Experts Views : चीन के बढ़ते दखल का खामियाजा भुगत रहे हैं दक्षिण एशिया के ये तीन मुल्‍क, क्‍या पड़ेगा भारत पर असर?

दक्षिण एशिया के तीन मुल्‍कों में आर्थिक बदहाली और राजनीतिक अस्थिरता चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्‍या दक्षिण एशिया के प्रमुख देश भारत में यह स्थिति उत्‍पन्‍न हो सकती है? क्‍या भारत में आर्थिक संकट की स्थिति उत्‍पन्‍न हो सकती है? क्‍या होगी भारत की तस्‍वीर? भारत में आर्थिक संकट क्‍यों नहीं? श्रीलंका, नेपाल और पाकिस्‍तान में आर्थिक स्थिति क्‍यों बिगड़ गई है? इसके लिए चीन कितना जिम्‍मेदार है।

1- प्रो हर्ष वी पंत ने कहा कि निश्चित रूप से नेपाल, श्रीलंका और पाकिस्‍तान की हालत बेहद नाजुक है। इन मुल्‍कों में राजनीतिक अस्थिरता के साथ आर्थिक स्थिति बेहद नाजुक है। उन्‍होंने कहा कि खास बात यह है कि तीनों मुल्‍कों का संबंध दक्षिण एशिया से है। भारत भी दक्षिण एशिया का प्रमुख मुल्‍क है। इसलिए यह सवाल लाजमी है। उन्‍होंने कहा कि भारत की स्थिति भिन्‍न है। भारत में इसकी आशंका कम है। देश में राजनीतिक स्थिरता है। भारत में एक मजबूत सरकार है। हालांकि, उन्‍होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान निश्चित रूस से दुनिया के आर्थिक हालात अच्‍छे नहीं है। भारत इसका अपवाद नहीं है। भारत में कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, लेकिन भारत की स्थिति मजबूत है। उन्‍होंने कहा कि देश में पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण यह सवाल उठ रहे हैं, लेकिन यह निराधार है।

2- खास बात यह है कि इन तीनों मुल्‍कों ने चीन से भारी कर्ज ले रखा है। इसलिए इन देशों की आर्थिक बदहाली के लिए चीन को दोषी माना जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि निश्चित रूप से इन मुल्‍कों की बदहाली के लिए चीन एक बड़ी वजह है। हालांकि, इन मुल्‍कों में सबसे बड़ी समस्‍या नियोजन की रही है। नियोजन में कमी चीन से लिए गए भारी कर्ज के कारण ये मुल्‍क आर्थिक मंदी से गुजर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत ने किसी मुल्‍क से कठोर शर्तों पर कर्ज नहीं ले रखा था। दूसरे, भारत अपने नियोजन के बल कोरोना महामारी के दुष्‍प्रभाव से निपटने में सफल रहा है। हालांकि, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भारत की अर्थव्‍यवस्‍था लड़खड़ाई थी, लेकिन समय रहते वह संभल गई। इस कारण भारत को आर्थिक मंदी का सामना नहीं करना पड़ा।