कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु की एक अदालत ने मंगलवार को राहुल गांधी, सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के खिलाफ मानहानि मामले में समन जारी किया है। दरअसल, कर्नाटक भाजपा के सचिव एस केशव प्रसाद ने शिकायत की थी कि कांग्रेस ने विज्ञापनों में झूठे दावे किए, जिनसे भाजपा की इमेज खराब हुई।
उन्होंने शिकायत में कहा- कांग्रेस ने चुनाव से पहले 5 मई को बड़े अखबारों में विज्ञापन दिए थे। इनमें कांग्रेस ने दावा किया गया था कि भाजपा सरकार 40% कमीशन लेती है और इसने पिछले 4 सालों में 1.5 लाख करोड़ लूटे हैं। कांग्रेस के यह दावे आधारहीन, पूर्वाग्रही और मानहानि करने वाले हैं।
कोर्ट ने धारा 499 और 500 के तहत लिया संज्ञान
बेंगलुरु के एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने यह समन जारी किए हैं। कोर्ट ने मामले में IPC की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत संज्ञान लिया है और शुरुआती बयान दर्ज करने के लिए 27 जुलाई की तारीख तय की है। यह स्पेशल कोर्ट मौजूदा और पूर्व सांसद-विधायकों के क्रिमिनल मामलों को देखती है।
भाजपा सरकार पर 40% कमीशन लेने का आरोप लगाकर जीता चुनाव
कर्नाटक चुनाव से पहले कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर 40% कमीशन लेने का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने अपने चुनाव अभियान में इस मुद्दे को प्रमुखता से उछाला था। राहुल गांधी ने एक रैली में कहा था कि प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार की बातें करते हैं तब उनके मंच पर चारों तरफ कर्नाटक के 40% कमीशन लेने वाले नेता खड़े रहते हैं। भाजपा को 40 नंबर अच्छा लगता है। इस बार आप लोग इनको 40 सीटें दीजिएगा।
प्रियंका ने भी कर्नाटक की भाजपा सरकार को 40% कमीशन वाली सरकार बताया था। उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार ने जनता को बेशर्मी और बेरहमी से लूटा। प्रधानमंत्री को भी कई लोगों ने यहां की सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर चिट्ठी लिखी, लेकिन PM चुप रहे। इस अभियान का कांग्रेस को चुनाव में खासा फायदा मिला था।
40% कमीशन का आरोप लगा कॉन्ट्रैक्टर ने की थी आत्महत्या
कर्नाटक के सिविल कॉन्ट्रैक्टर संतोष पाटिल ने 11 अप्रैल 2022 को खुदकुशी की थी। उन्होंने सुसाइड से पहले एक वॉट्सऐप मैसेज अपने दोस्तों को भेजा था। इसमें उन्होंने कहा था कि ‘कर्नाटक की भाजपा सरकार में मंत्री ईश्वरप्पा मेरी मौत के जिम्मेदार हैं। उन्हें सजा मिलनी चाहिए। मेरी PM, CM और येदियुरप्पा से गुजारिश है कि वे मेरे परिवार का ख्याल रखें।’
संतोष पाटिल ने सुसाइड से पहले कई बार BJP के सीनियर नेता और तब ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री रहे ईश्वरप्पा को भ्रष्ट बताया था और उनकी शिकायत PM नरेंद्र मोदी से भी की थी। बाद में ईश्वरप्पा के खिलाफ FIR हुई और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। हालांकि पुलिस ने उन्हें क्लीन चिट दे दी।
इसी घटना से पता चला था कि कर्नाटक में पेमेंट से पहले बिल पास करने के लिए 40% तक रिश्वत देनी पड़ रही है। कांग्रेस ने इसी घटना को लेकर भाजपा सरकार को 40% कमीशन लेने वाली सरकार बताया था।