अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 14 दिन से चल रहा छात्रों का प्रदर्शन अब आमरण अनशन में बदल चुका है। लगातार प्रदर्शन करने के बाद अब छात्र बाब-ए-सैयद गेट पर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। वहीं, छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रॉक्टर टीम के 2 डिप्टी प्रॉक्टर और 2 असिस्टेंट प्रॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया है।
छात्रों के विरोध को देखते हुए इंतजामिया ने इनके इस्तीफे भी स्वीकार कर लिए हैं। बीते 8 अगस्त को छात्रों के अभद्रता के मामले में छात्र लगातार प्रॉक्टर के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि छात्रों के साथ अभद्रता की गई है, जबकि वह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे और टीम ने उनके साथ अभद्रता की। इसलिए प्रॉक्टर को इस्तीफा देना चाहिए।
8 अगस्त को हुआ था छात्रों से विवाद
फीस बढ़ोत्तरी के विरोध में छात्र बीते 2 अगस्त से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते शुक्रवार को उन्होंने बाब-ए-सैयद गेट पर जुमे की नमाज अदा करनी चाही थी। तभी प्रोक्टोरिल टीम वहां पर आ गई थी और छात्रों को गेट पर नमाज पढ़ने से रोक दिया था।
जिसके बाद छात्रों और प्रोक्टोरिल टीम के बीच में विवाद हुआ था और फिर पुलिस को मौके पर बुला लिया गया था। पुलिस ने छात्रों को खदेड़कर पीछे कर दिया था। छात्र पुलिस कार्रवाई से नाराज थे और इसके बाद से ही प्रॉक्टर के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
छात्रों के आगे झुका एएमयू, मिला आश्वासन
एएमयू में 42 प्रतिशत फीस वृद्धि के विरोध में छात्र-छात्राएं लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी में ज्यादातर बच्चे गरीब और जरूरतमंद परिवार के हैं। इतनी फीस बढ़ाए जाने से छात्रों का भविष्य संकट में पड़ जाएगा और वह फीस नहीं दे पाएंगे।
फीस कम करने की मांग को लेकर ही प्रदर्शन चल रहा था। जिसके बाद इंतजामिया बैकफुट पर आया और उन्होंने तत्काल प्रॉक्टर टीम के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। इसके साथ ही उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया है कि फीस बढ़ोत्तरी को कम किया जाएगा। अधिकतम 20 प्रतिशत तक ही फीस बढ़ाई जाएगी।
वीसी ने इस्तीफे किए स्वीकार
छात्रों के विरोध के बाद डिप्टी प्रॉक्टर प्रो. सैयद अली नवाज जैदी, डिप्टी प्रॉक्टर मोहम्मद आसिफ, असिस्टेंट प्रॉक्टर डॉ. अनवार अहमद और असिस्टेंट प्रॉक्टर डॉ. इमरान अहमद उस्मानी ने इस्तीफे दिए थे। जिसके बाद वाइस चांसलर ने सभी इस्तीफे स्वीकार कर लिए। संयुक्त रजिस्ट्रार एमएम सुरूर अतहर की ओर से आधिकारिक पत्र जारी करते हुए इस्तीफे स्वीकार करने की जानकारी दी गई है।
दो गुटों में बंटे छात्र, लगाए आरोप
इंतजामिया की ओर से छात्रों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया है। फीस वृद्धि में भी संशोधन किया जाएगा और छात्रसंघ चुनाव कराने पर भी चर्चा की जाएगी। जिसके बाद छात्रों के एक गुट ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी।
वहीं, दूसरा गुट कैंपस के अंदर आमरण अनशन पर बैठ गया है। उसका कहना है कि जब तक लिखित आदेश जारी नहीं होंगे, उनका आंदोलन जारी रहेगा। वहीं उन्होंने कहा कि सिर्फ तीन छात्र आंदोलन खत्म करने की बात कह रहे हैं। वह सभी को गुमराह कर रहे हैं। छात्रों का आंदोलन खत्म नहीं हुआ है।