ग्वालियर में गेहूं की बोरियों में 50 से ज्यादा सल्फास की गोलियां और सल्फास कैप्सूल का छिड़काव ने एक परिवार को खत्म कर दिया है। परिवार का इकलौता चिराग वैभव और उसकी बहन क्षमा उर्फ वैष्णवी की मौत हो चुकी है, जबकि इनके मां-पिता की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है।
घायल पिता को अब याद आ रहा है कि शायद वह कूलर नहीं चलाया होता तो परिवार की यह हालत नहीं होती। जिस समय सल्फास की गोलियां पोर्च में रखे गेहूं में रखी गई थी। उस समय सत्येन्द्र शर्मा का परिवार घर पर नहीं था।
वह रात को लौटे तो सल्फास रखे जाने से अनजान थे। उन्होंने कमरे में अंदर से दरवाजा लगाया और सोने चले गए। इस दौरान गर्मी लगने पर कूलर ऑन कर दिया। कूलर में लगे एग्जॉस्ट फैन ने बाहर बन रही जहरीली गैस को खींचकर कमरे में भर दिया, जिससे पूरा परिवार सल्फास की जहरीली गैस की चपेट में आ गया।
इधर मंगलवार देर रात करीब 2 बजे पुलिस ने आरोपी मकान मालिक पर गैरइरादतन हत्या का केस दर्ज किया है।
मकान मालिक पर गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज
मंगलवार देर रात पुलिस ने मकान मालिक श्रीकृष्ण यादव के खिलाफ बीएनएस की धारा 105 के तहत गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। जांच में सामने आया कि मकान मालिक की लापरवाही से मासूम भाई-बहन की मौत हुई थी। घटना के बाद से ही पुलिस ने उसे गोला का मंदिर थाने में हिरासत में रखा था। अब FIR दर्ज होने के बाद उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
250 क्विंटल गेहूं में रखीं थी सल्फास की 50 गोलियां
पुलिस को जांच में पता लगा है कि मकान मालिक ने गांव से गेहूं मंगाया था। पोर्च में 250 क्विंटल गेहूं को स्टोर कर रखा गया था। उसमें घुन और कीड़े न लगे इसके लिए मकान मालिक ने 50 से ज्यादा सल्फास की गोलियां गेहूं में रखी थीं। कुछ सल्फास के कैप्सूल का छिड़काव किया था।
किराएदार सत्येन्द्र शर्मा और उनका परिवार घर पर नहीं था। रात को सत्येन्द्र, पत्नी रजनी, बेटी क्षमा उर्फ वैष्णवी (13), बेटा करुआ उर्फ वैभव शर्मा (4) के साथ घर लौटे थे। खाना खाने के बाद पूरा परिवार एक ही रूम में सो गया। कमरा बंद कर कूलर चलाने से एग्जॉस्ट फैन ने बाहर पोर्च में बन रही जहरीली गैस को अंदर कमरे में भर दिया। जहर परिवार के चारों सदस्यों की सांसों में घुल गया। रात 1 बजे के बाद सभी उल्टी करने लगे।
पूछा- वैभव कैसा है?, उसकी मौत से अनजान बहन भी हुई खामोश
सल्फास की जहरीली गैस की चपेट में आए परिवार में अब चार साल के वैभव के बाद उसकी बहन क्षमा उर्फ वैष्णवी ने भी दम तोड़ दिया है। रात 1 बजे तक क्षमा ने कई बार पूछा वैभव कहां है?, वो कैसा है?, लेकिन किसी ने उसे नहीं बताया था कि वैभव अब इस दुनिया में नहीं रहा है। रात 1 बजे के बाद उसकी सांसें उखड़ने लगी तो उसे बिड़ला हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया। इकलौते छोटे भाई की मौत से अनजान बड़ी बहन ने सुबह चार बजे अंतिम सांस ली और हमेशा के लिए दुनिया को छोड़ गई।
बेटा-बेटी की मौत, मां-पिता की हालत गंभीर
सोमवार को चार साल के करुआ उर्फ वैभव की ऑन स्पॉट मौत हो गई थी, जबकि भाई की मौत से 18 घंटे बाद मंगलवार सुबह चार बजे 13 वर्षीय बहन क्षमा उर्फ वैष्णवी ने दम तोड़ दिया। वैभव परिवार का इकलौता बेटा था, जबकि क्षमा सबसे छोटी बिटिया थी।
