कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि इस मामले में निर्णय पार्टी हाईकमान ही करेगा और इस पर वह कुछ नहीं कहना चाहते।
उन्होंने यह टिप्पणी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से शनिवार को हुई उनकी एक घंटे से अधिक की बैठक के बाद की। खड़गे ने मीडिया के सवालों पर कहा- जो भी होगा, हाईकमान करेगा। आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।
खड़गे से मुलाकात के बाद सिद्धारमैया ने कहा था कि वह हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे और सभी को भी ऐसा ही करना चाहिए। उन्होंने कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा को कयास और मीडिया क्रिएशन बताया था।
इधर, राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने संकेत दिया कि अगर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होता है तो वे भी सीएम पद की दौड़ में हैं। हालांकि हाईकमान से सीएम बदलने पर चर्चा नहीं हुई, न ही कांग्रेस विधायक दल में इस पर विचार हुआ।
वहीं, खड़गे के बयान पर बीजेपी विधायक सुरेश कुमार ने X पर लिखा- अगर कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष हाईकमान नहीं है, तो कौन है?
सिद्धरमैया के करीबी नेता भी खड़गे से मिले
रविवार को सिद्धारमैया के करीबी माने जाने वाले मंत्रियों एच सी महादेवप्पा और के. वेंकटेश ने भी रविवार को खड़गे से मुलाकात की। महादेवप्पा ने कहा कि कर्नाटक में इस समय CM बदलने की कोई स्थिति नहीं है और यदि कभी ऐसा हुआ तो हाईकमान ही फैसला करेगा।
2.5 साल पूरे होने पर बढ़ी खींचतान
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार का 20 नवंबर को 2.5 साल का कार्यकाल पूरा हुआ है। अब सत्ता संतुलन को लेकर बयानबाजी जारी है। कुछ विधायक जो डिप्टी CM डीके शिवकुमार के समर्थक माने जाते हैं, वे दिल्ली जाकर खड़गे से मिले थे। हालांकि, शिवकुमार ने ऐसे किसी कार्यक्रम की जानकारी होने से इनकार किया।
सूत्रों के मुताबिक सिद्धारमैया कैबिनेट फेरबदल के पक्ष में हैं। जबकि शिवकुमार चाहते हैं कि पार्टी पहले नेतृत्व परिवर्तन पर फैसला करे। पार्टी अंदरूनी हलकों में यह भी माना जा रहा है कि यदि हाई कमान कैबिनेट विस्तार को मंजूरी देता है, तो इससे सिद्धारमैया के पूरे कार्यकाल (5 साल) तक टिके रहने का संकेत मिल सकता है, जो शिवकुमार की सीएम बनने की संभावनाओं को कम कर देगा।
21 नवंबर: शिवकुमार ने खारिज कीं CM पद से जुड़ी अटकलें
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने 21 नवंबर को सीएम पद को लेकर चल रही अटकलों को खारिज किया था। शिवकुमार ने शुक्रवार को X पर पोस्ट किया था कि CM सिद्धारमैया अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। CM और मैंने, दोनों ने बार-बार कहा है कि हम हाईकमान की बात मानते हैं।
यह चर्चा शिवकुमार के करीबी विधायकों के 20 नवंबर को दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात के बाद शुरू हुई थी। समर्थकों ने दावा किया कि शिवकुमार को अगला सीएम बनना चाहिए। हालांकि डिप्टी सीएम ने कहा कि सभी विधायक हम सब के हैं। गुटबाजी मेरे खून में नहीं है।
CM ने कैबिनेट में फेरबदल करने का फैसला किया। हर कोई मंत्री बनना चाहता है इसलिए उनका दिल्ली में लीडरशिप से मिलना स्वाभाविक है। यह उनका अधिकार है। हम उन्हें रोक नहीं सकते।
क्या है पूरा मामला, 3 पॉइंट में समझें
- दरअसल डीके शिवकुमार के करीबी एक मंत्री और कुछ MLA गुरुवार को कांग्रेस के टॉप नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली गए थे। यह मुलाकात ऐसे समय हुई जब चीफ मिनिस्टर सिद्धारमैया के बतौर मुख्यमंत्री ढाई साल पूरे हो चुके हैं।
