बदलते दौर में मॉडर्न पेरेंटिंग के 4 टिप्स:बच्चों के दोस्त बनें, सरप्राइज दें और उन्हें पिकनिक पर भी ले जाएं

‘कल मैं होशियार था, इसलिए मैं दुनिया को बदलना चाहता था। आज मैं बुद्धिमान हूं, इसलिए मैं अपने आप को बदल रहा हूं।’

– रूमी (तेरहवीं सदी के पर्शियन कवि)

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मॉडर्न एज के मॉडर्न प्रॉब्लम

मैंने महसूस किया है कि मॉडर्न टाइम में पेरेंटिंग एक मुश्किल टास्क है। दिनभर की भागदौड़ और परिवार के लिए संसाधनों का जुगाड़ करते-करते माता-पिता एक अलग दुनिया में चले जाते हैं, जहां कभी-कभी उनके अपने बच्चों से रिलेशन्स उतने अच्छे नहीं रह पाते जितने होने चाहिए। ऐसे में बच्चों का पेरेंट्स का नजरिया ना समझना, जिद्दी हो जाना या विद्रोही एटीट्यूड का हो जाना कई घरों की आम समस्या है।

इसका सीधा असर कभी-कभी बच्चों की पढाई पर पड़ता है।

परेशान पेरेंट्स इसका उपाय सब तरफ ढूंढ़ते हैं, लेकिन ऐसा भी बहुत कुछ है, जो आप अभी इसी वक्त कर सकते हैं। जी हां, तो मेरी बात ध्यान से सुनिए, और अगले 10 दिनों में ये कर डालिए!

पेरेंटिंग पावर टिप्स: 4 सीधे, सरल, अचूक उपाय

आइए, उन 4 उपायों पर नजर डालते हैं जिनका उपयोग करके आप अपने बच्चों में 24 घंटों में पॉजिटिव फर्क देख सकते हैं :

1) बच्चों के साथ पिकनिक मनाने जाएं: बिना बच्चों के डिमांड किए, उन्हें सरप्राइज दीजिए और एक पूरे दिन की बढ़िया पिकनिक पर ले जाइए। जब तक आप पिकनिक पर न जाएं, लाइफ पिकनिक नहीं हो सकती। स्ट्रेस्फुल लाइफ से अपने और अपने परिवार के लिए समय निकालें। यहां महत्व पिकनिक स्पॉट का नहीं हैं बल्कि साथ बिताए हुए समय का है। फिर भी पिकनिक स्पॉट हरियाली से हरा-भरा और शांत हो तो अच्छा है! पिकनिक पर जाते वक्त बच्चों के खेलकूद का सामान भी लेकर जाएं। इससे बच्चे के आसपास का माहौल थोड़ी देर के लिए ही सही बदलता है, जिसका उन पर पॉजिटिव फर्क पड़ता है। पिकनिक पर बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार करें, अपनी बातें उन पर थोपने के बजाय, उनकी बातें सुनने की कोशिश करें।

2) बच्चों के साथ फिल्म देखने जाएं: बच्चों के बिना डिमांड किए, उन्हें उनकी पसंद की फिल्म दिखाने ले जाएं। क्वालिटी समय बिताने के लिए बच्चों के साथ सिनेमा हॉल में जाकर फिल्म देखना अच्छा है। जरूरी नहीं फिल्म एजुकेशनल ही हो, मनोरंजक फिल्म भी देखी जा सकती है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि फिल्म बच्चों के पसंद की हो। फिल्म के दौरान उपदेश न दें। हां, किसी एक प्रॉब्लमेटिक बिहेवियर को टारगेट करें और उचित माहौल में उसे ठीक करने के लिए बच्चे को पॉजिटिव रूप से प्रेरित करते रहें। उन्हें कहानी सुनाना भी एक अच्छा तरीका हो सकता है।

3) सरप्राइज गिफ्ट दें: बच्चों को उनकी पसंद के सरप्राइज गिफ्ट दें। गिफ्ट भले ही महंगे न हो, लेकिन समय-समय पर यह आपसे आपके बच्चे के रिलेशन को अच्छा बनाने में काफी यूजफुल है। ऐसी चीजें गिफ्ट में दें जो प्रैक्टिकल लाइफ में यूज हो पाएं। एक चार्ट पर अच्छे व्यवहारों की एक छोटी सूची लिखें और हर बार जब आप अच्छा व्यवहार देखें तो चार्ट को एक स्टार से चिह्नित करें। आपके बच्चे द्वारा कुछ स्टार (बच्चे की उम्र के आधार पर) अर्जित करने के बाद, उसे पुरस्कार दें। अपने बच्चे को अकेले या भाई-बहन के साथ थोड़े समय (शायद 30 मिनट) के लिए चुपचाप खेलने के लिए कहें। उस दौरान अच्छे बर्ताव के लिए उसकी तारीफ करें। हर कोई प्रशंसा करने पर सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया करता है, जिसमें बच्चे भी शामिल हैं। इसलिए यह आपके बच्चे को अच्छा व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

4) उनसे बाते करें, उनके दोस्त बनें: और चार बातों में सबसे जरूरी और काम की बात यह है कि अपने बच्चों के पॉइंट ऑफ व्यू को समझें, उनसे दोस्त की तरह व्यवहार करें। ऐसा करने से बच्चा आपसे खुल कर सारी बातें शेयर करने लगेगा/लगेगी और अनेकों छोटी-छोटी समस्याएं ऐसे ही हल हो जाएंगी। यह पता लगाने के लिए उनके साथ बात करने का प्रयास करें कि क्या वे किसी ऐसी बात से परेशान हैं जिससे आप अनजान हैं ताकि आप किसी भी संभावित समस्या का समाधान कर सकें।

मैंने ये देखा है कि स्कूल या कॉलेज में कई बार बच्चे अलग-अलग कारणों से परेशान रहते हैं, और क्योंकि उन्हें कोई सपोर्ट नहीं करता, पेरेंट्स उनसे बात नहीं करते (टाइम की कमी, खराब रिलेशन, विश्वास की कमी), तो एक छोटी सी फुंसी कभी कैंसर का रूप लेने की ओर बढ़ जाती है। ऐसा न होने दें।

उम्मीद करते हैं ये चारों पेरेंटिंग पावर टिप्स आपको तुरंत रिजल्ट देना शुरू करेंगे। लेकिन वार्निंग समझ लें: ये दिल से करना है, नकली समझौते की तरह नहीं।