केंद्र सरकार ने संसद को बताया, किसी भी राज्य ने नहीं दी आक्सीजन की कमी से मौत की सूचना

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद को बताया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कोरोना महामारी के दौरान आक्सीजन की कमी की वजह से हुई मौतों का ब्योरा देने का आग्रह किया गया था। इस पर कुछ राज्यों ने ही जानकारी दी है, लेकिन किसी भी ने आक्सीजन की कमी के चलते मौतों की सूचना नहीं दी है।

राज्‍य ही उपलब्‍ध कराते हैं आंकड़े

संसद के निचले सदन लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि केंद्र सरकार के पास कोरोना संक्रमण के मामलों और इसकी वजह से होने वाली मौतों के वही आंकड़े होते हैं जो उसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से उपलब्ध कराए जाते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों को उचित तरीके से दर्ज करने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने 10 मई, 2020 को ही दिशानिर्देश जारी किए थे।

180 से ज्यादा दिशानिर्देश दिए

इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने नौ अक्टूबर, 2020 को राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर आइसीएमआर, डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी संबंधित दिशानिर्देशों के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कोरोना महामारी को लेकर 180 से ज्यादा दिशानिर्देश, परामर्श, मानक और योजनाएं जारी की गईं।

बीमारियों की वजह से मौतें भी बढ़ी

लैंसेंट ग्लोबल हेल्थ पत्रिका में 2018 में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट का हवाला देते हुए भारती पवार ने बताया कि 1990 से 2016 के बीच दिल से संबंधित बीमारियों में कई तरह के बदलाव देखने को मिले हैं। इसके चलते उक्त अवधि में दिल की बीमारियों की वजह से मौतें भी बढ़ी हैं। 1990 में जहां 15.2 प्रतिशत मौतें दिल से संबंधित बीमारियों की वजह से हुई थीं, वह 2016 में बढ़कर 28 प्रतिशत से ज्यादा हो गईं।

21 मार्च तक 180.24 करोड़ डोज लगाई गईं

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सदन को एक लिखित उत्तर में बताया कि 21 मार्च तक 15 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना रोधी वैक्सीन की कुल 181.24 करोड़ डोज लगा दी गई थीं।