230 सीटों पर सुबह 8 बजे से मतगणना:दोपहर 1 बजे तक आने लगेंगे नतीजे; 4 एग्जिट पोल में भाजपा, 4 में कांग्रेस सरकार का दावा

मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के नतीजे रविवार को जारी होंगे। सुबह 8 बजे से मतगणना होगी। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होगी। इसके बाद अभ्यर्थीवार डाकमतों के परिणाम की घोषणा की जाएगी और फिर ईवीएम से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। 10 बजे तक रुझान आने लगेंगे और दोपहर बाद 1 बजे तक नतीजे आने लगेंगे।

नई सरकार का चेहरा करीब-करीब स्पष्ट हो जाएगा। इस बार कुल 230 सीटों पर 2534 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। मतदाता 17 नवंबर को ही अपना फैसला ईवीएम में कैद कर चुके हैं। 66 साल में पहली बार 77.15% वोटिंग का रिकॉर्ड बना था। मतगणना के लिए सबसे ज्यादा 26 राउंड झाबुआ, सबसे कम 12 राउंड सेवढ़ा में होंगे।

बगावत; कांग्रेस 47, भाजपा 28 सीटों पर विरोध झेल रही।

राजस्थान

वोटिंग; 75.45% वोटिंग, 2018 में 74.06%। 10 साल से वोटिंग बढ़ी तो भाजपा को फायदा। कांग्रेस के लिए 50 लाख की बीमा योजना, भाजपा के लिए रिवाज ट्रम्प कार्ड।

गुर्जर वोटबैंक; 40 सीटों पर प्रभावी। पिछली बार भाजपा के 9 प्रत्याशी थे, कोई नहीं जीता। कांग्रेस में 8 गुर्जर जीते।

छत्तीसगढ़

वोटिंग; 70% मतदान हुआ, 2018 में 75% वोटिंग पर कांग्रेस जीती थी। 2013 में 75% पर भाजपा जीती थी।

आदिवासी; 2.75 करोड़ की आबादी में 34% आदिवासी। इनके लिए 29 सीटें आरक्षित, लेकिन कई और सीटों पर भी असर है, यानी ये जिधर जाएंगे, उसकी सरकार बनेगी।

तेलंगाना

वोटिंग; इस बार 71.34%। 2018 में 80%, 2014 में 69%… बीआरएस जीती। दल-बदल; भाजपा व बीआरएस के कई विधायक व पूर्व सांसद कांग्रेस में गए। कांग्रेस के कुछ ओबीसी नेताओं ने पार्टी छोड़ी।

दिग्गजों पर दांव; भाजपा से 3 सांसद, कांग्रेस से रेवंत रेड्‌डी, क्रिकेटर मो. अजहरुद्दीन, बीआरएस से केसीआर, उनके बेटे व मजलिस से ओवैसी के भाई मैदान में।

…और हेडलाइन बनेंगे ये

1. कांग्रेस करेगी सत्ता में वापसी या भाजपा रहेगी सरकार में बरकरार?
पीसीसी चीफ कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस 2018 के विधानसभा चुनाव में सत्ता में तो आई, लेकिन 2020 की बगावत के बाद सत्ता हाथ से चली भी गई। शिवराज सिंह चौहान फिर से सीएम बने। ऐसे में कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी या भाजपा की सरकार बरकरार रहेगी। पिछले 20 साल में कांग्रेस मध्यप्रदेश में सिर्फ 2018 में विस चुनाव जीतने में सफल रही है, जबकि भाजपा 2003, 2008, 2013 और 2020 में सरकार गिरने के बाद उपचुनाव भी जीती।

2. शिवराज, नाथ, 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत दिग्गजों के भविष्य का सवाल

सीएम शिवराज सिंह चौहान को पार्टी ने सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया है। ऐसे में जीत और हार दोनों स्थिति में उनका क्या होगा? यही नहीं, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन कुलस्ते जैसे दिग्गजों को भाजपा ने विधानसभा चुनाव मैदान में उतारा है। हार-जीत के बाद कैसे इनके राजनीतिक भविष्य के समीकरण बदलेंगे। कमलनाथ और पूर्व सीएम​ दिग्विजय की प्रतिष्ठा का क्या होगा? पहली बार कांग्रेस से अलग होकर लड़ रहे ​ज्योतिरा​दित्य सिंधिया के खेमे का क्या होगा?

3. यह लोस चुनाव का सेमीफाइनल, जीत से बूस्टर, हार से बड़ा झटका

लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस में से जो भी पार्टी जीतेगी, यह उसके लिए सबसे बड़ा बूस्टर होगा। वहीं, हार सबसे बड़ा झटका होगी। भाजपा ने डबल इंजन विकास, राम मंदिर और लाड़ली बहना की गारंटी दे रही है तो कांग्रेस भी जातिगत जनगणना, ओबीसी कार्ड और मुफ्त बिजली, सिलेंडर के वादे के सहारे मैदान में है। देखना होगा कि जीत का बूस्टर किसे मिलता है?