दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों के प्रमुख अब सिर्फ कारोबारी चेहरे नहीं रहे, बल्कि राजनीति, समाज और जनभावनाओं के सीधे निशाने पर हैं। इसी वजह से उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा पर खर्च हैरान करने वाले स्तर तक पहुंच गया है।
2024 में 10 बड़ी टेक कंपनियों ने अपने सीईओ की सुरक्षा पर करीब ₹369 करोड़ (45 मिलियन अमेरिकी डॉलर) से ज्यादा खर्च किया। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा मेटा के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग और उनके परिवार की सुरक्षा का रहा, जिस पर अकेले करीब ₹221 करोड़ (27 मिलियन डॉलर) खर्च हुए।
दरअसल, अब खतरे केवल कारोबारी प्रतिद्वंद्वियों और असंतुष्ट कर्मचारियों से नहीं हैं। डेटा का दुरुपयोग, बड़े पैमाने पर छंटनी, अरबों डॉलर की दौलत और राजनीति में सीधी दखल ने टेक दिग्गजों को आम जनता के गुस्से का निशाना बना दिया है।
- मेटा ने 2024 में जुकरबर्ग और उनके परिवार की सुरक्षा पर ₹221 करोड़ खर्च किए। इनमें कैलिफोर्निया के पैलो आल्टो स्थित आवास की सुरक्षा व यात्रा सुरक्षा शामिल है।
इलॉन मस्क की सुरक्षा में 20 गार्ड
- टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक इलॉन मस्क की सिक्योरिटी पर खर्च का पूरा आंकड़ा सार्वजनिक नहीं है, लेकिन 2023 में टेस्ला ने उनकी सुरक्षा पर ₹21 करोड़ खर्च किए। मस्क अब खुद की फाउंडेशन सिक्योरिटी कंपनी के जरिए सुरक्षा का इंतजाम करते हैं और 20 बॉडीगार्ड्स के साथ चलते हैं।
बेजोस की सेफ्टी पर ₹13 करोड़ का खर्चा
- अमेजन हर साल जेफ बेजोस की सुरक्षा पर करीब ₹13 करोड़ खर्च करता है। मौजूदा सीईओ एंडी जासी पर भी कंपनी का सुरक्षा बजट हर साल बढ़ रहा है।
- हुआंग की सेफ्टी में ₹29 करोड़ का खर्चा एनवीडिया ने 2024 में हुआंग की सुरक्षा पर ₹29 करोड़ खर्च किए। उनकी 13.36 लाख करोड़ की संपत्ति और एआई पॉलिसी में सीधी भूमिका ने खतरे को बढ़ा दिया है।
- डाइमोन की सुरक्षा ₹7.2 करोड़ खर्च जेपी मॉर्गन के सीईओ जेमी डाइमोन की सुरक्षा पर 2024 में ₹7.2 करोड़ खर्च हुए। इन सभी आंकड़ों से स्पष्ट है कि सुरक्षा अब कंपनियों का स्थायी खर्च बन चुकी है।
अमेरिकी हेल्थकेयर कंपनी के CEO की हत्या से खौफ में टेक दिग्गज
- 2024 में अमेरिकी हेल्थकेयर कंपनी यूनाइटेड हेल्थकेयर के प्रमुख ब्रायन थॉम्पसन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावर को सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर समर्थन भी मिला, जिसने कॉर्पोरेट दुनिया को हिला दिया था।
- 2025 में न्यूयॉर्क के एक ऑफिस बिल्डिंग में हुई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई। हमलावर ने राष्ट्रीय फुटबॉल लीग को निशाना बनाया था।
- पेलांटिर के एलेक्स कार्प को इजराइली सेना और अमेरिकी इमिग्रेशन विभाग के साथ काम करने के कारण मौत की धमकियां मिल रही हैं।
एजेंसियां सोशल मीडिया इंटेलिजेंस की सर्विस भी दे रहीं
सुरक्षा खतरे अब केवल हथियारबंद हमलों तक सीमित नहीं रहे। साइबर हमले, घर में सेंध और डीपफेक तकनीक ने सुरक्षा के नए आयाम खोल दिए हैं।
सुरक्षा एजेंसियां अब सिर्फ बॉडीगार्ड्स तक सीमित नहीं हैं। वे साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल मॉनिटरिंग और सोशल मीडिया इंटेलिजेंस जैसी सेवाएं भी दे रही हैं।
एआई आधारित डीपफेक वॉइस का इस्तेमाल करके कंपनियों से फर्जी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन करवाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। ऐसे में सीईओ और कंपनियों के डेटा की सुरक्षा अब प्राथमिकता बन गई है।