनरेटर, आरएमसी प्लांट, स्टोन क्रशर, ईंट भट्ठे और खनन पर रोक शामिल है। कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री के परिवहन पर भी प्रतिबंध है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने प्रदूषण नहीं रोक पाने पर माफी मांगी

इस बीच, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को प्रदूषण पर प्रभावी अंकुश नहीं लगने पर माफी मांगी है। उन्होंने स्वीकारा कि प्रदूषण के कारण बच्चों की सेहत पर असर पड़ रहा है। सिरसा ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती आप सरकार की नीतियों के कारण प्रदूषण समस्या बन गया है।

प्रदूषण कंट्रोल सर्टिफिकेट के बिना वाहनों को कल से फ्यूल नहीं

सिरसा ने सख्त प्रावधानों का भी ऐलान किया। इसके तहत गुरुवार से दिल्ली के पंपों पर बिना प्रदूषण कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसी) वाले वाहनों को फ्यूल नहीं दिया जाएगा। साथ ही दिल्ली से बाहर के बीएस-6 वाले वाहनों को ही एंट्री दी जाएगी।

दिल्ली के भीतर निर्माण सामग्री के परिवहन पर भी रोक जारी रहेगी। निर्माण सामग्री का परिवहन करते वाहनों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। ऐसे वाहनों को सीज करने की कार्रवाई भी होगी।

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