Zika Virus Myths & Facts: जानें ज़ीका वायरस से जुड़े कुछ मिथक और उनकी हक़ीकत

केरल में हाल ही में ज़ीका वायरस के तीन और मामले सामने आए हैं। जिसके बाद अब वहां कुल 18 मामलों की पुष्टि हुई है। क्योंकि वायरस आमतौर पर मच्छर काटने से फैलता है, इसलिए मच्छरों से सुरक्षा एक महत्वपूर्ण उपाय है। गर्भवती महिलाओं, प्रजनन आयु की महिलाओं और छोटे बच्चों पर ख़ासतौर पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा इस बीमारी से जुड़ी ऐसी बातें भी हैं, जिनमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। ऐसे में ज़ीका वायरस से जुड़े मिथकों को पहचानने के लिए सच जानना ज़रूरी है।

मिथक: ज़ीका वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।

सच्चाई: यह बात पूरी तरह से ग़लत है, क्योंकि ज़ीका वायरस आमतौर पर एडीस मच्छर के काटने से होता है।

मिथक: ज़ीका वायरस से संक्रमित महिलाओं को भविष्य में गर्भधारण में बच्चे के जन्म से जुड़ी परेशानियों का ख़तरा होता है।

सच्चाई: ऊपर कही बात को सिद्ध करने के लिए कोई प्रमाण नहीं हैं। एक बार अगर कोई व्यक्ति ज़ीका वायरस से संक्रमित हो जाए, तो उसके शरीर में इस बीमारी के खिलाफ इम्यूनिटी बन जाती है।

मिथक: ज़ीका वायरस पानी के ज़रिए फैलता है।

सच्चाई: ज़ीका वायरस मच्छर के काटने से होता है। यह बीमारी पानी के ज़रिए नहीं होती।

मिथक: ज़ीका वायरस के खिलाफ बचाव मुमकिन नहीं है।

सच्चाई: अगर आप ज़रूरी सावधानियां बरतें तो ज़ीका वायरस से संक्रमित होने से ख़ुद का बचाव कर सकते हैं। घर के आसपास पानी का जमाव न होने दें, तो मच्छर के पनपने और आपको काटने का जोखिम कम रहेगा।

मिथक: आप ज़ीका वायरस से सिर्फ कैमिकल तरीकों की मदद से ही बचाव कर सकते हैं।

सच्चाई: जिन मौसम में मच्छर ज़्यादा पनपते हैं, उन दिनों ऐसे कपड़े पहनें जिससे आपका शरीर पूरी तरह ढका रहे। साथ ही मच्छर से बचने के लिए एंटी-मच्छर लोशन, क्रीम, स्प्रे आदि का उपयोग करेंगे, तो आप ख़ुद को वायरस से बचा सकते हैं।