उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी के प्रयास में लगी बहुजन समाज पार्टी शुक्रवार को भगवान राम की नगरी अयोध्या से मिशन 2022 का आगाज करेगी। बसपा का अयोध्या में दिन 12 बजे से प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन है। इसको बसपा के राष्ट्रीय महासचिव संबोधित करेंगे। बसपा की 29 जुलाई तक प्रदेश के पांच जिलों में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन आयोजित कराने की योजना है। इसके संयोजक सतीश चंद्र मिश्र हैं।
बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र अयोध्या में शुक्रवार को हनुमान गढ़ी के बाद रामजन्मभूमि मंदिर में दर्शन करेंगे। इसके बाद उनका सरयू नदी में 100 लीटर दूध से दुग्धाभिषेक का कार्यक्रम है। वह अयोध्या में संतों से भेंट करने के बाद दोपहर में 12 बजे से बसपा प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को सम्बोधित भी करेंगे। इससे पहले देवकाली के एक निजी होटल में प्रबुद्ध समाज का सम्मान तथा तरक्की संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया है। इस आयोजन को बसपा का ब्राह्मणों मुख्य मंच पर लाने का बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
दोहराव चाहती है बसपा
ब्राह्मण समाज को फिर से जागरूक करके बसपा 2007 के उसी को दोहराना चाहती है। पार्टी का दावा है कि ब्राह्मणों का हित सिर्फ बसपा सरकार में ही सुरक्षित रह सकता है। बहुजन समाज पार्टी ने इस बार ब्राह्मणों को जोडऩे वाले समारोह का नाम प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी रखा है। पहली गोष्ठी शुक्रवार को अयोध्या में होगी। राज्यसभा सदस्य के रूप में अपना लगातार कार्यकाल पूरा करने की ओर अग्रसर महासचिव मिश्र रामनगरी पहुंचकर सबसे पहले हनुमान गढ़ी में बजरंगबली का दर्शन करेंगे। वहां से रामजन्मभूमि जाकर प्रभु रामलला का आशीर्वाद लेंगे। इसके बाद दोपहर 12 बजे तारा रिसार्ट में होने वाली प्रबुद्ध वर्ग गोष्ठी में पहुंचकर ब्राह्मणों का आशीष लेंगे। सतीश चंद्र मिश्र ने बताया कि ब्राह्मण समाज के लोग अपने मान-सम्मान, सुरक्षा व तरक्की के लिए फिर से बसपा से जुड़कर सूबे में लोकप्रिय सरकार बनवाएंगे। उन्हें ऐसा विश्वास है। उनका कहना है कि यूपी में जातिगत व धार्मिक द्वेष की भावना से शोषण किया जा रहा है। इससे प्रबुद्ध वर्ग आहत है। उन्होंने बताया कहा कि फिलहाल 29 जुलाई तक का कार्यक्रम तय है। वैसे विचार गोष्ठियां प्रदेश के हर एक जिले में कर बड़ी संख्या में लोगों को पार्टी से जोड़ा जाएगा।
राम की शरण में बसपा, भरोसा ‘ब्राह्मण ही ब्रह्मास्त्र’
सत्ता का 14 वर्ष का वनवास खत्म करने के लिए बसपा अनूठे अंदाज में चुनावी बिगुल फूंकने जा रही है। ब्राह्मणों को साथ जोड़कर 2007 में सत्ता के ङ्क्षसहासन तक पहुंची बसपा को पूरा भरोसा है कि ब्राह्मण ही उसके लिए फिर ब्रह्मास्त्र हो सकते हैं। सोच का समीकरण कुछ यूं है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव- 2022 में दलित-ब्राह्मण की जोड़ी मुस्लिम को भी भरोसा दिला सकती है कि हाथी में जीतने का दम है। सोशल इंजीनियरिंग का बसपा का यह दांव बेशक पुराना है, लेकिन खास बात यह है कि बसपा मुखिया मायावती भी अब भगवान राम की शरण में हैं। प्रबुद्ध वर्ग गोष्ठी के जरिए ब्राह्मणों को जोडऩे की मुहिम पार्टी शुक्रवार को अयोध्या से ही शुरू करने जा रही है। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती इधर लगातार ब्राह्मण समाज को अपनत्व का संदेश देने का कोई मौका छोड़ नहीं रहीं और साथ आने का न्योता भी दे रही हैं। उनका आरोप है कि यूपी में भाजपा की सरकार बनवाने के बाद ब्राह्मण अब पछता रहे हैं। उन्हें साधने के लिए बसपा ने फिर से अपने राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को आगे किया है। दरअसल, वर्ष 2007 के चुनाव के पहले ब्राह्मण सम्मेलनों से ऐसा माहौल बना था कि बसपा के टिकट से सबसे अधिक ब्राह्मण विधानसभा पहुंचने में सफल हुए थे ।
इन जिलों में बसपा का प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन
तारीख जिला
24-25 जुलाई अंबेडकरनगर
26 जुलाई प्रयागराज
27 जुलाई कौशांबी
28 जुलाई प्रतापगढ़
29 जुलाई सुलतानपुर।