दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 के लिए नेता जी को क्यों लेना पड़ रहा है पत्नियों का सहारा

संगीता विकास शुक्ला मिश्रा एक माह पहले तक संगीता शुक्ला थीं, इसी तरह अनीता राजेश चौधरी एक माह पहले तक अनीता चौधरी थीं, यह केवल इन्हीं दो लोगों की बात नहीं है, तमाम ऐसे युवा नेता जो राजनीति में आगे बढ़ना चाहते हैं अभी तक जो निगम वार्ड से चुनाव लड़ने के लिए अपने लिए तैयारी कर रहे थे, अब सीटों के महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाने के कारण अब अपनी पत्नियों को आगे बढ़ा रहे हैं।महिलाओं के लिए आरक्षित हुईं सीटों वाले वार्ड में ऐसी सड़कों पर बैनर व होर्डिेंग तक लग रहे हैं जिन पर नेता पति के आगे अब उनकी पत्नी का नाम आ गया है। इसमें कई निगम पार्षद भी शामिल हैं जो अपना वार्ड आरक्षित हो जाने पर अपनी पत्नियों को आगे बढ़ा रहे हैं। चुनाव लड़ने की चाहत में कई नेता अपनी पत्नियों के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने भी उनका बायोडेटा दे रहे हैं।

बता दें कि राजनीतिक बातचीत में भी उनका जिक्र होता है। उनकी शिक्षा और राजनीतिक समझ की भी बात की जाती है। अब ये नेता पत्नियां सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर भाग ले रही हैं। गोवा में मतदान हो जाने के बाद दिल्ली नगर निगम से संबंधित आम आदमी पार्टी के नेताओं के दिल्ली लौट आने के बाद चुनाव लड़ने वाले ऐसे नेताओं की पार्टी मुख्यालय में गतिविधियां बढ़ रही हैं। कुछ नेता चुनाव लड़ने वाली इन महिलाओं को भी आगे कर रहे हैं। उद्देश्य स्पष्ट है कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों के लिए अधिसूचना जारी होने से पहले आरक्षि्रत सीटों वाली इन नेताओं के लिए माहौल बनाया जा सके।

यहां बता दें तीनों नगर निगमों में सत्ता में आने का लक्ष्य लेकर चल रही आम आदमी पार्टी सीटों के आरक्षण के बाद बहुत ही गंभीरता से हर सीट का अध्ययन करा रही है। पिछले निगम चुनाव में दिल्ली के 272 निगम वार्ड में से आप ने कुल 48 सीटें जीती थीं। उसमें नगर निगम दक्षिणी में 104 में से आप के 16, नगर निगम उत्तरी के 104 वार्ड में से 21 में आम आदमी पार्टी जीती और पूर्वी दिल्ली निगम में 64 सीटों में से 11 सीटें शामिल थीं।आप अब इन सभी सीटों पर मजबूत प्रत्याशियों के चयन के लिए प्रक्रिया में है।