पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत की तारीफ की है। खान के मुताबिक- रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया तो भारत ने उससे सस्ता तेल खरीदना जारी रखा। मैं ऐसा नहीं कर पाया, क्योंकि उस वक्त के आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने मामला बिगाड़ दिया।
इमरान इस मुद्दे पर पहले भी मोदी सरकार की तारीफ कर चुके हैं। इस बार उन्होंने नाकामी का ठीकरा जनरल बाजवा पर फोड़ दिया। कहा- मैंने तो मॉस्को में पुतिन से भारत की तरह सस्ते क्रूड ऑयल की डील फाइनल कर ली थी, लेकिन बाजवा ने यूक्रेन पर हमले की निंदा कर दी और मामला बिगड़ गया।
आजाद फॉरेन पॉलिसी जरूरी
- पार्टी वर्कर्स के नाम एक वीडियो मैसेज में इमरान ने कहा- मैं रूस से रिश्ते इसलिए सुधारना चाहता था, क्योंकि पाकिस्तान को उससे 2 चीजें चाहिए थीं। सस्ता गेहूं और सस्ता तेल। हमें 20 लाख टन गेहूं खरीदना था। उस वक्त जंग की वजह से दुनिया में तेल की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ रहीं थीं। मैं मॉस्को गया और प्रेसिडेंट व्लादिमिर पुतिन से बात की। वो हमें सस्ता गेहूं और सस्ता तेल देने के लिए तैयार हो गए। भारत भी तो उनसे सस्ता तेल खरीद रहा था।
- खान ने आगे कहा- यहां वापस आए तो हमारा आर्मी चीफ (उस वक्त जनरल कमर जावेद बाजवा) मुझसे कहना लगा कि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है, इसलिए उसकी निंदा करो। मैंने बाजवा से कहा- हिंदुस्तान को देखो। वो तो अमेरिका का स्ट्रैटेजिक पार्टनर और क्वॉड का मेंबर है। वो तो रूस की निंदा नहीं करता। वो बिना डरे और बिना किसी परेशानी के रूस से तेल ले रहा है।
- पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री आगे कहते हैं- बाजवा ने अगले ही दिन एक सिक्योरिटी सेमिनार में अमेरिका को खुश करने के लिए रूस को फटकार लगा दी। नतीजा ये हुआ कि भारत की महंगाई दर 7.5% से 5.5% हो गई और पाकिस्तान की महंगाई दर 12% से सीधे 30% पर पहुंच गई। नुकसान किसको हुआ? पाकिस्तानी जनता को। मैं ये सब खुद के लिए थोड़े कर रहा था, मैं तो अपनी जनता का भला चाहता था। हमारी फॉरेन पॉलिसी दूसरों को खुश करने के लिए क्यों बनाई जाती है? हम अपनी जनता को कुर्बान कर देते हैं।
एक और नया यू-टर्न
इमरान ने रविवार को एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया था। पुरानी बातों और वादों से पलटने को लेकर इमरान को आजकल ‘मिस्टर यू-टर्न’ कहा जा रहा है। पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बेदखल होने के बाद से अब तक इमरान ने हर मंच से सिर्फ एक ही बात कही कि उनकी सरकार को अमेरिका ने साजिश करके गिराया था।
नए इंटरव्यू में वो इस मामले पर भी पलट गए। एक सवाल के जवाब में कहा- अमेरिका से एक सायफर आया था। उसे हमारे एम्बेसेडर ने वॉशिंगटन से भेजा था, लेकिन मामला कुछ और था। यहां बैठा आर्मी किंग मुझे हटाने की साजिश रच चुका था। उसने एक जर्नलिस्ट से बातचीत में यह बात कबूल भी की है। बाजवा के खिलाफ आर्मी को जांच करनी चाहिए और उन्हें सजा दी जानी चाहिए।
सायफर एक तरह का डिप्लोमैटिक नोट या कूटनीतिक पत्र होता है। इसे दूसरे देश में मौजूद एम्बेसेडर अपने विदेश मंत्रालय को भेजता है। यह पूरी तरह सीक्रेट डॉक्यूमेंट होता है।
अप्रैल 2022 से अब तक इमरान ने भारत पर क्या-क्या कहा
- नरेंद्र मोदी की देश के बाहर कोई प्रॉपर्टी नहीं है, लेकिन हमारे यहां के नेताओं की दूसरे देशों में करोड़ों की संपत्ति है। हमारे यहां के PM की विदेशों में अरबों रुपए की प्रॉपर्टी और करोड़ों का कारोबार है।
- भारत हमारे साथ आजाद हुआ। उसे मैं बहुत बेहतर जानता हूं। मेरे वहां कई दोस्त हैं। वो एक खुद्दार कौम है। किसी सुपरपावर की जुर्रत नहीं है कि वो भारत को चला सके। कोई उसे आंख नहीं दिखा सके। वो रूस से तेल खरीद रहे हैं, जबकि उस पर बैन लगा हुआ है।
- इमरान खान ने एक रैली में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का एक वीडियो दिखाया था। इसमें जयशंकर रूस से सस्ता तेल खरीदने के सवाल पर जवाब दे रहे थे। यह वीडियो दिखाते हुए इमरान ने कहा- यह होता है एक आजाद मुल्क। भारत जिसे पाकिस्तान के साथ आजादी मिली थी। अगर नई दिल्ली अपने लोगों की जरूरत के हिसाब से अपनी विदेश नीति बना सकता है तो प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ क्यों नहीं? अमेरिका ने भारत को रूस से तेल नहीं खरीदने के लिए कहा था, लेकिन भारत दबाव में नहीं आया।
- अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के नेताओं ने मुझ पर दबाव डाला था कि मैं यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की निंदा करूं। ये भी कहा गया कि मैं रूस का दौरा कैंसल करूं। मैं यह बात मानने को तैयार नहीं था। मेरा सवाल बहुत सीधा है। क्या ये मुल्क पाकिस्तान को अपना गुलाम समझते हैं। भारत के बारे में तो वो कुछ नहीं कहते। वहां उनकी हिम्मत क्यों नहीं होती। भारत खुद्दार कौम है। किसी सुपरपावर की जुर्रत नहीं है कि वो भारत को चला सके।