जापान में भी दिखे थे चीन के स्पाई बैलून:सरकार बोली- दोबारा नजर आए तो इन्हें मार गिराएंगे; फरवरी में अमेरिका में दिखे थे गुब्बारे

अमेरिका के बाद अब जापान ने भी चीन का स्पाई बैलून दिखने की पुष्टि की है। BBC पेनोरामा ने एक AI कंपनी की मदद से कई चीनी स्पाई बैलून की सैटेलाइट इमेज जारी की हैं। ये गुब्बारे ईस्ट एशिया को क्रॉस करते नजर आए हैं। AI कंपनी के मालिक कोरी जैस्कोलस्की ने बताया कि ये बैलून उत्तरी चीन से लॉन्च किए गए थे। जापान ने कहा है कि अगर ये बैलून दोबारा उनके क्षेत्र में नजर आए तो उन्हें मार गिराया जाएगा।

BBC के मुताबिक, ये बैलून सितंबर 2021 में जापान में नजर आए थे। हालांकि, इसकी तस्वीर पहली बार सामने आई है। जापान के रक्षा मंत्रालय में काम करने वाले यूको मुराकामी ने कहा- जापान की सरकार ऐसे जासूसी गुब्बारों की गतिविधि पर नजर रखे हुए है। अगर जरूरत पड़ी तो देश और नागरिकों की रक्षा के लिए इन्हें मार गिराया जाएगा। जैस्कोलस्की ने बताया कि ऐसी ही बैलून ताइवान के क्षेत्र में भी नजर आ चुके हैं।

पूर्व CIA ऑफिसर बोले- कई बसों के बराबर होता है एक स्पाई बैलून
ईस्ट एशिया क्षेत्र में काम कर चुके CIA के पूर्व एनालिस्ट जॉन कुल्वर ने BBC को बताया- चीन पिछले 5 सालों से ऐसे जासूसी गुब्बारों का इस्तेमाल कर रहा है। ये एक लॉन्ग रेंज मिशन का हिस्सा हैं और अक्सर पृथ्वी के चक्कर लगाते रहते हैं। जैस्कोलस्की ने बताया कि जासूसी गुब्बारे कई बसों के बराबर होते हैं और इनमें डेटा कलेक्ट करने के लिए इक्विपमेंट लगे होते हैं। हालांकि, ये आसमान में काफी ऊपर उड़ते हैं और नीचे से देखने पर सफेद रंग के आम गुब्बारे जैसे नजर आते हैं।

फरवरी में अमेरिकी में नजर आया था चीनी जासूसी गुब्बारा
अमेरिका के मोंटाना शहर में 2 फरवरी को चीनी स्पाई बैलून नजर आया था। तब से दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ी हुई है। अमेरिका ने 5 फरवरी को F-22 फाइटर जेट से बैलून को मार गिराया था और इसका मलबा चीन को लौटाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद चीन भड़क गया था।

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था- किसी भी वेदर बैलून का दूसरे देश में घुस जाना नॉर्मल बात है। बैलून तबाह करके अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है। चीन ने दावा किया था कि 2022 से अब तक 10 अमेरिकी गुब्बारे उनके क्षेत्र में घुस चुके हैं।

भारत में भी जासूसी कर चुके हैं चीन के बैलून
अमेरिका के डिफेंस एक्सपर्ट एचआई सटन ने दावा किया था कि जनवरी 2022 में चीन के जासूसी गुब्‍बारे ने भारत के सैन्य बेस की जासूसी की थी। इस दौरान चीन के जासूसी गुब्बारे ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्‍लेयर के ऊपर से उड़ान भरी थी। उस दौरान सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर भी वायरल हुई थी। हालांकि, उस वक्त भारत सरकार की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इंटेलिजेंस एजेंसी ने ये भी कहा था कि स्पाई बैलून के जरिए चीन दुनियाभर के देशों की मिलिट्री साइट्स पर नजर रख रहा है। पिछले कई साल से चीन ऐसा कर रहा है और वह अब तक पांच महाद्वीप के 12 देशों में इसी तरह के बैलून भेजकर खुफिया जानकारी जुटा चुका है।

जासूसी बैलून पर सालों से रिसर्च कर रहा चीन
फरवरी में न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि चीन की डिफेंस टेक्नोलोजी की नेशनल यूनिवर्सिटी के पास एक पूरी टीम है जो जासूसी बैलून पर स्टडी कर रही है। साल 2020 में चीनी सेना के अखबार पीपल्स लिबरेशन आर्मी डेली ने एक आर्टिकल पब्लिश किया था। इसमें नियर स्पेस यानी धरती से 118 किलो मीटर के ऊपर वाले इलाके को मॉडर्न वॉरफेयर का नया जंगी मैदान बताया था।

हाल ही के सालों में चीनी सेना का अखबार स्पाई बैलून को गंभीरता से लेने की बात कह रहा है। जिससे समझा जा सकता है कि चीन क्यों दूसरे देशों के आसमान में घुसपैठ कर रहा है। चीनी अखबार ने साल 2021 में स्पाई बैलून को आसमान की ताकतवर आंखें बताया था। जिससे सरफेस टारगेट कवर किए जा सकते हैं। साथ ही यह भी दावा किया था कि आसमान में स्पाई बैलून गहरे समुद्र में सब्मरीन की तरह काम करते हैं।