MSME को बजट से उम्मीद:सेक्टर की लोन डिमांड बढ़ी, ‘मुद्रा’ स्कीम के तहत लोन लिमिट 10 लाख से ज्यादा हो

ग्रामीण क्षेत्रों की महिला उद्यमी बेहद कम संसाधन पर MSME (छोटे-मोटे उद्योग) चलाती हैं। इस लिहाज से प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAI) जैसे टारगेटेड फाइनेंस प्लान यदि महिलाओं के नेतृत्व वाले MSME के लिए घोषित किया जाए उन्हें काफी मदद मिलेगी।

इसके तहत 10 लाख रुपए या इससे ज्यादा के लोन उपलब्ध कराए जा सकते हैं। मुद्रा (माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी) स्कीम के तहत लोन की सीमा 10 लाख रुपए है। बजट में इसे बढ़ाया जाने की उम्मीद है। ऐसा करने से MSME सेक्टर की लोन डिमांड पूरा करने में मदद मिलेगी। केप्री ग्लोबल कैपिटल एमडी राजेश शर्मा ने बताया कि MSME सेक्टर की लोन डिमांड बढ़ रही है। इसे पूरा करने के लिए वित्त मंत्री मददगार नीतियों की घोषणा कर सकती हैं।

लोन की रकम के क्लियर गाइडलाइन होना चाहिए
बजट में सरकार NBFC के अंडर राइटिंग मानदंड को लेकर गाइडलाइन भी जारी कर सकती हैं। सुरक्षित व असुरक्षित लोन के लिए वर्गीकरण, लोन जारी करने की समयसीमा, दस्तावेजों की जरूरत और लोन की रकम के क्लियर गाइडलाइन होना चाहिए। इससे माइक्रो लेवल के उद्यमियों के लिए 10 से 50 लाख तक की फंडिंग आसान हो जाएगी।

गोल्ड लोन को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग का दर्जा मिल सकता है
बजट में सरकार गोल्ड लोन भी सुलभ बना सकती है। गोल्ड लोन केंद्रित NBFC 1 लाख रुपए तक के कर्ज मुहैया कराते हैं। उम्मीद करते हैं कि बजट में सरकार गोल्ड लोन को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग का दर्जा देगी। ऐसा करने से बैंकों के लिए एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों) को रियायती दरों पर कर्ज देने की राह निकलेगी। इससे ग्राहकों को कम दरों पर लोन मिल सकेगा।

ब्याज दरें बढ़ीं, होम लोन पर टैक्स छूट भी बढ़े
सरकार को पीएमएवाई क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के तहत बढ़ी हुई फंडिंग के जरिये अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देना जारी रखना चाहिए। इसके अलावा ऊंची दरों वाले दौर में होम लोन की डिमांड बढ़ाने के मकसद से ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट की मौजूदा 2 लाख की सीमा और लोन की मूल राशि की लिमिट बढ़ाने पर भी विचार किया जाना चाहिए।

छोटे-मोटे उद्योग में सबसे ज्यादा रोजगार

  • देश में 633.9 लाख से ज्यादा MSME’s
  • 324.9 लाख (52.3%) MSME’s ग्रामीण क्षेत्रों में
  • 309 लाख (48.8%) MSME’s शहरी क्षेत्रों में
  • माइक्रो MSME’s 630.5 लाख (99%)
  • स्मॉल सेक्टर 3.3 लाख (.5%)
  • मीडियम सेक्टर 0.05 लाख (0.01%)
  • GDP में MSME सेक्टर की हिस्सेदारी करीब 30%
  • एक्सपोर्ट में MSME सेक्टर की हिस्सेदारी 48%
  • FY 2021-22 में 93,94,957 लाख लोगों को रोजगार मिला