भारत-पाकिस्तान के 6 यादगार मुकाबले:जब पत्थरबाजी के बीच जीती इंडिया, वर्ल्ड कप के लीग मैच में खाली स्टंप पर गेंदबाजी और मियांदाद का वो सिक्स

क्रिकेट, एशिया कप और भारत-पाकिस्तान का मैच यानी रोमांच का ट्रिपल डोज। 28 अगस्त को दुबई में दोनों टीमें आमने-सामने होंगी। सोशल मीडिया हो या फिर गली-मोहल्ला… इस मैच की हर जगह चर्चा है। वजह एक ही है, जब-जब ये दोनों टीमें भिड़ती हैं, तब-तब कुछ ऐसे वाकये होते हैं जो यादगार बन जाते हैं। तो इस मुकाबले से पहले हम आपको उन वाकयों के बारे में ही बता रहे हैं, जो यादगार बन गए…

1. चेतन शर्मा का आखिरी ओवर, आखिरी बॉल पर मियांदाद का सिक्स

साल 1986, जगह यूएई का शारजाह और ट्रॉफी एशिया कप… हालांकि तब इसका नाम ऑस्ट्रलेशिया कप रखा गया था। 36 साल पहले पाकिस्तानी बल्लेबाज जावेद मियांदाद ने ऐसी पारी खेली, जिसके चलते आज भी कई दिग्गज क्रिकेटर्स को आज भी नींद नहीं आती। भारत-पाकिस्तान के बीच फाइनल खेला जा रहा था। भारत ने पहले बैटिंग की और 246 का टारगेट दिया। 7 विकेट भी गिरा लिए, लेकिन जावेद मियांदाद दीवार बनकर खड़े हो गए। शतक भी मारा। अब बारी थी आखिरी ओवर की, जो चेतन शर्मा को सौंपा गया।

अब इस ओवर की पूरी कहानी
पहली बॉल: मियांदाद ने 2 रन लेेने की कोशिश की और वसीम अकरम रन आउट हो गए। जीत के लिए 5 बॉल पर चाहिए थे 10 रन।
दूसरी बॉल: जावेद मियांदाद ने मिड विकेट पर चौका लगाया।
तीसरी बॉल: तीसरी बॉल पर मियांदाद ने एक रन लिया।
चौथी बॉल: चौथी बॉल पर चेतन शर्मा ने बोल्ड मारा और पाकिस्तान ने 9 विकेट गंवा दिए।
पांचवीं बॉल: बल्लेबाज ने सिंगल लिया और मियांदाद क्रीज पर आए।
आखिरी बॉल: एक गेंद पर 4 रन चाहिए थे। चेतन शर्मा ने फुलटॉस फेंकी और मियांदाद ने लेग साइड पर सिक्स जड़कर पाकिस्तान को मैच जिता दिया।

2. सबा करीम और राजेश चौहान ने पथराव के बीच जीत दिलाई

साल था 1997। भारत, पाकिस्तान के दौरे पर था। पहले वन डे में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था। कराची के नेशनल स्टेडियम में 30 सितंबर 1997 को दूसरा मुकाबला खेला गया। पाकिस्तान के कप्तान सईद अनवर ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया। शाहिद अफरीदी ने 72 रन और इंजमाम उल हक ने 74 रन की शानदार पारी खेली।

अचानक स्टेडियम में बैठे दर्शकों ने हंगामा शुरू कर दिया। भीड़ बेकाबू हो गई और पथराव करने लगी। भारतीय टीम मैदान से बाहर चली गई। तब तक पाकिस्तान ने 47.2 ओवर में चार विकेट पर 265 रन बनाए थे और उसकी पारी को यहीं समाप्त मान लिया गया।

कुछ देर बाद मैच दोबारा शुरू हुआ। भारत को 47 ओवर में 266 रन बनाने थे। सचिन और गांगुली ने मिलकर 71 रन की तेज शुरुआत दी। सचिन 21 रन बनाकर आउट हो गए। गांगुली (89) और विनोद कांबली (53) ने 98 रन जोड़े, लेकिन इसके बाद अजहर (6) और अजय जडेजा (8) जल्दी आउट हो गए। हालांकि रॉबिन सिंह (नॉटआउट 31 रन), सबा करीम (26 रन) ने 62 रन की साझेदारी करके भारत को जीत के दरवाजे तक पहुंचा दिया।

सबा करीम को वकार यूनुस ने बोल्ड किया तो उसके बाद भारत को जीत के लिए सकलैन के आखिरी ओवर में आठ रन की जरूरत थी और सामने थे राजेश चौहान। सकलैन की फॉर्म और चौहान की बैटिंग को देखते हुए यह लक्ष्य काफी कठिन लग रहा था, लेकिन चौहान ने सकलैन की दूसरी गेंद पर मिड विकेट पर शानदार छक्का लगाकर टारगेट को आसान कर दिया, फिर तीसरी गेंद पर भारत को एक अविश्वसनीय जीत दिला दी।
3. 24 साल पहले लगे एक चौके ने दिलाई थी भारतीय टीम को जीत

