इटली में लैब में बने मांस के उपयोग पर बैन:नियम न मानने पर 53 लाख तक का जुर्माना; ऐसा करने वाला इटली पहला देश बना

एक तरफ दुनियाभर में ग्लोबल वॉर्मिंग सहित कार्बन उत्सर्जन को कम करने की बात हो रही है। अमीर देशों से मांस का कम उपयोग करने की अपील की जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ राष्ट्रवादी विचारधारा रखने वाली इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी ने लैब में बने मांस के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसा करने वाला इटली दुनिया का पहला देश बन गया है।

इसका उपयोग करने पर 53 लाख रुपए तक का जुर्माना भी तय किया गया है। इतना ही नहीं उत्पादन करने पर फैक्ट्री सील करने और बिजनेस करने पर प्रतिबंध लगाने की बात की जा रही है।

इटली की भोजन परंपरा के महत्व पर जोर दिया जा रहा
इटली में हाल ही में बने नए कृषि खाद्य संप्रभुता मंत्रालय के प्रमुख फ्रांसेस्को लोलोब्रिगिडा ने इस बिल की चर्चा करते हुए इटली की भोजन परंपरा के महत्व पर जोर दिया। इस बिल से जहां एक तरफ पशुपालकों की लॉबी की तारीफ मिल रही है, दूसरी तरफ पशु कल्याण समूह और पर्यावरण समर्थकों को एक तरह का झटका भी लगा है। जानकारों का कहना है कि इटली यूरोपीय संघ के अंदर सिंथेटिक मांस की ब्रिकी को रोक नहीं पाएगा, क्योंकि वह संघ के सेवाओं और उत्पादों के मुक्त प्रवाह से बंधा हुआ है।

वहीं, इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर एनिमल प्रोटेक्शन ओइपा भी प्रयोगशाला निर्मित मांस पर जोर देती है क्योंकि इससे जानवरों को नुकसान नहीं होता है और पर्यावरण संरक्षण भी होता है। डेयरी उद्योग के निवेशक प्राकृतिक भोजन की मांग करते हैं।

लैब में बने मांस से कार्बन का 92% कम उत्सर्जन होता है
संयुक्त राष्ट्र जलवायु एजेंसी ने रिपोर्ट में बताया है कि खाद्य क्षेत्र केवल 2100 तक ग्लोबल गर्मिंग में लगभग एक डिग्री सेल्सियस जोड़ सकता है। मांस के विकल्प एक अधिक चुस्त समाधान प्रदान कर सकते हैं। उत्पादित मांस से 92% कार्बन का कम उत्सर्जन होता है।