मथुरा स्थित शाही ईदगाह और श्रीकृष्ण विराजमान के बीच भूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट फैसला सुना सकती है। शाही ईदगाह ट्रस्ट, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की बहस पूरी होने के बाद फैसला 17 अप्रैल को सुरक्षित कर लिया गया था। फैसला 24 अप्रैल को आना था, लेकिन उस दिन भी अगली डेट एक मई लग गई। अब आज फैसला आने की उम्मीद है।
इस मामले पर आ सकता है फैसला
मथुरा कोर्ट में श्रीकृष्ण विराजमान की तरफ से दाखिल वाद को खारिज करने की मांग को लेकर शाही ईदगाह पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। श्रीकृष्ण विराजमान के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने बताया कि हाईकोर्ट शाही ईदगाह पक्ष द्वारा उनके मथुरा कोर्ट में दाखिल वाद को खारिज करने की मांग को लेकर याचिका पर फैसला सुना सकती है। हरि शंकर जैन ने बताया कि मथुरा कोर्ट में उनके द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की 13.37 एकड़ भूमि मुक्त कराने की मांग की गई थी। इसी वाद के खिलाफ शाही ईदगाह पक्ष हाईकोर्ट गया था।
13.37 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण विराजमान के नाम करने की मांग
भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की तरफ से सिविल जज की अदालत में 20 जुलाई 1973 के फैसले को रद्द करने और 13.37 एकड़ कटरा केशव देव की जमीन को श्रीकृष्ण विराजमान के नाम घोषित किए जाने की मांग की गई थी। वादी की ओर से कहा गया था कि जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच हुए समझौते के आधार पर 1973 में दिया गया निर्णय वादी पर लागू नहीं होगा, क्योंकि उसमें वह पक्षकार नहीं था।
30 सितंबर 2020 को हुआ था वाद खारिज
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की आपत्ति की सुनवाई करते हुए अदालत ने 30 सितंबर 2020 को सिविल वाद खारिज कर दिया। जिसके खिलाफ भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की तरफ से अपील दाखिल की गई। विपक्षी ने अपील की पोषणीयता पर आपत्ति की। जिला जज मथुरा की अदालत ने अर्जी मंजूर करते हुए अपील को पुनरीक्षण अर्जी में तब्दील कर दिया।
पुनरीक्षण अर्जी पर पांच प्रश्न तय किए गए। 19 मई 2022 को जिला जज की अदालत ने सिविल जज के वाद खारिज करने के आदेश 30 सितंबर 2020 को रद्द कर दिया। अधीनस्थ अदालत को दोनों पक्षों को सुनकर नियमानुसार आदेश पारित करने का निर्देश दिया है, जिसकी वैधता को इन याचिकाओं में चुनौती दी गई है।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद 1 मई की तारीख फैसले के लिए तय
17 अप्रैल को जस्टिस प्रकाश पडिया की अदालत में दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने फैसले के लिए 24 अप्रैल की तारीख तय की। लेकिन, 24 अप्रैल को फैसला टल गया। अगली तारीख 1 मई तय की गई। संभावना है कि कोर्ट आज शाही ईदगाह और श्रीकृष्ण विराजमान समेत अन्य द्वारा दाखिल इस याचिका पर फैसला सुनाए।