सावन की आखिरी सोमवारी पर मंदिरों में शिवभक्तों की भीड़:पटना के खाजपुरा, बिटेश्वरनाथ में श्रद्धालुओं ने की पूजा, बाढ़ के उमानाथ मंदिर में 1KM लंबी लाइन

आज सावन की आखिरी सोमवारी है। पटना के खाजपुरा मंदिर में सुबह से भक्तों की भीड़ है। सभी भक्त लाइन में लगकर बारी-बारी से शिव जी की पूजा-अर्चना कर रहे हैं।

आज पूरे दिन शिवालयों में जलाभिषेक होगा। राजधानी में सुबह से हल्की बारिश हो रही है। फिर भी भक्त मंदिरों में बाबा का जलाभिषेक करने पहुंचे हैं।

बाढ़ के उमानाथ घाट स्थित प्राचीन शिव मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ है। सुबह से ही मंदिर परिसर और गंगा घाट पर भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलीं।

आज सुबह से ही श्रद्धालु गंगा में पवित्र डुबकी लगाने के बाद जल लेकर बाबा भोलेनाथ को अर्पित करने के लिए मंदिर पहुंचने लगे थे।

हर-हर महादेव और जय भोलेनाथ के जयकारों से पूरा अलखनाथ घाट गुंजायमान हो उठा था। महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी भक्तिभाव में लीन होकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे।

वहीं, बिहटा के बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर में पूजा और जलाभिषेक को लेकर श्रद्धालु की भीड़ है। लगभग एक किमी लंबी लाइन लगी है। हल्की बारिश में श्रद्धालु कतार में खड़े दिख रहे हैं। धीरे-धीरे भक्तों की भीड़ बढ़ रही है।

पटना से करीब 35 किलोमीटर दूर खुसरूपुर के बैकुंठपुर स्थित श्री गौरी शंकर बैकुंठनाथ मंदिर में सावन की अंतिम सोमवारी पर सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों की लंबी कतारें दिखनी शुरू हो गईं।

महिला और पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग करीब एक किलोमीटर लंबी कतारें लगी हुई हैं, जो बाबा भोलेनाथ के दर्शन और पूजा के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।

मंदिर का पट दोपहर 2 बजे ही खोल दिए गए थे, जिसके बाद से ही भक्तों की भारी भीड़ जुटना शुरू हो गई।

खाजपुरा मंदिर में आई श्रद्धालु खुशी ने कहा कि हर साल सावन की सोमवारी का व्रत रखती हूं। पूजा करने यहीं आती हूं। मन को शांति मिलती है।

वहीं, श्रद्धालु शुभम ने कहा कि मंदिर में हमेशा भीड़ रहती है। हर साल व्रत रखते हैं। बहुत सुकून मिलता है। मैं चाहता हूं, घर में सब खुश रहें और अच्छी सी नौकरी मिल जाए, भगवान से यही प्रार्थना करते हैं।

आज अनुराधा और ज्येष्ठा नक्षत्र के युग्म संयोग के साथ ब्रह्म योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवियोग का सुयोग बन रहा है।

पूरे दिन मंदिरों में भक्तों द्वारा हर हर महादेव, ॐ नमः शिवाय, बोलबम कहते हुए जलाभिषेक होगा फिर संध्या काल में शिव-पार्वती का आलौकिक श्रृंगार पूजा होगा।

नंदी की पूजा के बिना अधूरी है शिव आराधना

आचार्य राकेश झा ने बताया कि सावन के सोमवारी को सदाशिव और माता पार्वती की पूजा के बाद शिव के अत्यंत प्रिय नंदी की पूजा करने के बाद अपनी कामनाओं को इनके कान में कहने से उसकी पूर्ति जल्दी होती है मान्यता है कि शिव की पूजा के बाद नंदी की पूजा नहीं करने से पूजा अधूरी मानी जाती है।

भोलेनाथ के साथ उनके परिवार व प्रमुख गणों की भी पूजा करनी चाहिए। इसमें गणेश-अम्बिका, कार्तिकेय, नाग, चन्द्रमा, गंगा, कीर्तिमुख, कुबेर, वीरभद्र, नंदी प्रमुख हैं।

शिव के उपासना में लीन होंगे श्रद्धालु

ज्योतिषी झा ने बताया कि आज सावन मास की चौथी और शुक्ल पक्ष की दूसरी सोमवारी को श्रद्धालु शंकर भगवान को गंगाजल, दूध, दही, घी, मधु, पंचामृत, भस्म चंदन, फूलमाला, बेलपत्र, धतूरा, समी पत्र, अकावन, इत्र, अभ्रक, ऋतुफल, भांग, पान-सुपारी अर्पण कर रुद्राष्टक, लिंगाष्टक, शिव पंचाक्षर, शिव तांडव, बिल्वाष्टक, द्वादश ज्योतिर्लिंग स्त्रोत के पाठ, महामृत्युंजय, लघु मृत्युंजय, शिव गायत्री मंत्र का जाप करेंगे।

E-Paper 2025