जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सोमवार देर शाम आतंकियों ने एक नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी। मरने वाले की पहचान दीपू नाम के शख्स के रूप में हुई है। दीपू जम्मू के उधमपुर का रहने वाला था और अनंतनाग में सर्कस मेले में काम करता था।
गोली मारने के बाद आतंकी घटनास्थल से भाग गए। बाद में दीपू को अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस ने फिलहाल मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए इलाके में फोर्स को बढ़ा दिया।
दीपू के भाई ने बताया कि वह परिवार में इकलौता कमाने वाला था। पिछले चार साल से मेरी आंखें खराब हैं। मेरे पिता नेत्रहीन हैं, वे काम नहीं कर सकते। हम न्याय चाहते हैं। हमारी क्या कसूर था?
इस साल नागरिकों की हत्या का दूसरा मामला
इस साल जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा आम नागरिकों को निशाना बनाने का यह पहला मामला नहीं है। फरवरी में आतंकियों ने पुलवामा में एक कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी थी। मृतक संजय शर्मा अपने गांव में गार्ड का काम करते थे। सुबह के वक्त वह ड्यूटी से लौट रहे थे। तभी आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी और उनकी मौत हो गई।
पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने घटना की निंदा की
जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, अनंतनाग में एक निर्दोष नागरिक पर एक और हमले से गहरा दुख हुआ। दुख की इस घड़ी में परिवार के साथ मेरी संवेदना हैं। यह भारत सरकार की नीति के बारे में बहुत कुछ बताता है जो जम्मू-कश्मीर में एक बड़ी विफलता रही है।
2022 में भी बाहर से आए मजदूरों की हत्या की थी
पिछले साल नवंबर में उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के रहने वाले दो मजदूरों की शोपियां में आतंकियों ने हत्या कर दी थी। शोपियां के हरमेन में आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका था जिसमें मोनीश कुमार और राम सागर नाम के दो मजदूर घायल हो गए थे। घायलों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में आतंकवादियों ने बिहार के एक माइग्रेंट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बिहार के मधेपुरा के 19 साल के जुलाहा मोहम्मद अमरेज को आतंकियों ने गोली मार दी थी।