केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज से 2 दिनों के बिहार दौरे पर हैं। अमित शाह दोपहर करीब 12.15 बजे सेना के विशेष विमान से पूर्णिया के चूनापुर एयरपोर्ट पर उतरेंगे। इसके बाद वे पूर्णिया में करीब डेढ़ लाख लोगों की एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वे हेलिकॉप्टर से किशनगंज रवाना हो जाएंगे।
शाह की जनसभा में भीड़ जुटना शुरू हो गई है। सभा में काले कपड़े बैन हैं। कई लोगों की शर्ट उतरवाई गई है।
शाह किशनगंज के माता गुजरी देवी कॉलेज में शाम 4 बजे बिहार भाजपा के सांसदों, विधायकों और पूर्व मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। वहीं वे 5 बजे भाजपा प्रदेश कोर समिति की भी मीटिंग लेंगे। गृह मंत्री रात में किशनगंज में ही बिताएंगे।
पूर्णिया में होने वाली BJP की जनभावना रैली को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है। पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में होने वाली इस रैली को लेकर मंच से लेकर मैदान की सुरक्षा पुख्ता कर ली गई है। वहीं पूर्णिया शहर पोस्टर बैनर से पाट दिया गया है। रैली को सफल बनाने के लिए लगभग आठ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। पूर्णिया में जनसभा में लगभग 1.50 लाख लोगों के आने का अनुमान है।
अमित शाह शुक्रवार को जन भावना महासभा में दोपहर 12:00 बजे पहुचेंगे। यहां जनसभा के संबोधन में बिहार के लिए नारा भी देंगे। ‘आओ चले भाजपा के साथ, मिलकर करे बिहार का विकास’, इस नारे के साथ माना जा रहा है कि बिहार में चुनावी शंखनाद की शुरुआत करेंगे।
भाजपा नेताओं के मुताबिक इस कार्यक्रम में लाखों लोग रहेंगे। इस कार्यक्रम के माध्यम से अमित शाह सीमांचल के साथ साथ पूरे बिहार, पश्चिम बंगाल को भी साधेंगे। बताया जा रहा है कि अमित शाह एनआरसी जैसे मसलों पर भी खुलकर अपनी राय रखेंगे। बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शम्भू कहते है कि ये कार्यक्रम ऐतिहासिक होगा और देश की राजनीति में ये मिल का पत्थर साबित होगा।
तेजस्वी ने उठाई विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग
शाह के दौरे पर तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार एवं गृहमंत्री जी बताएं कि वो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देंगे या नहीं? क्या उनके आने का मकसद केवल समाज में तनाव पैदा करना है?
2014 में मोदी जी ने पूर्णिया रैली में भाजपा सरकार बनने पर बिहार को “विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज और विशेष ध्यान” देने का संकल्प किया था। लेकिन 8 वर्ष बाद भी सरकार में रहने के बावजूद अब वो इस पर बात करने में शर्माते है।क्यों? तेजस्वी ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री का बयान भी डाला है।
अमित शाह के लिए स्पेशल साउंड प्रूफ रूम
स्टेडियम में ही अमित शाह के लिए स्पेशल रूम तैयार किया गया है। ये रूम साउंड प्रूफ है। जिसमें सुरक्षा के पूरे इंतजाम हैं, साथ ही 12 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
3 हजार घर भगवामय, 30 हजार झंडे-बैनर से पटा पूर्णिया
स्टेडियम के आसपास एक दर्जन कॉलोनी के तीन हजार घर भगवामय हो गए हैं। अमित शाह के दौरे को लेकर मकान के ऊपर भाजपा का झंडा लगाया गया है। पूर्णिया में लगभग 30 हजार झंडा-बैनर लगाए गए हैं। अमित शाह की रैली के बाद कोर टीम के साथ बैठक करेंगे। किशनगंज में आयोजित बैठक में 75 विधायक के साथ ही एमएलसी भी शामिल होंगे। इसमें 2024 संसदीय चुनाव के साथ ही बिहार में राजनीति स्थिति को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी।
