रूस-यूक्रेन के बीच 140वें दिन भी जंग जारी है। इस बीच रूसी सेना ने शनिवार देर रात पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क के चासिव यार शहर के एक अपार्टमेंट में के 5वीं फ्लोर पर 3 मिसाइल दागे। हमले में 15 लोगों की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 24 से ज्यादा लोग के मलबे के नीचे फंसे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हमले के दौरान बिल्डिंग में रहने वाले लोग अपनी जान बचाने के लिए बेसमेंट की तरफ भागे। यूक्रेन सरकार का कहना है कि रॉकेट अटैक रूस के उरगन रॉकेट से किया गया था।
खार्किव में अलग सरकार
अमेरिकी न्यूज वेबसाइट के मुताबिक रूस खार्किव शहर को यूक्रेन से अलग करना चाहता है। खार्किव शहर का 30 फीसदी हिस्सा रूस के कब्जे में पहले ही आ चुका है। कुछ दिन पहले ही खार्किव में यूक्रेन से अलग एक नया पब्लिक एडमिनिस्ट्रेटिव सिस्टम बनाया गया है।
इन इलाकों में खार्किव की अलग झंडा भी फहराया जाता है। यूक्रेन का 22 फीसदी इलाका रूस के कंट्रोल में है। यह जानकारी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की ने यूक्रेन की संसद में दी। 24 फरवरी से अब तक, यूक्रेन के ज्यादातर पूर्वी और दक्षिण इलाको पर रूस का कब्जा है। इन इलाकों में लुहांस्क, डोनेट्स्क, खेरसॉन, मारियुपोल जैसे बड़े शहर शामिल हैं।
स्कूलों में रूस समर्थक कोर्स शुरु
रूस अपने कब्जे वाले यूक्रेन के दक्षिणी इलाकों के स्कूलों को फिर से खोल रहा है। इनमें रूस समर्थक कोर्स शुरू किया गया है। खेरसॉन और जापोरिज्ज्या जैसे क्षेत्रों में रहने वाले माता-पिता को धमकी दी जा रही है कि यदि वे रूसी पासपोर्ट नहीं लेते और अपने बच्चों को वे रूस समर्थक स्कूलों में नहीं भेजते हैं तो उनके पेरेंट संबंधी अधिकार छीन लिए जाएंगे।
पेरेंट्स और टीचर्स का कहना है कि आने वाले शैक्षणिक वर्ष में इन स्कूलों के साथ सहयोग करने के लिए उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है। रूस के कब्जे वाले इलाकों में यूक्रेनी इंटरनेट और सेलुलर-सेवा प्रदाताओं और बाहरी मीडिया से काट दिया गया है। टेलीविजन पर केवल रूसी प्रोग्राम आते हैं।
रूसी सैनिक यूक्रेनी इतिहास की किताबों को जला रहे हैं। स्कूलों में बच्चों को यूक्रेन से नफरत करना सिखा रहे हैं। इतिहास के पाठों में बताया जा रहा है कि वर्तमान युद्ध शुरू करने के लिए यूक्रेन दोषी है।
रूसी कोर्स नहीं पढ़ाने पर टीचरों काे ब्लैकमेल कर रहे हैंरूसी सैनिक यूक्रेनी टीचरों को जबरन रूस समर्थित कोर्स पढ़ाने का दबाव बना रहे हैं। खेरसॉन की टीचर सेरही का कहना है कि रूसी सैनिक टीचरों को ब्लैकमेल भी कर रहे हैं। कुछ टीचर यहां से भाग गए हैं। बाकी बचे टीचरों को जबरन पढ़ाने को मजबूर किया जा रहा है।
कनाडा ने दी टर्बाइन देने की मंजूरी
रूस से गैस खरीदने के लिए जर्मनी को कनाडा से जो टर्बाइन वापस चाहिए था। उसको वापस करने की मंजूरी कनाडा ने दे दी है। जर्मनी और रूस के बीच, नॉर्ड सट्रीम 1 गैस पाइपलाइन शुरु होगी। इस पाइपलाइन के लिए यह टर्बाइन जरूरी है। इस सौदे की वजह से जर्मनी और यूक्रेन के संबंध, खराब हो रहे है।