प्रयागराज से 30 किलोमीटर दूर बनईचा मलखानपुर गांव से तेंदुवा भागने में सफल हो गया। वन अधिकारियों के मजबूत सुरक्षा जाल को तोड़कर गंगा के कछार में गुम हो गया है।
ग्रामीणों के मुताबिक, उन्होंने तेंदुए को घेर कर एक चरी के खेत में कैद किया था। लेकिन, जंगली जानवर को पकड़ने आई वन विभाग की टीम ने सुस्ती से काम किया। गाव गंगा कछार के 2 दर्जन से अधिक गाव में भी जंगली जानवर का डर खड़ा हो गया है।
उसने 3 लोगों पर हमला कर उन्हें घायल किया। तो, हम लेपर्ड प्रभावित गांव में पहुंचे। तेंदुए को पकड़ने के लिए तीन वन रेंज की टीम मौके पर काम कर रही थी।
गांव के बाहर एक डेढ़ बीघे के खेत (पशु चारा चरी) के चारों तरफ वन कर्मियों ने मजबूत जाल लगा रखा था। अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन भगवान भरोसे मिला।
जिस खेत में तेंदुए के अंदर होने की बात ग्रामीणों ने बताई थी। वन टीम उसे जाल लगा कर तीन तरफ से घेरा बना कर खड़ी थी। अंधेरे में देखने का इंतजाम रात करीब 10 बजे गांव के प्रधान मनोज मौर्य की पहल के बाद हो सका।
बेहोशी की दवा नहीं आ सकी
वन अधिकारी खुद मौके पर काफी देर तक मौजूद रहे। लेकिन, ट्रिगुलाइजर गन में लगने वाला बेहोशी की दवा नहीं आ सकी थी। करीब रात 11 बजे कानपुर व लखनऊ के एक्सपर्ट डॉक्टर की टीम मलखानपुर पहुंची। इसके बाद डीएफओ अरविंद कुमार की मौजूदगी में जेसीबी मंगवाई गई।
जेसीबी जैसे ही खेत के करीब पहुंची उसमें डीजल खत्म हो गया। करीब एक घंटे बाद डीजल डाल कर जेसीबी को आगे बढ़ाया गया तो वह खेत में पानी के चलते धंसने लगी। बड़ी मुश्किल से तेंदुए वाली जगह पर जेसीबी चालक ने डर कर अंदर जाने से मना कर दिया।
इसी बीच दो आवारा गोवंश प्रभावित खेत के पास आकर चरने लगे। जो वन अधिकारियों के लिए तेंदुए को पकड़ने के लिए सुनहरे मौके की तरह था। लेकिन पूरी वन विभाग की टीम ज्यादातर समय ग्रामीणों से चाय नाश्ता करने में व्यस्त रही।
दिनभर चला अभियान, नहीं मिला
रेंजर एलके दुबे ने बताया, ग्रामीणों की सूचना के बाद से प्रयागराज के सभी रेंज की वन कर्मियों की टीम लगाई गई। पूरे दिन और रात तक सच ऑपरेशन चलाया गया।
ग्रामीणों के बताए गए स्थान पर थर्मल ड्रोन के जरिए सर्च किया गया। इसके अतिरिक्त जेसीबी के जरिए खेत की फसल को गिरा कर लोगों का भय दूर किया गया। तेंदुए के न मिलने पर उसका सर्च अभियान अभी भी जारी है। अब सर्च का दायरा बढ़ गया है। यह अभियान तेंदुए के पकड़े जाने तक जारी रहेगा।
सोमनाथ भारती ने बताया-तेंदुए के ना पकड़े जाने से गाव मे दर और दहशत का माहौल है। 2 दिन से ज्यादा का हो गया है। वह पकड़ मे नहीं आया।
जिसके चलते दो दिन से लोग अपने घर से बाहर नहीं आ रहे है। गांव वालों के अपने खेतों मे जाना छोड़ दिया है। वन अफसर कहते है कि तेंदुए को 2 इंजेक्शन लगा दिया गया है। जल्दी काबू में आ जाएगा।
अशोक कुमार ने बताया, तेंदुए पकड़ा नहीं गया है। जिससे आसपास के गांव के लोग बेहद डरे हुए है। लोग आपस में चर्चा कर रहे हैं कि वह खतरनाक जानवर कहीं गया नहीं है।
इसी क्षेत्र में छिपा है। छोटे बच्चो जानवरों और महिलाओं को निशाना बना सकता है। हम चाहते है कि प्रशासन जल्दी से तेंदुए को पकड़ कर पिजड़े मे डाले।