गुजरात के सूरत शहर में 32 करोड़ के हीरा चोरी केस का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। इस मामले में मुख्य आरोपी कंपनी का मालिक ही निकला। मालिक ने बीमा की रकम हड़पने के लिए यह पूरी साजिश रची थी। साजिश में आरोपी ने अपने दोनों बेटों, ड्राइवर और उसके दो साथियों को शामिल किया था।
10 लाख रुपए देकर करवाई थी चोरी
कापोद्रा पुलिस और क्राइम ब्रांच ने मिलकर इस बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया है। कापोद्रा पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, डीके एंड संस डायमंड कंपनी के मालिक देवेंद्रकुमार चौधरी ने पूछताछ में बताया है कि उस पर कर्ज बढ़ गया था। इसी के चलते उसने इस साजिश को अंजाम दिया। चोरी के लिए ड्राइवर और उसके दो साथियों को 10 लाख रुपए देने की डील हुई थी। एडवांस में 5 लाख रुपए दे भी दिए थे।
15 से 17 अगस्त के बीच हुई थी चोरी
कापोद्रा के एक कॉम्पलेक्स में स्थित डीके एंड संस डायमंड कंपनी में यह चोरी 15 से 17 अगस्त के बीच हुई थी। 15 अगस्त, जन्माष्टमी और इसके बाद रविवार के चलते कॉम्प्लेक्स और मार्केट तीन दिनों से बंद था। देवेंद्रकुमार चौधरी ने कापोद्रा पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में बताया था कि 15 अगस्त को वे पॉलिश्ड और रफ हीरे तिजोरी में रखकर चले गए थे।
इसके बाद 18 अगस्त की सुबह कंपनी पहुंचे तो चोरी का पता चला। चोरों ने गैस कटर से तिजोरी काटकर 32.6 करोड़ रुपए कीमत के हीरे और नकदी चुरा लिए थे। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और FSL टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की।
कंपनी मालिक पर शक के ये 8 कारण थे…
2. बिल्डिंग में CCTV क्यों नहीं था? 3. इतनी बड़ी कंपनी में छुट्टी के दिन गार्ड क्यों नहीं थे? 4. कंपनी का और कोई दरवाजा टूटा क्यों नहीं? 5. मेन गेट पर लगा ताला चोरी से 8 दिन पहले ही खरीदा गया था। 6. बीमा पॉलिसी 10 दिन पहले ही क्यों रिन्यू कराई गई? 8. चोरी से एक हफ्ते पहले हीरों का बड़ा स्टॉक क्यों लाया गया था? 7. चोरों को कंपनी के CCTV और DVR सिस्टम की पूरी जानकारी कैसे थी? 1. मुख्य गेट का ताला टूटा नहीं, बल्कि चाबी से खोला गया था। चोरों के पास चाबी कैसे पहुंची?
पुलिस ने दो ऑटो को ट्रैक किया
शक के इन 8 कारणों के आधार पर कापोद्रा पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने अपनी जांच साजिश को ध्यान में रखकर शुरू की। इसी बीच पुलिस ने 15 तारीख की देर रात कंपनी के पास दो ऑटो रिक्शा को ट्रैक किया। कंपनी के आसपास नजर आने के करीब दो घंटों बाद दोनों ऑटो लौट गए थे। एक ऑटो में तीन और दूसरे ऑटो में दो लोग सवार थे। इन्हीं एक ऑटो में कंपनी मालिक का छोटा बेटा भी नजर आया। इस तरह पुलिस ने दो दिनों में इस पूरी साजिश का खुलासा कर दिया। कंपनी मालिक देवेंद्र को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
कंपनी का सालाना टर्नओवर 300 करोड़ रु.
हीरा कंपनी के मालिक देवेंद्रकुमार चौधर को सूरत में डीके मारवाड़ी के नाम से जाना जाता है। वराछा के खोडियानगर में रहने वाले देवेंद्र सबसे बड़े हीरा व्यापारियों में से एक हैं। पिछले 20 सालों से वे काठीयावाड़ी हीरा व्यापारियों के बीच कारोबार कर रहे हैं।
कोविड-19 से पहले उनकी इस कंपनी में 1500 से अधिक कर्मचारी थे, जबकि अब यहां 15-20 कर्मचारी ही हीरा पॉलिश करते हैं। वर्तमान में कंपनी ने प्रोडक्शन कम कर दिया है। अब ज्यादातर यहां रफ हीरों की नीलामी ही की जाती है। डीके संस कंपनी का मुंबई और विदेशों में भी बड़ा व्यापार है और कंपनी का सालाना टर्नओवर लगभग 300 करोड़ रुपए है।