थरूर बोले- कांग्रेस पहले से ज्यादा वामपंथी रुख अपना रही:भाजपा से मुकाबले के लिए ये रवैया, मनमोहन ने BJP सरकार की नीतियां ली थीं

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि पार्टी पिछले कुछ सालों में पहले से ज्यादा वामपंथी रुख अपनाने लगी है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव BJP की ‘विभाजनकारी राजनीति’ का जवाब देने के लिए एक तरह की रणनीतिक कदम माना जा सकता है।

थरूर हैदराबाद में ज्योति कोमिरेड्डी मेमोरियल लेक्चर में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के दौर में कांग्रेस का रुख मध्यमार्गी था। तब कई नीतियां पिछली BJP सरकार से भी ली गई थीं।

दिल्ली में लाल किला के पास कार ब्लास्ट पर थरूर ने कहा कि आतंकी वारदात बर्दाश्त नहीं की जा सकती और सरकार को दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

थरूर की 2 बड़ी बातें…

  • AICC अध्यक्ष चुनाव पर थरूर ने कहा- मैं दोबारा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं रखता, क्योंकि पिछला अनुभव संतोषजनक नहीं था। लेकिन मैं यह भी मानता हूं कि किसी भी पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र बेहद जरूरी है। किसी भी पद पर कोई व्यक्ति अनिश्चितकाल तक नहीं बैठना चाहिए।
  • अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी के विदेशी स्किल्ड वर्करों को बुलाकर प्रशिक्षित करने और वापस भेजने वाले बयान पर थरूर ने कहा- भारत हमेशा यही चाहेगा कि हमारे लोग विदेश में काम करके अनुभव हासिल करें और फिर देश लौटकर यहां योगदान दें।

कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुके हैं थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर कई बार पार्टी की आधिकारिक लाइन से अलग बयान देकर चर्चा में रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘ऊर्जा और वैश्विक दृष्टि’ की तारीफ की थी। हाल ही में वे विदेश नीति से जुड़ी पहल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत के राजनयिक प्रतिनिधि की भूमिका में भी नजर आए।

उनके हाल के बयानों में केंद्र सरकार की विदेश नीति और कुछ विपक्षी राज्यों की नीतियों की तारीफ शामिल रही है, जिससे पार्टी नेतृत्व कई बार असहज हुआ है।

8 नवंबरः आडवाणी को एक घटना तक सीमित करना सही नहीं

8 नवंबर को लाल कृष्ण आडवाणी का 98वां जन्मदिन था। थरूर ने X पर आडवाणी के साथ वाली अपनी तस्वीर पोस्ट करते हुए उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थी।

उन्होंने लिखा- लालकृष्ण आडवाणी जी को उनके 98वें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं! जनसेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता, उनकी विनम्रता और शालीनता और आधुनिक भारत की दिशा तय करने में उनकी भूमिका अमिट है। एक सच्चे राजनेता, जिनका सेवामय जीवन अनुकरणीय रहा है।

3 नवंबरः भारत में पॉलिटिक्स फैमिली बिजनेस

थरूर ने 3 नवंबर को भारत की वंशवादी राजनीति की आलोचना की। उन्होंने ने एक अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन प्रोजेक्ट सिंडिकेट में लिखे अपने लेख में कहा- भारत में राजनीति फैमिली बिजनेस बन गई है। जब तक राजनीति परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती रहेगी, तब तक लोकतांत्रिक सरकार का असली मतलब पूरा नहीं हो सकेगा।

6 सितंबरः थरूर बोले, PM के नए लहजे का स्वागत– थरूर ने भारत-अमेरिका में टैरिफ को लेकर बढ़ते विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब की सराहना की थी। थरूर ने केरल के तिरुवनंतपुरम में न्यूज एजेंसी ANI से कहा था- मैं इस नए लहजे का एहतियात के साथ स्वागत करता हूं।

10 जुलाईः थरूर ने इमरजेंसी को काला अध्याय बताया– शशि थरूर ने मलयालम भाषा के अखबार ‘दीपिका’ में प्रकाशित आर्टिकल लिखा था कि इमरजेंसी को सिर्फ भारतीय इतिहास के काले अध्याय के रूप में याद नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इससे सबक लेना जरूरी है। उन्होंने नसबंदी अभियान को मनमाना और क्रूर फैसला बताया।

23 जूनः थरूर ने लिखा, मोदी की ऊर्जा भारत के लिए संपत्ति- थरूर ने द हिंदू में पब्लिश एक आर्टिकल में लिखा था कि मोदी की ऊर्जा, गतिशीलता और जुड़ने की इच्छा वैश्विक मंच पर भारत के लिए प्रमुख संपत्ति बनी हुई है, लेकिन उन्हें और ज्यादा सपोर्ट मिलना चाहिए।

8 मई: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर केंद्र की तारीफ की थी- सांसद शशि थरूर ने X पर लिखा था कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान और दुनिया के लिए मजबूत संदेश है। भारत ने 26 बेकसूर नागरिकों की मौत का बदला लेने के लिए सटीक कार्रवाई की।

19 मार्च: थरूर ने कहा- मोदी जेलेंस्की-पुतिन को गले लगा सकते हैं- थरूर ने रायसीना डायलॉग में बोलते हुए कहा- भारत के पास ऐसा प्रधानमंत्री है, जो वोलोदिमिर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन दोनों को गले लगा सकता है। हम दोनों जगहों (रूस और यूक्रेन) पर स्वीकार किए जाते हैं। थरूर ने कहा कि यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख का विरोध करना उनकी गलती थी।

15 फरवरी 2025: मोदी के अमेरिकी यात्रा की सराहना की थी- कांग्रेस सांसद ने 15-16 फरवरी को PM मोदी के अमेरिका दौरे पर कहा कि इस यात्रा से कुछ अच्छा हासिल हुआ है। व्यापार और सुरक्षा सहयोग में प्रगति हुई। मैं इसे एक भारतीय के रूप में सराहना करता हूं।

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