हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में उन्होंने हरियाणा में जनवरी से अक्टूबर तक हुई सड़क दुर्घटनाओं में 4000 मौतों का जिक्र किया है। उन्होंने प्रदेश के सभी चौकी इंचार्जों, ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों, कर्मचारियों और एसएचओ एवं डीएसपी को निर्देश दिए हैं कि वह ब्लाइंड स्पॉट, एक्सीडेंट हॉट स्पॉट की पहचान करें।
इसको लेकर डीजीपी ने एक लेटर जारी की है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि मैं चाहूंगा कि आप इसे एक मानव-निर्मित आपदा समझें जिसे प्रयास से कम किया जा सकता है।
1. सड़क दुर्घटनाओं में 4000 मौतों का जिक्र
DGP ने अपने लेटर में लिखा है, हरियाणा पुलिस के मेरे प्रिय चौकी इंचार्ज, ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी एवं कर्मी, एसएचओ एवं डीएसपी, मैं आपका ध्यान सड़क दुर्घटना में हो रहे जानी नुकसान की और आकर्षित करना चाहूंगा। इस साल जनवरी-अक्टूबर की अवधि में हरियाणा में लगभग 4,000 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई है। ये राज्य में इस अवधि में हत्या में हुए 800 मौतों से पांच गुना ज्यादा है।
मरने वाले ज्यादातर बीस-तीस साल के होते हैं, घर की रोटी कमा रहे होते हैं। घायलों की संख्या इनसे कहीं ज्यादा है। इलाज में लाखों खर्च होते हैं। कई तो पूरी उम्र के लिए अपाहिज हो जाते हैं। मैं चाहूंगा कि आप इसे एक मानव-निर्मित आपदा समझें जिसे प्रयास से कम किया जा सकता है।
2. ब्लाइंड स्पॉट, एक्सीडेंट हॉटस्पॉट की पहचान करें
लेटर में डीजीपी ने लिखा है, आप से अपेक्षा है कि आप अपने इलाके में ब्लाइंड स्पॉट, एक्सीडेंट हॉटस्पॉट की पहचान करें। वहां हो रहे दुर्घटना के कारणों का पता करें और उसे लग के ठीक करायें। ये सुनिश्चित करें कि सड़क पर ख़राब होकर को कोई गाड़ी खड़ी ना रहे। उसे सड़क से फौरन हटवायें। जब तक नहीं हटता, तब तक रिफ्लेक्टिव टैप वाले कोन लगाएं, जिससे कि खड़ी गाड़ी दूर से दिखाई दे।
3. शराब पीकर गाड़ी चलाने को जेल जरूर भेजें
शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को पंद्रह-बीस दिन के लिए जेल जरूर भेजें। जहां ओवर स्पीडिंग की संभावना है वहां इफेक्टिव नाके लगाएं, बेदर्दी से चालान ठोंके। ऐसे सिरफिरों की वजह से सड़कें फायरिंग रेंज से भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है।ट्रक ऑपरेटरों से मिलकर ये तय करें कि उनके ड्राइवर प्रशिक्षित हैं और उनके यहां ड्राइवरों को जरूरी आराम देने की प्रथा है। टारगेट टाइम पूरा करने के चक्कर में गाड़ियां चौबीसों घंटे चलती रहती है। ऐसे में दुर्घटना की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। उन्हें बतायें कि जांच की आंच उन तक भी पहुंच सकती है।
4. टक्कर मारकर भागने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल कराएं
मरने वालों में ज्यादातर पैदल चलने वाले एवं टू-व्हीलर वाले होते है। जहां और जब ये ज्यादा होता है, वहां ड्यूटियां लगायें। टक्कर मार कर भागने वाले ड्राइवरों के लिए साल-दो साल के लिए जेल का बंदोबस्त करें, उनका ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल करायें।
सड़क निर्माण विभाग वालों से मिलकर जरूरी साइनेज लगवाएं, मनमाने कट्स बंद करायें। उन्हें कहें कि एक्सीडेंट के बड़े मुकदमे में उनके डिजाइन इंजीनियरिंग फाल्ट की भी जांच की जाएगी। समय रहते एक्सीडेंट की रोकथाम के लिए जरूरी कदम नहीं उठाने पर उनकी आपराधिक जिम्मेवारी भी तय की जाएगी।
5. शराब के ठेकों के पास ड्यूटी लगाएं
हाईवे के ठेके के आसपास शाम में ड्यूटी लगायें। ये तय करें कि वहां शराब खरीदने वाला ड्राइवर पीकर गाड़ी ना चलाए। ठेके वाले से इस आशय का हिंदी में चलने वाले स्टिकर लगवायें जो ड्राइवर को इस बात की याद दिलाये।
लोगों को विनम्रतापूर्वक स्मरण दिलाएं कि सड़क का इस्तेमाल उनका अधिकार नहीं है। अगर नियम तोड़ वे अपनी और अन्य का जान जोखिम में डालते हैं तो उनकी जगह जेल में है।
6. धुंध को लेकर अलग से दिशा निर्देश
सर्दियों का मौसम शुरू हो गया हैं। धुंध में सड़क पर खड़ी गाड़ी जानलेवा होती है। जिनके इलाके में इस तरह का टक्कर होगा, उनकी कोताही मानी जाएगी।अपने इलाके में हर हाल में एक्सीडेंट में घायल को आधे घंटे के अंदर-अंदर नजदीकी अस्पताल पहुंचाएं। तय करें कि उनका सही इलाज समय पर हो जाए। इस बाबत अस्पताल संचालकों से नियमित संपर्क में रहें।
7. सड़क दुर्घटनाएं रोकने वालों को पुरस्कृत करेंगे
अगले दो महीने अपने थाना क्षेत्र में पिछले साल नवंबर-दिसंबर में एक्सीडेंट में हुए मौतों को आंकड़ा देखें। उसे कम करने का भगीरथ प्रयास करें। जो ऐसा करने में सफल होंगे, उन्हें गणतंत्र दिवस के उत्सव में सम्मानित किया जाएगा। ‘बड़ा खाना’ में पुरस्कृत किया जाएगा।प्रयास की कमी से जिनके क्षेत्र में स्थिति अनियंत्रित पाई गई, बताने की आवश्यकता है क्या कि विभाग का रुख क्या होगा? सैकड़ों जानें आपके प्रयास से बच सकती है। आज ही जुट जाएं। मेरी शुभकामनाएं।