24 साल पहले 1998 में ढाका में इंडिपेंडेंस कप का बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल का तीसरा मैच खेला जा रहा था। भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को बल्लेबाजी करने का न्योता दिया। पाकिस्तान की तरफ से एजाज अहमद और सईद अनवर की जोड़ी ने तीसरे विकेट के लिए 230 रन जोड़ दिए और भारतीय टीम बैकफुट पर आ गई। PAK टीम ने 48 ओवर में 5 विकेट खोकर 314 रन बनाए थे। उस समय इतना बड़ा स्कोर किसी भी टीम ने चेज नहीं किया था।

बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने शानदार शुरुआत की। तेंदुलकर और गांगुली ने सिर्फ 8 ओवर में 71 रन जोड़ दिए, लेकिन शाहिद अफरीदी की गेंद पर तेंदुलकर आउट हो गए। गांगुली ने अपनी शानदार बल्लेबाजी जारी रखी और शतक पूरा किया। उनका साथ देने आए रॉबिन सिंह ने भी 82 रन जोड़े, लेकिन उनके आउट होते ही विकेट की झड़ी लग गई। एक के बाद एक भारतीय बल्लेबाज आउट होकर पवेलियन लौट गए। 48 ओवर के मैच में भारतीय टीम ने 47 ओवर खत्म होने तक 7 विकेट खोकर 306 रन बना लिए थे।

आखिरी ओवर में भारत को जीत के लिए 9 रन चाहिए थे और क्रीज़ पर ऋषिकेश कानिटकर और जवागल श्रीनाथ थे। इस बीच सकलैन मुश्ताक अंतिम ओवर लेकर आए। पहली गेंद पर कानिटकर ने एक रन लिया और श्रीनाथ क्रीज पर आ गए। दूसरी और तीसरी गेंद पर भी श्रीनाथ ने दो-दो रन चुराए। इस दौरान वह बड़ा शॉट लगाना चाहते थे और पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने उनके कैच भी छोड़ दिए। चौथी गेंद पर श्रीनाथ ने एक रन लिया। अब जीत के लिए दो गेंद पर 3 रन चाहिए थे। सकलैन ने कानिटकर के पैरों के पास गेंद डाली और उन्होंने बल्ला घुमाया और मिड-विकेट पर शानदार चौका जड़ टीम इंडिया को जीत दिला दी।

4. पहला टी-20 वर्ल्ड कप, पहला मैच बॉल-आउट से जीता भारत

2007 में पहला टी-20 वर्ल्ड कप खेला गया था। ये वर्ल्ड कप साउथ अफ्रीका में हो रहा था। इसमें भारत और पाकिस्तान पहले लीग मैच में और फिर फाइनल में भिड़े। लीग मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 141 रन बनाए। यह स्कोर काफी नहीं था। अच्छी गेंदबाजी की बदौलत इंडिया ने पाकिस्तान को 141 पर ही रोक दिया। इसके बाद मैच का नतीजा बॉल-आउट से निकला।

भारत की तरफ से तीन थ्रो हुए। ये तीनों थ्रो वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह और रॉबिन उथप्पा ने किए। भारत के तीनों थ्रो विकेट पर जाकर लगे। पाकिस्तान की तरफ से भी तीन थ्रो किए गए, लेकिन उनका एक भी थ्रो विकेट पर नहीं लगा और टीम इंडिया ये मुकाबला जीत गई।

2007 टी-20 वर्ल्ड कप में ग्रुप मैच के बाद दोनों टीमों की भिड़ंत एक बार फिर फाइनल में हुई थी। मैच में टॉस जीतकर भारत ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने 54 गेंदों पर 75 रनों की धमाकेदार पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी के दौरान 8 चौके और दो छक्के लगाए। उनके अलावा रोहित शर्मा ने 16 गेंदों में 30 रनों की पारी खेली।

भारत ने 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 157 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की शुरुआत बहुत ही खराब रही। पाकिस्तान ने 77 रन पर अपने 6 विकेट गंवा दिए, लेकिन मिस्बाह उल हक मैच आखिरी ओवर तक ले गए। इस ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन चाहिए थे, लेकिन मिस्बाह 43 रन बनाकर आउट हो गए और भारत ने 5 रन से मैच जीत लिया।

इसी के साथ टीम इंडिया पहले टी-20 वर्ल्ड कप की विजेता भी बनी। इस मैच में आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा करने आए थे। सिर्फ एक मैच से जोगिंदर स्टार बन गए थे। इस युवा गेंदबाज को भारत का बच्चा-बच्चा जान गया था।