सेम सेक्स मैरिज पर लगातार चौथे दिन सुनवाई:सोमवार तक 13 याचिकाकर्ता दलील देंगे, SC ने पूछा था-शादी के लिए अलग जेंडर जरूरी है?

सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली 20 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज लगातार चौथे दिन सुनवाई होगी। पिछले तीन दिन की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनीं।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अब 13 याचिकाकर्ताओं को आगे बहस करने की इजाजत दी है। यह सुनवाई 24 अप्रैल यानी सोमवार तक हर हाल में पूरी करनी होगी।

इस केस में केंद्र का पक्ष सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता रख रहे हैं। सेम सेक्स मैरिज के पक्ष में लगाई गई याचिकाओं की पैरवी वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी समेत कई वकील कर रहे हैं।

सुनवाई के तीसरे दिन यानी गुरुवार को कोर्ट ने सभी पक्षों से सवाल किया था- क्या शादी के लिए दो अलग जेंडर वाले पार्टनर्स का होना जरूरी है? उन्होंने सेम सेक्स मैरिज की स्थिति में बच्चा गोद लेने पर भी चिंता जाहिर की थी। कहा था- आम शादियों में घरेलू हिंसा देखने वाले बच्चों का क्या होता है, क्या वे सामान्य परिस्थितियों में बड़े होते हैं।

सुप्रीम कोर्ट की दिलचस्प टिप्पणी: एडॉप्शन पर बात करते वक्त CJI ने कहा था कि यह बातें मैं सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के रिस्क के बावजूद कह रहा हूं। CJI ने सुनवाई के दौरान टिप्पणियों पर होने वाले सोशल मीडिया रिएक्शन की तरफ इशारा किया था।

अब 3 दिन की सुनवाई का सिलसिलेवार ब्योरा…

तीसरे दिन की सुनवाई: याचिकाकर्ता की दलील- शादी को वंशवृद्धि के नजरिए से देखना गलत

तीसरे दिन कोर्ट रूम ने याचिककर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, केवी विश्वनाथन और राजू रामचंद्रन बहस में शामिल हुए। दलीलें सुनकर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणियां भी कीं और सवाल भी पूछे। स्पेशल मैरिज एक्ट के एक प्रावधान को लेकर सिंघवी ने ऐतराज जाहिर किया कि दो लोग शादी से पहले ही दुनिया को अपना इरादा बताकर विरोध को न्योता क्यों दें।

राजू रामचंद्रन ने केंद्र के उस बयान को असंवेदनशील बताया, जिसमें सेम सेक्स मैरिज वैिलडेशन को एलीट क्लास सोच कहा गया था। विश्वनाथन ने पूछा था कि जो लोग बच्चे नहीं पैदा कर सकते, क्या उन्हें शादी की इजाजत नहीं मिलती है।

सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली 20 याचिकाओं पर बुधवार को दूसरे दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई खत्म हो गई। सुनवाई के दौरान CJI ने कहा कि सरकार के पास यह डेटा नहीं है, जिससे यह साबित होता हो कि सेम सेक्स मैरिज एलीट क्लास का कॉन्सेप्ट है।

केंद्र सरकार ने सेम सेक्स को मान्यता देने का विरोध करते हुए कहा कि हम इस मामले में उलझ रहे हैं। हम तो कह रहे हैं कि इस मामले पर सुनवाई ही ना की जाए। यह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि सुनवाई की कवायद आने वाली पीढ़ियों के लिए हो रही है। अदालत और संसद इस पर बाद में फैसला करेंगे।