दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और क्लस्टर योजना की बसों को बस लेन तक सुनिश्चित करने के लिए एक अप्रैल से शुरू किए गए प्रवर्तन अभियान को ही आगे भी जारी रखेगा। दिल्ली परिवहन विभाग निजी बसों और हल्के माल वाहनों के खिलाफ अभियान का दूसरा चरण 16 अप्रैल से फिलहाल शुरू नहीं करेगा। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि बस लेन अनुशासन के उल्लंघन के मामले बहुत कम हैं क्योंकि अनुपालन अधिक रहा है। वर्तमान में संयुक्त डीटीसी और क्लस्टर योजना के बेड़े में 7,000 से अधिक बसें हैं।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले 10 दिनों में जब से प्रवर्तन अभियान शुरू हुआ है, ड्राइवरों ने बस लेन अनुशासन का पालन करना शुरू कर दिया है। पिछले 10 दिनों के दौरान सीखने का अनुभव रहे हैं और विभाग बस लेन अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक बदलावों पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ सड़क डिजाइन परिवर्तन की भी आवश्यकता हो सकती है, जिसके लिए हम विशेषज्ञ की सलाह ले रहे हैं। आइआइटी दिल्ली की एक टीम हमारी मदद कर रही है।
इसके साथ दिल्ली सरकार के अधिकारी ने यह भी बताया कि अगले चरण में जाने के बजाय हम इस अभियान को हम पायलेट प्रोजक्ट के चरण के रूप में जारी रख रहे हैं। दूसरे चरण में 16 से 30 अप्रैल तक यह सुनिश्चित करने के लिए योजना बनाई गई थी कि हल्के माल वाहन, अंतरराज्यीय बसें, अनुबंध कैरिज बसें और स्टेज कैरिज बसें भी बस लेन पर चलेंगी।
लेन व्यवस्था का पालन न करने पर पहली बार 10,000 रुपये का चालान है। दूसरी बार इस नियम को तोड़ने पर चालान और अतिरिक्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। तीसरा चालान होने पर ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित या रद कर दिया जाएगा। इसके साथ ही एक महीने का ड्राइ¨वग रिफ्रेशमेंट कोर्स अनिवार्य रूप से करना होगा। चौथी बार नियम के उल्लंघन पर वाहन परमिट रद कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि परिवहन विभाग ने बस लेन में यातायात अनुशासन लागू करने के लिए दो पालियों में प्रवर्तन दल तैनात किए हैं। प्रत्येक प्रवर्तन दल आवंटित सड़क या खंड को कवर करेगा। अभियान को सफल करने के लिए कुल 138 प्रवर्तन दल तैनात किए गए हैं। दिल्ली यातायात पुलिस को भी प्रवर्तन टीमों के परामर्श से अपनी योजना तैयार करने की सलाह दी गई है। इस दौरान मेगाफोन के माध्यम से जागरूक भी किया जा रहा है।