भाजपा प्रदेश कोर समिति के साथ करेंगे बैठक
अमित शाह किशनगंज में भाजपा के सांसदों, विधायकों और पूर्व मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। गृह मंत्री रात में किशनगंज में ही ठहरेंगे। 24 सितंबर को सुबह 9:30 बजे वे बूढ़ी काली माता मंदिर में दर्शन और पूजन करेंगे। वहीं 10:00 बजे SSB कैंप में बी.ओ.पी फतेहपुर का दौरा और फतेहपुर, पेकटोला, बेरिया, आमगाछी और रानीगंज बी.ओ.पी भवनों का उद्घाटन करेंगे।
12:00 बजे BSF कैंपस में BSF, SSB व ITBP महानिदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीमा सुरक्षा पर समीक्षा बैठक करेंगे। उनका अंतिम कार्यक्रम 3:30 बजे माता गुजरी विश्वविद्यालय कैंपस में ही आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित “सुन्दर सुभूमि” कार्यक्रम होगा।
ओवैसी की स्ट्रैटजी अपना सकती है भाजपा
एआईएमआईएम पिछले विधानसभा चुनाव में 20 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इसमें 14 अकेले सीमांचल के थे। इनमें से 5 सीटों पर जीत दर्ज करने में वो कामयाब रहे थे। हालांकि उनके 4 विधायक बाद में आरजेडी में शामिल हो गए थे। मणिकांत ठाकुर कहते हैं कि इसमें कोई दो-मत नहीं है कि बिहार के सीमांचल में ओवैसी ने अपनी जमीन तैयार कर ली है और इसका उन्हें परिणाम भी मिलने लगा है। बीजेपी यही स्ट्रैटजी यहां के हिंदूओं के लिए अपना सकती है।
धार्मिक ध्रुवीकरण के बहाने जाति पर चोट करने की तैयारी
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार मणिकांत ठाकुर कहते हैं कि हमेशा जाति के फैक्टर को कम करने के लिए ध्रुवीकरण का सहारा लिया जाता है। अमित शाह की यही स्ट्रैटजी लोकसभा चुनाव में बिहार में हो सकती है। उन्हें पता है कि महागठबंधन में जाति बीजेपी पर भारी पड़ सकती है। इसकी काट वे ध्रुवीकरण के सहारे निकाल सकते हैं। जैसे ही धार्मिक ध्रुवीकरण होगा। वे अपने मकसद में कामयाब हो सकते हैं। मुस्लिम वोट अलग-अलग पार्टियों में बंट जाएगी और हिन्दू उन्हें एकमुश्त मिल सकता है।
राज्य में सबसे ज्यादा मुस्लिम इसी क्षेत्र में
सीमांचल राज्य का एक ऐसा इलाका है जहां राज्य की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी निवास करती हैं। राज्य भर में मुस्लिमों की आबादी 2011 की जनगणना के मुताबिक 16% है। सीमांचल के 4 लोकसभा क्षेत्रों में 30 से लेकर 70 प्रतिशत आबादी इसी समुदाय की है। सबसे ज्यादा लगभग 70% के वोटर्स केवल एक लोकसभा क्षेत्र किशनगंज में है। वहीं दूसरे स्थान पर कटिहार है, जहां मुस्लिम वोटर की संख्या 40 फीसदी, अररिया में 35 फीसदी, पूर्णिया में 33 फीसदी, ओवरऑल आबादी की बात करें तो ये लगभग 60-40 का रेशियो हो सकता है।
क्या ओवैसी की स्ट्रैटजी लागू करने शाह आ रहे सीमांचल:रोहिंग्या, बांग्लादेशी घुसपैठ के साथ धार्मिक ध्रुवीकरण की चल सकते हैं चाल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने दो दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं। वे 23 और 24 सितंबर को सीमांचल के पूर्णिया में एक मेगारैली और किशनगंजन में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसके अलावा अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे।
मगर क्या शाह का बिहार दौरा यहीं तक सीमित रहेगा? या फिर कोई और खिचड़ी भी पकेगी? आखिर भाजपा ने रैली के लिए सीमांचल को ही क्यों चुना? वो यहां क्या करना चाह रही है? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए