हरियाणा के 1.20 लाख अनुबंध कर्मचारियों को आज राहत मिलेगी। उनकी जॉब सिक्योरिटी 2025 नियमों के तहत आवेदन के लिए ऑनलाइन करने और उनके निपटान के लिए www.securedemployee.csharyana.gov.in के नाम से एक पोर्टल शुरू होगा। पोर्टल की आज मुख्यमंत्री नायब सैनी शुरुआत करेंगे। कर्मचारियों को इसका करीब 1 साल से इंतजार है।
2 दिन पहले मुख्य सचिव (CS) अनुराग रस्तोगी द्वारा इस संबंध में एक लेटर भी जारी किया जा चुका है। इसमें लिखा है कि अनुबंध कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी का लाभ देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता, सटीकता और एकरूपता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अब सभी मामलों का निपटान केवल ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा। किसी भी प्रकार के भौतिक आवेदन या ऑफलाइन आदेश स्वीकार नहीं किए जाएंगे और न ही उन्हें मान्य माना जाएगा।
कर्मचारी डॉक्यूमेंट 31 जनवरी तक अपलोड करने होंगे
अनुबंध कर्मचारियों को पंजीकरण कर सभी आवश्यक दस्तावेज 31 जनवरी, 2026 तक पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। इसके बाद आहरण एवं संवितरण अधिकारी (DDO) द्वारा सेवा रिकॉर्ड का सत्यापन 28 फरवरी, 2026 तक किया जाएगा। वित्त विभाग की ओर से पात्र कर्मचारियों के लिए सुपरन्यूमैरेर पोस्ट का सृजन 31 मार्च, 2026 तक किया जाएगा।
30 अप्रैल तक लेटर मिलेंगे
संबंधित विभागाध्यक्षों की ओर से अंतिम स्वीकृति एवं सेवा सुरक्षा के प्रस्ताव संबंधी लेटर 30 अप्रैल, 2026 तक जारी किए जाएंगे। सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्डों एवं निगमों के प्रबंध निदेशकों, मंडल आयुक्तों और उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे निर्धारित समय-सीमा का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। किसी भी प्रकार की देरी या अनुपालन में कमी के लिए जवाबदेही तय की जाएगी।
सिलसिलेवार पढ़िए जॉब सिक्योरिटी देने की योजना में क्या-क्या हुआ..
- लोकसभा चुनाव के बाद घोषणा: 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी दल BJP को हरियाणा में 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। हार की समीक्षा में इनपुट मिला कि कर्मचारी जॉब सिक्योरिटी को लेकर काफी नाराज चल रहे हैं। उसके बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा सरकार के विभागों, बोर्डों, निगमों में कार्यरत 1.20 लाख अस्थायी कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी देने की घोषणा की।
- कैबिनेट में अध्यादेश को मंजूरी: घोषणा को तुरंत पूरा करने करने के लिए कैबिनेट मीटिंग बुलाकर अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई, और 15 अगस्त 2024 को यह अध्यादेश अधिसूचित कर दिया गया, लेकिन एक-दो विभागों को छोड़कर अफसरों ने इस अध्यादेश को लागू ही नहीं किया। उन्हें प्रदेश में सरकार बदलने का अंदेशा था। हालांकि, हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी और 17 अक्टूबर 2024 को नायब सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
- सरकार विधानसभा में विधेयक लेकर आई: सरकार रिपीट होने के बावजूद अधिकारियों ने फिर एकाध विभाग को छोड़कर अस्थायी कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी नहीं दी। 6 महीने पूरे होने से पहले हरियाणा सरकार ने विधानसभा में विधेयक पारित कर दिया और अध्यादेश को विधेयक के रूप में पारित करा दिया। राज्यपाल की मंजूरी के बाद स्थायी कानून अधिसूचित कर दिया, लेकिन हरियाणा सरकार के अफसरों ने इसे फिर लागू नहीं किया।
- एक साल बाद नियम नोटिफाई किए: जब अधिकारियों ने जॉब सिक्योरिटी नहीं दी तो सरकार ने एक साल बाद सर्विस सिक्योरिटी एक्ट के तहत नियम नोटिफाई कर दिए। इन नियमों में उन बिंदुओं को स्पष्ट कर दिया जो एक्ट में स्पष्ट नहीं थे। जैसे, एक्ट में आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट एक का जिक्र नहीं था, इसलिए अधिकतर अफसरों ने उन अस्थायी कर्मचारियों को सर्विस सिक्योरिटी नहीं दी, जो आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट एक में लगे हुए थे और HKRNL में पोर्ट नहीं हुए थे। जो पोर्ट हुए थे, उनमें से भी अधिकतर को सर्विस सिक्योरिटी नहीं दी।
- 2 सप्ताह पहले ट्रायल हुआ: इस योजना को लागू करने के लिए पोर्टल चालू करने की बात कही गई। हरियाणा के मानव संसाधन विभाग ने इसके लिए पोर्टल बनाया। इसके बाद करीब 2 सप्ताह पहले इस पोर्टल का ट्रायल शुरू किया गया। अब CM सैनी इसका उद्घाटन कर रहे हैं।