पंजाब में चल रही कांग्रेस की कलह के बीच हरियाणा के पार्टी पदाधिकारियों की लिस्ट अटक गई है। कांग्रेस हाईकमान नहीं चाहता कि लिस्ट को लेकर हरियाणा के कांग्रेस दिग्गजों में किसी तरह का बवाल मचे, इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों व जिला अध्यक्षों की लिस्ट को फिलहाल दराज में बंद कर दिया गया है। संभावना जताई जा रही है कि हरियाणा के कांग्रेस पदाधिकारियों की लिस्ट अब दीपावली के आसपास ही आएगी। तब तक हाईकमान को पंजाब कांग्रेस का विवाद थम जाने की उम्मीद है।
हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल और प्रदेश अध्यक्षा कुमारी सैलजा पिछले छह महीने से अगले कुछ दिनों में पदाधिकारियों की घोषणा हो जाने का दावा करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई प्रगति होती दिखाई नहीं दी। पहले तो लिस्ट में पदाधिकारियों के नाम को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में विवाद के हालात बने रहे, लेकिन जब इस विवाद को काफी हद तक कम कर लिया गया तो अब हाईकमान इस लिस्ट को दबाकर बैठ गया है। वह पंजाब में कांग्रेस में चल रहे घमासान को लेकर चिंतित है और उसे लग रहा है कि यदि लिस्ट की घोषणा होने के बाद हरियाणा में भी ऐसे हालात बन गए तो स्थिति संभाले नहीं संभल पाएगी।
हरियाणा में कांग्रेस पिछले सात साल से संगठन खड़ा नहीं कर पाई है। इस दौरान कांग्रेस के प्रभारी आते रहे और जाते रहे, लेकिन वह पार्टी पदाधिकारियों की घोषणा करने का राजनीतिक साहस नहीं जुटा सके हैं। तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष फूलचंद मुलाना ने भी कई साल तक बिना संगठन के कुर्सी संभाली। उनके बाद अशोक तंवर हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष बने, लेकिन पार्टी दिग्गजों के आपसी विवाद के चलते वह भी संगठन नहीं खड़ा कर पाए। उनके कांग्रेस छोड़ने के बाद कुमारी सैलजा को हरियाणा की बागडोर सौंपी गई, लेकिन उनकी नियुक्ति के बाद से लगातार कहा जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में संगठन घोषित हो सकता है, मगर इस बात को भी एक साल बीतने वाला है, लेकिन पार्टी कार्यकर्ता पहले दिन से लेकर अब तक असमंजस का शिकार है।
हरियाणा में पार्टी पदाधिकारियों के नामों को लेकर दिग्गजों के बीच चल रहा विवाद उस दिन सुलझ जाने की उम्मीद जताई जाने लगी थी, जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बुलावे पर प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल और कुमारी सैलजा उनके भोज में शामिल हुए। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार हुड्डा, सैलजा, कैप्टन, किरण, सुरजेवाला और कुलदीप की पसंद के पार्टी पदाधिकारियों पर मंथन हो चुका है।
हुड्डा समर्थक विधायक हालांकि कई जिलों में उन्हें अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपने की सलाह हाईकमान को दे चुके हैं। हाईकमान को यह जिम्मेदारी हुड्डा की पसंद के कुछ पूर्व उम्मीदवारों को भी देने की सलाह पसंद आई है। अब हाईकमान लिस्ट घोषित करने के माकूल समय की इंतजार में है।