- 20 मई, 2023 को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद चीफ मिनिस्टर पद के लिए सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कड़ी टक्कर थी। कांग्रेस शिवकुमार को मनाने और उन्हें डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनाने में कामयाब रही थी। उस समय कुछ रिपोर्ट्स में चर्चा थी कि रोटेशनल चीफ मिनिस्टर फॉर्मूला के आधार पर समझौता हो गया है, जिसके अनुसार शिवकुमार ढाई साल बाद चीफ मिनिस्टर बनेंगे, लेकिन पार्टी ने उन्हें ऑफिशियली कन्फर्म नहीं किया है।
- माना जा रहा है कि शिवकुमार के कुछ लॉयल लोग चाहते थे कि उनके लीडर चीफ मिनिस्टर की कुर्सी पर बैठें। सूत्रों के अनुसार, मिनिस्टर एन चालुवरायस्वामी, MLA इकबाल हुसैन, एच सी बालकृष्ण और एस आर श्रीनिवास गुरुवार को दिल्ली गए हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को 12 और MLA दिल्ली पहुंच सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि कुछ दिन पहले लगभग 12 MLC ने दिल्ली में डेरा डाला था और कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी से बात की थी।
19 नवंबर: शिवकुमार ने प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने के संकेत दिए
डीके शिवकुमार ने संकेत दिए थे कि वे जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ सकते हैं। उन्होंने बेंगलुरु में इंदिरा गांधी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कहा था- मैं इस पद पर हमेशा नहीं रह सकता।
शिवकुमार ने कहा था…
साढ़े पांच साल हो चुके हैं और मार्च में छह साल हो जाएंगे। अब दूसरे नेताओं को भी अवसर मिलना चाहिए। हालांकि, उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा- मैं लीडरशिप में रहूंगा। चिंता मत करिए, मैं फ्रंटलाइन में रहूगा। मैं रहूं या न रहूं, इससे फर्क नहीं पड़ता। मेरी कोशिश है कि अपने कार्यकाल में पार्टी के 100 ऑफिस बनवाऊं।
16 नवंबर: सिद्धारमैया की खड़गे से मुलाकात
कर्नाटक सरकार में फेरबदल की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 16 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की थी। कांग्रेस नेताओं ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया था, लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि सिद्धारमैया ने खड़गे के साथ राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की।
सूत्रों ने अनुसार, अगर कांग्रेस हाईकमान मंत्रिमंडल में फेरबदल को मंजूरी देता है, तो यह संकेत होगा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। इससे शिवकुमार के CM बनने की संभावना खत्म हो जाएगी।
शिवकुमार ने कहा था- अगर पार्टी है, तो हम सब हैं
शिवकुमार ने भी खड़गे से दिल्ली में मुलाकात की थी। उन्होंने मुलाकात के बारे में पूछने पर पत्रकारों से कहा था- पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलना आम है, कोई खास बात नहीं। मंत्रिमंडल में फेरबदल और नेतृत्व में बदलाव की अटकलों पर शिवकुमार ने कहा- अगर पार्टी है, तो हम सब हैं।
शिवकुमार ने खुद को पार्टी का वफादार सिपाही बताते हुए कहा था कि वे तब तक प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे जब तक नेतृत्व चाहेगा कि वह इस पद पर बने रहें। हालांकि, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 2023 में कहा था कि शिवकुमार 2024 के लोकसभा चुनावों तक प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे।
क्या है रोटेशन फॉर्मूला?
2023 विधानसभा चुनाव के बाद दोनों नेताओं में तीखी प्रतिस्पर्धा थी। उस समय ढाई-ढाई साल के रोटेशन फॉर्मूले की चर्चा थी, जिसके मुताबिक शिवकुमार 2.5 साल बाद CM बन सकते थे, लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया है।