79वें स्वतंत्रता दिवस पर PM मोदी ने लालकिले पर लगातार 12वीं बार तिरंगा फहराया। इस दौरान उन्होंने अब तक का सबसे लंबा भाषण दिया। पीएम ने 103 मिनट के भाषण की शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर से की। इस पर 13 मिनट से ज्यादा बोले।
उन्होंने आतंकवाद, सिंधु समझौता, आत्मनिर्भरता, मेड इन इंडिया, नक्सलवाद और अवैध घुसपैठियों पर अपनी बात रखी। उन्होंने पहली बार लाल किले से आरएसएस का जिक्र किया।
पीएम ने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने वो करके दिखाया, जो दशकों तक भुला नहीं सकते। सैकड़ों किमी दुश्मन की धरती में घुसकर आतंकियों को नेस्तनाबूद किया। पाकिस्तान की नींद अभी तक उड़ी है। अगर हम आत्मनिर्भर न होते, तो क्या ऑपरेशन सिंदूर इतनी तेजी से कर पाते। इसी कारण दुश्मन को पता भी नहीं चला कि कौन सा हथियार उन्हें खत्म कर रहा।’
पहले बात 2 ऐलान की; GST घटेगा, आज से रोजगार वाली नई योजना
- GST रिफॉर्म: इस दिवाली पर सरकार GST रिफॉर्म ला रही है। इससे आम लोगों को टैक्स में बड़ी राहत मिलेगी।
- 23.5 करोड़ नौजवानों को रोजगार: आज से प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना लागू की जा रही है। इस योजना के तहत निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले बेटे-बेटी को 15 हजार रुपए सरकार की तरफ से दिए जाएंगे। कंपनियों को भी जो ज्यादा रोजगार जुटाएगा, उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह योजना करीब 3.5 करोड़ नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर बनाएगी।
12 साल में पहली बार लाल किले से RSS का जिक्र
‘आज गर्व के साथ मैं इस बात का जिक्र करना चाहता हूं कि आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। 100 साल की राष्ट्र की सेवा बहुत ही गौरवपूर्ण है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर 100 साल मां भारती के कल्याण का लक्ष्य लेकर मातृभूमि के लिए अपना जीवन समर्पित किया, सेवा, समर्पण संगठन और अप्रतिम अनुशासन जिसकी पहचान रही है। ऐसा आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है।’
टैरिफ का बिना नाम लिए ट्रम्प को संदेश
‘भारत के किसान, पशुपालक, मछुआरे, हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं। इससे जुड़ी किसी भी अहितकारी नीति के आगे मोदी दीवार बनकर खड़ा है। भारत, अपने किसानों, पशुपालकों, मछुआरों के संबंध में कभी भी कोई समझौता नहीं स्वीकार करेगा।’
पीएम का यह बयान ऐसे समय में आया है अमेरिका और भारत के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) पर बातचीत हो रही है। इसमें अमेरिका चाहता है कि भारत कृषि और डेयरी सेक्टर में टैक्स कम करे। साथ ही मक्का, सोयाबीन, सेब, बादाम, एथेनॉल जैसे सामान पर टैरिफ कम करने और अमेरिकी डेयरी उत्पादों को भारत में ज्यादा बेचने की अनुमति दे।
मोदी की 6 बड़ी बातें; खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा
1. ऑपरेशन सिंदूर में सेना को खुली छूट दी:
‘आज मुझे लाल किले की प्राचीर से ऑपरेशन सिंदूर के वीर जांबाजों को सैल्यूट करने का अवसर मिला है। हमारे सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने जिस प्रकार का कत्ले आम किया। धर्म पूछकर लोगों को मारा। पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था। पूरा विश्व इस संहार से चौंक गया था। ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है।