अब इस मामले में मृतक बच्चों की मां रजनी की हालत बेहद नाजुक है। रजनी के भाई रामू शर्मा ने बताया कि बहन की हालत बेहद नाजुक है, कभी भी कुछ भी हो सकता है, जबकि बहनोई सत्येन्द्र भी गंभीर हैं। दोनों को प्राइवेट हॉस्पिटल से न्यू जेएएच में भर्ती कराया गया है।
मासूम का शव रखकर लगाया जाम
मंगलवार को क्षमा के शव को रखकर गोला का मंदिर पर परिजन ने जाम भी लगाया। ट्रैफिक जाम की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। परिजन की मांग थी कि आरोपी मकान मालिक और उसके बेटे पर मामला दर्ज किया जाए। पीड़ित परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। इलाज के लिए पैसे नहीं हैं, इसलिए आर्थिक सहायता की मांग की गई। पुलिस अफसरों ने दोनों मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जिसके बाद परिजन मान गए।
फैक्ट्री कर्मचारी का पूरा परिवार जहरीली गैस की चपेट में आया
भिंड के मालनपुर टूडीला गांव निवासी 51 वर्षीय सत्येन्द्र शर्मा ग्वालियर के महाराजपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में एक फैक्ट्री में कर्मचारी हैं। सत्येन्द्र अभी ग्वालियर के गोला का मंदिर जडेरुआ बांध के पास प्रीतम विहार कॉलोनी में श्रीकृष्ण यादव के मकान में किराए से रहते हैं। सत्येन्द्र के परिवार में पत्नी रजनी, छोटी बेटी क्षमा (13) व बेटा करुआ उर्फ वैभव शर्मा (4 साल) रहते थे। जिस मकान में यह परिवार रहता है। वह तीन मंजिला है। किराएदार नीचे ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं, जबकि मकान मालिक तीसरी मंजिल पर रहते हैं।
मकान के पोर्च में 250 क्विंटल गेहूं रखा हुआ है। जिस पर रविवार रात को ही उन्होंने काफी मात्रा में सल्फास की गोलियां रखते हुए सल्फास के कैप्सूल का स्प्रे किया था, जिससे बरसात की नमी में गेहूं में घुन नहीं लगे। ऐसा बताया गया है कि सोमवार दोपहर जब मकान मालिक श्रीकृष्ण यादव तीसरी मंजिल से नीचे उतरे तो किराएदार का पूरा परिवार बेहोश पड़ा हुआ था। अंदर कमरे में उल्टी पड़ी थी। अंदर पोर्च से लेकर नीचे के पूरे कमरों में तेज बदबू फैली हुई थी।
देखा तो सत्येन्द्र का बेटा चार वर्षीय वैभव की मौत हो चुकी थी, जबकि सत्येन्द्र, रजनी व उनकी 13 वर्षीय बेटी को रिम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां मंगलवार सुबह चार बजे क्षमा ने भी दम तोड़ दिया। अब इस घटना में मौत का आंकड़ा दो हो गया है।
पांच बहनों के बाद मन्नत से हुआ था वैभव का जन्म
ऐसा बताया गया है कि सत्येन्द्र का वैभव इकलौता बेटा था। सत्येन्द्र की उम्र 51 साल है। पांच बेटियों के बाद कई मंदिरों में मन्नत मांगी थी। तब जाकर 46 साल की उम्र में उनको बेटा का सुख मिला था। पर यह कोई नहीं जानता था कि वह इस तरह साथ छोड़कर चला जाएगा। सत्येन्द्र की दो बेटियों की बचपन में ही मौत हो गई थी। दो बड़ी बेटी भारती और दीपा की शादी हो चुकी है। सबसे छोटी बेटी छाया थी, इस हादसे में अपने इकलौते भाई के साथ क्षमा ने भी दम तोड़ दिया है।
सीएसपी रॉबिन जैन ने बताया
गोला का मंदिर प्रीतम विहार में एक घर में सल्फास की जहरीली गैस से बहन-भाई की मौत हो गई है, जबकि मां-पिता का इलाज चल रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।