सरिस्का-रणथम्भौर में 3 महीने बाद होगी टाइगर सफारी:17 साल बाद टाइगर की संख्या भी 50, जानिए पूरा शेड्यूल और टिकट प्राइस

सरिस्का और रणथम्भौर में बंद सफारी एक बार फिर शुरू होने वाली है। 2 अक्टूबर से होने वाली सफारी का शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है। अक्टूबर से जून महीने तक टूरिस्ट सफारी कर सकते हैं। जिप्सी और कैंटर वाहनों का फिटनेस भी कराया गया है।

इसके अलावा GPS ट्रेकिंग भी रहेगी। सफारी के दौरान नेचर गाइड और ड्राइवरों के लिए भी ड्रेस कोड रहेगा। वहीं करीब 17 साल बाद सरिस्का में टाइगर की संख्या भी 50 हो चुकी है। टूरिस्ट के लिए साइटिंग के दौरान इन टाइगरों को देखना काफी रोमांचित होगा।

881 वर्ग किमी में है सरिस्का का जंगल

सरिस्का टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट 881 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है, जिसमें झाड़ीदार, कांटेदार, शुष्क वन, शुष्क वन, घास के मैदान और चट्टानी पहाड़ियां शामिल हैं। यह क्षेत्र अलवर राज्य का एक शिकार संरक्षित क्षेत्र था। 1958 में इसे वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था।

सरिस्का के अंदर 5 जोन

सरिस्का के अंदर 5 जोन बने हुए है। अलवर शहर से लगते बफर जोन बाला किला, लिवारी, अकबरपुर सहित आस-पास क्षेत्र में टाइगर की संख्या 11 हो चुकी है। जिसमें 6 शावक हैं। 4 टाइग्रेस और एक टाइगर है।

अक्टूबर से जून महीने तक होगी सफारी

मानसून में जुलाई से सितंबर तक टाइगर सफारी को बंद कर दिया गया था। 3 महीने बाद अब अक्टूबर में सफारी शुरू हो रही है। सरिस्का में बुधवार का साप्ताहिक अवकाश होता है। इस कारण अब कल गुरुवार से सफारी शुरू होगी। अक्टूबर से जून महीने तक होने वाली सफारी का शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है। सफारी सुबह और शाम दो शिफ्ट में होगी।

वाहनों का फिटनेस, GPS से होगी ट्रेकिंग

वन विभाग ने सरिस्का के सभी वाहनों का फिटनेस कराया गया है। इसके अलावा GPS ट्रेकिंग भी रहेगी। अलवर सरिस्का में कुल 88 कैंटर व जिप्सी हैं। जिप्सी में 6 जने और कैंटर में 40 जने सफारी पर जा सकते हैं। सरिस्का में देशी-विदेशी टूरिस्ट को सफारी कराने वाले नेचर गाइड व जिप्सी व कैंटर के ड्राइवर के लिए ड्रेस कोड है।

ग्रीन ड्रेस में नेचर गाइड और ब्राउन ड्रेस में ड्राइवर साथ रहेंगे। उनके गले में पहचान-पत्र भी रहेगा। ताकि टूरिस्ट को किसी तरह का असमंजस न रहे। वाहनों का पता रहे कि कहां तक गए हैं। सरिस्का में टाइगर की संख्या 50 हो चुकी है।

जंगल में 50 टाइगर

सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है। हाल ही में बाघिन ST-2302 अपने 2 शावकों के साथ कैमरा ट्रैप में पहली बार एक साथ देखी गई है। वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। यह दुर्लभ दृश्य करणी माता मंदिर क्षेत्र में कैद हुआ था।

2005 में अलवर सरिस्का में एक भी टाइगर नहीं बचा था। साल 2008 में पहला टाइगर विस्थापन किया गया था। करीब 17 साल में टाइगर की संख्या 50 हो गई है। 5 साल में सरिस्का में टाइगर की संख्या दोगुना से ज्यादा होने की संभावना है। 2020 में सरिस्का में केवल 20 टाइगर थे। 5 साल बाद अब 50 हो गए। यही रफ्तार रही तो अगले 5 साल में रणथम्भौर के बराबर टाइगर की संख्या हो सकती है।

रणथम्भौर में ट्रैकिंग के लिए वाहनों में लगे जीपीएस

रणथम्भौर नेशनल पार्क में भी 1 अक्टूबर से नया टूरिज्म सीजन शुरू हुआ है। लेकिन, बुधवार को साप्ताहिक अवकाश के चलते गुरुवार यानि 2 अक्टूबर से सीजन की शुरुआत आधिकारिक रूप से होगी।

इसे लेकर वन विभाग, होटल, पर्यटक वाहनों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। वहीं सफारी ट्रैक की मरम्मत करवा दी गई है और ऑनलाइन बुकिंग साइट भी अपडेट कर दी गई है।

सीसीएफ अनूप के आर ने बताया- नए सीजन के लिए सभी सफारी वाहनों का निरीक्षण और रजिस्ट्रेशन पूरा हो चुका है। हर वाहन में जीपीएस लगाया गया है ताकि मॉनिटरिंग की जा सके। इस बार विस्थापितों के 12 केंटर सफारी में शामिल होंगे। जिनमें से 10 में लग्जरी सीटें लगाई गई हैं ताकि पर्यटकों को सफर में आराम मिल सके।

वन विभाग ने पर्यटक वाहनों की मॉडल कंडीशन अवधि को बढ़ाकर 12 साल कर दिया है। इससे पुराने लेकिन अच्छी स्थिति वाले वाहन भी सफारी में शामिल हो सकेंगे।

दिसंबर तक एडवांस बुकिंग फुल

नए पर्यटन सीजन के लिए अक्टूबर से दिसंबर तक की एडवांस बुकिंग पहले ही खोली गई थी। जिप्सी की एडवांस बुकिंग लगभग फुल हो चुकी है। केंटर की बुकिंग अभी जारी है। एडवांस कोटा फुल होने के बाद अब पर्यटकों के पास केवल करंट ऑनलाइन और तत्काल कोटे में टिकट पाने का विकल्प है। तत्काल बुकिंग सफारी से 7 दिन पहले होती है, जबकि करंट बुकिंग कैंसिल टिकटों के आधार पर खुलती है।

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