हमने सेना को खुली छूट दी। हमारी सेना ने वो करके दिखाया, जो कई दशकों तक भुलाया नहीं जा सकता। सैकड़ों किमी दुश्मन की धरती में घुसकर आतंकियों को नेस्तनाबूद किया। पाकिस्तान की नींद अभी उड़ी है। पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि रोज नए खुलासे हो रहे हैं।
2. खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा:
सिंधु का समझौता कितना एकतरफा है। भारत का पानी दुश्मनों की धरती को सींच रहा है। मेरे देश की धरती प्यासी है। पिछले कई दशक से इस समझौते ने देश के किसानों का नुकसान किया। अब हमने न्यू नॉर्मल स्थापित किया है। आतंक और आतंकियों को पालने पोसने वालों को अब हम अलग-अलग नहीं मानते। वे मानवता के समान दुश्मन हैं। अब भारत ने तय कर लिया है कि परमाणु धमकियों को हम नहीं सहेंगे। परमाणु ब्लैकमेल अब नहीं सहा जाएगा। आगे भी अगर दुश्मनों ने कोशिश जारी रखी तो हमारी सेना तय करेगी कि सेना की शर्तों पर सेना जो लक्ष्य तय करे उसे हम अमल में लाएंगे। भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा।
3. किसी की लकीर छोटी करने में ऊर्जा न खपाएं:
‘हमें किसी की भी लकीर छोटी नहीं करनी है। किसी की लकीर को छोटा करने में हमें अपनी ऊर्जा नहीं खपानी है। हमें अपनी लकीर लंबी करनी है। हम अगर अपनी लकीर लंबी करते हैं तो दुनिया भी हमारा लोहा मानेगी और ऐसे समय में जब वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, आर्थिक स्वार्थ बढ़ रहा है तो समय की मांग है कि हम उन संकटों पर रोते नहीं रहें बल्कि हिम्मत के साथ अपने रास्ते पर आगे बढ़ते रहे। अगर हमने ये रास्ता चुन लिया तो फिर कोई स्वार्थ हमें अपने चंगुल में नहीं फंसा सकता। बीता दशक रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का रहा है, लेकिन अब हमें और नई ताकत से जुटना है।’
3. दाम कम, लेकिन दम ज्यादा:
दुनिया गुणवत्ता को स्वीकार करती है। हमारी गुणवत्ता सर्वोत्तम होनी चाहिए। सरकार कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने और उत्पादन लागत कम करने के लिए भी प्रयास कर रही है। विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े हम सभी लोगों को एक मंत्र अपनाना चाहिए, ‘दाम कम लेकिन दम ज़्यादा’।
भारत में बने उत्पाद, भारत के नागरिकों की कड़ी मेहनत से बने, हमारी मिट्टी की खुशबू से युक्त, आत्मनिर्भरता के संकल्प को मजबूत करने वाले, हम उन्हीं को खरीदेंगे, उन्हीं का उपयोग करेंगे, और उसी दिशा में आगे बढ़ेंगे। यही हमारा सामूहिक संकल्प होना चाहिए।
4. मोटापा समस्या, लोग घरों में 10% कम तेल का इस्तेमाल करें:
मोटापा हमारे देश के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में हर तीन में से एक व्यक्ति मोटापे से प्रभावित होगा। हमें खुद को मोटापे से बचाना होगा। इसलिए सभी को इसमें भाग लेना होगा और मैंने एक छोटा सा उपाय सुझाया था।
परिवारों को यह तय करना चाहिए कि जब घर में खाना पकाने का तेल आए, तो वे 10% कम तेल का इस्तेमाल करेंगे। ऐसा करके हम मोटापे के खिलाफ लड़ाई जीतने में योगदान देंगे।
5. हमारा अपना मेड इन इंडिया जेट इंजन हो:
‘ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ISS से लौट चुके हैं। स्पेस में भी अपने बलबूते पर आगे बढ़ रहे हैं। भारत का भी अपना स्पेस स्टेशन होगा, भारत इस पर काम कर रहा है। 140 करोड़ भारतवासी 2047 में विकसित भारत के संकल्प को परिपूर्ण करने के लिए ताकत से जुटे हैं।
भारत आज हर सेक्टर आधुनिक इकोसिस्टम तैयार कर रहा है। यही हमें हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा। मैं अपने युवा, टैलेंटेड यूथ, हर के हर विभाग को आह्वान है कि हमारा अपना मेड इन इंडिया जेट इंजन होना चाहिए।”