नई टेक्निक और दवाईयां किडनी मरीजों के लिए कारगर:ट्रांसप्लांट को लेकर फैले भ्रम दूर करने के लिए जागरुकता ही एक रास्ता

इंडियन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी, वेस्ट जोन चैप्टर (ISNWZ) एनुअल कॉन्फ्रेंस का तीसरा और अंतिम दिन भी ज्ञान और अनुभव से भरपूर रहा। तीसरे दिन की शुरुआत क्विज से हुई। इसमें युवा डॉक्टर्स ने अपनी समझ और प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।

इसके बाद विशेषज्ञों ने अपने शोध और अनुभव साझा किए। खास तौर पर छोटे शहरों में किडनी रोगियों के सामने आने वाली चुनौतियों और वहां इलाज को बेहतर बनाने की जरूरत पर विस्तार से बात हुई।

हाइपरटेंशन और डायबिटीज कंट्रोल पर हुए सेशंस में डॉक्टरों ने बताया कि समय पर जांच और सही इलाज से मरीजों को बड़ी परेशानी से बचाया जा सकता है। ब्लड प्रेशर की नियमित जांच और संतुलित जीवनशैली को किडनी हेल्थ के लिए बेहद जरूरी बताया गया दोपहर बाद हुए डायलिसिस सत्र में मरीजों की देखभाल और कैथेटर से जुड़ी जटिलताओं पर चर्चा हुई। नए समाधानों और बेहतर तकनीकों की जानकारी भी साझा की गई।

देखभाल और नई तकनीक पर चर्चा

नासिक से आए किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. देओदत्त चाफेकर ने कहा इस बार कॉन्फ्रेंस में हाई बीपी, डायलिसिस मैनेजमेंट और छोटे शहरों तक इलाज पहुंचाने पर विशेष ध्यान दिया गया। मरीजों को बेहतर देखभाल और नई तकनीक का लाभ कैसे मिले, इस पर विस्तार से चर्चा हुई।

यहां मिली स्टडी और अनुभव का फायदा न सिर्फ डॉक्टरों को बल्कि मरीजों को भी होगा। इससे उनकी लाइफ क्वालिटी बढ़ेगी और जागरूकता भी फैलेगी। किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर फैले भ्रम दूर करने का रास्ता भी सिर्फ जागरूकता है। अब तकनीक और दवाओं के साथ मेडिकल साइंस के पास मरीजों की मदद करने के बड़े अवसर हैं।

कॉन्फ्रेंस में 300 से ज्यादा डॉक्टर शामिल हुए

ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. प्रदीप सालगिया ने कहा यह कॉन्फ्रेंस बेहद सफल रही जिसमें ज्ञान और अनुभव का शानदार आदान-प्रदान हुआ। इंदौर में जोन की यह तीसरी कॉन्फ्रेंस थी। ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. राजेश भराणी ने कहा कॉन्फ्रेंस में 300 से ज्यादा डॉक्टर शामिल हुए और इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स भी ऑनलाइन मार्गदर्शन के लिए जुड़े।

यह एक बेहद इंटरेक्टिव कॉन्फ्रेंस रही। सभी विशेषज्ञों ने यह साझा किया कि कौन-से उपचार कितने प्रभावी हो सकते हैं। हम मरीजों से भी यही आग्रह करते हैं कि वे अपनी सेहत का ख्याल रखें, नियमित रूप से बीपी और शुगर की जांच कराएं। पर्याप्त पानी पिएं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।

3 दिन चली कॉन्फ्रेंस

शहर में 3 दिन तक चली कॉन्फ्रेंस का वेलेडिक्टरी फंक्शन और वोट ऑफ थैंक्स के साथ समापन हो गया। डॉक्टरों ने इस बात पर सहमति जताई कि ऐसे आयोजन न सिर्फ विशेषज्ञों को अपडेट रखते हैं, बल्कि मरीजों को भी बेहतर इलाज और जीवनशैली अपनाने की दिशा दिखाते हैं।

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