राहुल की यात्रा से पहले गुर्जरों ने बढ़ाई चिंता:विजय बैंसला बोले-आंदोलन से जुड़े समझौतों पर सरकार कायम नहीं, 54 केस वापस नहीं लिए

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के प्रदेश में आने से पहले ही विवाद शुरू हो गया है। गुर्जर आरक्षण समिति ने सरकार एवं कांग्रेस पार्टी की चिंता को बढ़ा दिया है। क्योंकि, समिति के संयोजक विजय बैंसला ने साफ कहा है कि सरकार आंदोलन के समझौतों पर कायम नहीं रही तो यात्रा को प्रदेश में घुसने नहीं देंगे। हां, अगर सरकार ने हमारा काम कर दिया, तो फिर हम भी माला पहनाकर राहुल गांधी का स्वागत करेंगे। गुर्जर समाज राहुल गांधी का विरोधी नहीं है।

समिति ने राज्य सरकार के संग वर्ष 2019 और वर्ष 2020 के आंदोलनों के बाद हुए सरकारी समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है। साथ ही कांग्रेस के घोषणा पत्र में बैकलॉग का मुद्दा उठाया है। उधर ये भी माना जा रहा है कि जल्द गुर्जर नेताओं के साथ सरकार वार्ता के लिए न्योता दे सकती है।

समिति के संयोजक बैंसला ने कहा कि वर्ष 2019 और 2020 के आंदोलन से जुड़े 54 ऐसे पुलिस केस हैं, जिनको लेकर पुलिस आंदोलनकारियों काे लगातार परेशान कर रही है जबकि केस वापस लेने काे लेकर सरकारी समझौता हुआ था। इसी तरह 15 हजार प्रक्रियाधीन भर्तियों का मामला है। इनके अलावा 233 रीट और 372 नौकरियों के समझौते के मामले भी है। इन्हीं मुद्दों पर नाराजगी है। इसके अलावा कांग्रेस के घोषणा पत्र से जुड़ा बैकलॉग का मामला भी है। इन्हीं मुद्दों को लेकर सरकार की एक सब कमेटी बनी थी लेकिन दाे साल में काेई बैठक नहीं हुई।
गुर्जर आरक्षण समिति ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता
कांग्रेस में राहुल गांधी से बड़ा काेई नहीं, इसलिए अंतिम विकल्प : विजय बैंसला ने कहा कि ये समाज का फैसला है। चूंकि कांग्रेस में राहुल गांधी सबसे बड़े नेता हैं। इस वजह से उनकी यात्रा का विरोध करके ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। कांग्रेस के घोषणा पत्र में उनकी भी फोटो थी और पूरी बातें लागू नहीं हुई हैं। ये भी उनके विरोध की वजह है। राहुल गांधी अगर कांग्रेस सरकार के कामकाज पर गुर्जर समाज से माफी मांग लेंगे, तब हम चुप बैठ जाएंगे।
देवनारायण योजना के स्कूलों में हालात खराब, 14 हजार स्कालरशिप फंसी

विजय बैंसला ने कहा कि देवनारायण योजना से जुड़े आवासीय स्कूलों में हालात बेहद खराब है। वार्डन नहीं हैं। व्यवस्था ठीक नहीं है। उधर 14 हजार स्कूलों की स्कॉलरशिप लागू नहीं हुई है। इन मामलों काे बड़े नेताओं से लेकर सीएमओ और सीएमआर के अफसरों से वार्ता की लेकिन समाधान नहीं निकल सका।