कोरोना-काल में अपना सबसे बेहतर कारोबार करने वाली डायमंड इंडस्ट्री का उत्साह चरम पर है। इंडस्ट्री का अनुमान है कि आय में बढ़ोतरी और युवाओं में बढ़ती मांग के चलते अगले 8 साल यानी 2030 तक देश में डायमंड ज्वैलरी का सालाना कारोबार करीब 1.30 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। फिलहाल, देश में हर साल करीब 55 हजार करोड़ की डायमंड ज्वेलरी की बिक्री होती है।
95% हिस्सेदारी महिलाओं के आभूषणों की
दुनिया की सबसे बड़ी हीरा उत्पादक कंपनी डीबीयर्स की इंडिया यूनिट के मैनेजमेंट डायरेक्टर सचिन जैन ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि दुनिया के सबसे बड़े डायमंड मार्केट अमेरिका में पुरुषों के बीच डायमंड ज्वेलरी का काफी चलन है, क्योंकि वहां रैपर्स ने डायमंड ज्वेलरी को पुरुषों के बीच काफी पापुलर बना दिया है। लेकिन भारत में स्थिति काफी अलग है। यहां डायमंड ज्वेलरी में 95% हिस्सेदारी महिलाओं के आभूषणों की है, जबकि पुरुषों की हिस्सेदारी सिर्फ 5% है।
पुरूषों की सबसे पसंदीदा डायमंड आइटम रिंग
जैन ने कहा कि अब डायमंड कंपनियां इस बाजार में पुरूषों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए खास आभूषण बनवा रही हैं। ट्रेड पंडितों के मुताबिक, फिलहाल पुरूषों की सबसे पसंदीदा डायमंड आइटम रिंग हैं, खास तौर पर वेडिंग बैंड। इसके अलावा, कफलिंक और टाई पिन भी विशेष अवसरों पर खरीदे जाते हैं। लेकिन अब कंपनियां पुरुषों के डायमंड ब्रेसलेट और डायमंड चेन जैसे आभूषणों पर भी काम कर रही हैं।
महिलाओं में बढ़ रहा खुद गहने खरीदने का चलन
डीबीयर्स की इंडिया यूनिट के एमडी सचिन जैन ने कहा कि डायमंड ज्वेलरी बिजनेस में हम एक नया ट्रेंड देख रहे हैं। अब महिलाएं अपने लिए खुद ज्वेलरी खरीदने लगी हैं। अब तक ऐसा नहीं होता था। डायमंड की ज्वेलरी खरीदने के लिए पूरा परिवार आता था और भुगतान प्राय: पुरूष किया करते थे। उन्होंने बताया कि महंगे आभूषणों की खरीद में अब भी परिवार आता है, लेकिन छोटे गहने महिलाएं खुद खरीद रही हैं।
द. भारत डायमंड ज्वेलरी का सबसे बड़ा बाजार
इंडस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, दक्षिण भारत सोने के साथ ही डायंड ज्वेलरी का भी सबसे बड़ा मार्केट है। डीबीयर्स फॉरएवरमार्क के 38-40% हीरे दक्षिण भारत में बिकते हैं। इसके बाद पश्चिम भारत, उत्तर भारत और पूर्व भारत का नंबर आता है। इस पूरे बाजार में इनकी 15 से 18% हिस्सेदारी है।