गिरिराज बोले- राहुल को लालू का श्राप लगा:कहा- कांग्रेस सांसद ने RJD सुप्रीमो के बचाव वाला अध्यादेश फाड़ा था, मिलते भी नहीं थे

राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बयान सामने आया है। गिरिराज ने कहा, ‘जब चारा घोटाले में आदेश आया था और लालू प्रसाद की सदस्यता जाने वाली थी। उस समय राहुल लालू से नहीं मिलते थे। राहुल ने तब ऐसे मामले में अपील के प्रावधान से संबंधित अध्यादेश को फाड़ दिया था। लालू जी ने उस समय राहुल को श्राप दिया था।’

इधर, राहुल गांधी अपनी संसद सदस्यता रद्द करने के फैसले के 23 घंटे बाद शनिवार दोपहर 1 बजे पार्टी हेड क्वार्टर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। उनके साथ राजस्थान के CM अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के CM भुपेश बघेल भी मौजूद रहेंगे।

यूथ कांग्रेस भी आज देशभर में अलग-अलग प्रदर्शन करेगी। इसके अलावा कांग्रेस ने सोमवार से देशभर में संविधान बचाओ आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। इसकी रणनीति के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे आज एक अहम बैठक भी करेंगे। इसमें सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी भी आ सकती हैं।

गिरिराज जिस प्रावधान की बात कर रहे, उसे राहुल ने 2013 में फाड़ा था

2013 में जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि सांसद/विधायक को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलने पर उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मनमोहन सरकार एक अध्यादेश लाई थी, जिससे सुप्रीम कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो जाए।

24 सितंबर 2013 को कांग्रेस सरकार ने अध्यादेश की खूबियां बताने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने पहुंचकर कहा था- ये अध्यादेश बकवास है और इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए। उन्होंने अध्यादेश की कॉपी को फाड़ दिया था। इसके बाद ये अध्यादेश वापस ले लिया गया था।

लोकसभा की वेबसाइट से राहुल का नाम हटाया गया
राहुल की संसद सदस्यता शुक्रवार को समाप्त कर दी गई। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी करके इसकी जानकारी दी थी, साथ ही लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया था। राहुल केरल के वायनाड से सांसद थे। राहुल ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था।

उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इस मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार दोपहर 12.30 बजे राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। लेकिन, सजा के ऐलान के 26 घंटे बाद ही उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई।

सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा।

अमेठी में चल रही थीं राहुल को चुनाव लड़ाने की तैयारी
कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी को 2024 का चुनाव फिर से अमेठी से लड़ाने की तैयारी कर रही थी। 2019 का लोकसभा चुनाव राहुल BJP नेता स्मृति ईरानी से हार गए थे। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी लगातार अमेठी के गांवों में घूमकर प्रधान और ब्लॉक प्रमुखों के साथ बैठक कर राहुल के चुनाव लड़ने की रणनीति बना रहे हैं। लेकिन, हाईकोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिलती है तो दो साल की सजा और उसके बाद 6 साल के लिए अयोग्यता के कारण 8 साल वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

अमेठी में कांग्रेस के प्रवक्ता अनिल सिंह ने कहा कि पिछली बार राहुल चुनाव हार गए थे, इसकी वजह उनके ही कुछ खास लोग थे, लेकिन इस बार वे लड़ेंगे तो जरूर जीतेंगे। रही बात राहुल के चुनाव लड़ने की तो 2024 का चुनाव वे अमेठी से ही लड़ेंगे। हम लोग तैयारियों में जुटे हैं। हमने तय किया है कि हम लोग जहां भी हैं, वहीं सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। ‘रघुपति राघव राम’ गाकर फैसले का विरोध करेंगे।

जयराम बोले- यह सोची समझी साजिश है
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा- राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त होना सोची समझी साजिश है। राहुल गांधी ने 7 फरवरी को लोकसभा में अडाणी मुद्दे पर भाषण दिया था। भाषण के 9 दिन बाद 16 फरवरी को उनके खिलाफ मानहानि मामले में शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट से स्टे वापस लिया। 27 फरवरी को 1 साल बाद फिर से बहस शुरू हुई। 17 मार्च फैसला रिजर्व किया गया और 23 मार्च को सजा का ऐलान हुआ। क्या ये महज संयोग है?

प्रियंका गांधी ने कहा- हमारी रगों में शहीदों का खून है, जो इस देश के लिए बहा है। हम डट कर लड़ेंगे, हम डरने वाले नहीं हैं। राहुल गांधी ने अडानी-मोदी के संबंधों पर सवाल किया था। सरकार इसका जवाब देना नहीं चाहती। राहुल के खिलाफ एक्शन इसी सवाल का नतीजा है।

लोकसभा सचिवालय ने ये पत्र जारी किया है…

अब आगे क्या, 3 अहम पॉइंट…

  1. लीगल एक्सपर्ट के मुताबिक लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसदीय सीट वायनाड को खाली घोषित कर दिया है। इलेक्शन कमीशन अब इस सीट पर इलेक्शन का ऐलान कर सकता है। दिल्ली में राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने को भी कहा जा सकता है।
  2. अगर राहुल गांधी की सजा का फैसला ऊपरी अदालतें भी बरकरार रखती हैं तो वे अगले 8 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। 2 साल की सजा पूरी करने के बाद वह छह साल के लिए अयोग्य रहेंगे।
  3. राहुल गांधी अब सूरत कोर्ट के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं। कांग्रेस ने एक्शन की वैधानिकता पर भी सवाल उठाया है कि राष्ट्रपति ही चुनाव आयोग के साथ विमर्श कर किसी सांसद को अयोग्य घोषित कर सकते हैं।