मणिपुर में असम राइफल्स के खिलाफ असहयोग आंदोलन:जवानों को हटाने की मांग; मैतेई महिलाओं ने केंद्रीय संस्थानों पर ताले जड़े

पिछले 4 महीनों से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर से असम राइफल्स को हटाने की मांग तेज हो गई है। इस मांग के समर्थन में कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने असहयोग आंदोलन शुरू किया है। खुद को मैतेई बताने वाली महिलाओं के एक संगठन ने पहाड़ी जिलों के उलट घाटी जिलों में सेंट्रल फोर्सेस, खासतौर से असम राइफल्स को वापस बुलाने की मांग को लेकर घाटी में केंद्र सरकार के संस्थानों पर ताले लगाना शुरू कर दिया है।

कुछ महिलाओं ने इंफाल पूर्व के अकम्पत में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (NIELIT) को बंद कर दिया। इसके पहले इंफाल पश्चिम जिले के इरोइसेम्बा में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (CAU) परिसर पर ताला जड़ दिया

कोकोमी ने कहा- हम इसके सपोर्ट में नहीं
दूसरी ओर, खुद को मैतेई समुदाय का असली नेतृत्वकर्ता कहने वाली कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी (कोकोमी) ने कहा कि वह इस तरह के किसी भी आंदोलन का समर्थन नहीं करती है। कोकोमी के नेता किरण कुमार ने बताया, ‘असम राइफल्स को हटाने की हमारी मांग जस की तस है। असल में शुक्रवार को पल्लेल इलाके में दो मैतेई लोगों की हत्या से लोगों में आक्रोश है।

उस घटना का हमारे पास वीडियो फुटेज है। हमले के दौरान लोगों ने असम राइफल्स जवानों से मदद मांगी थी, लेकिन उन्हें मदद नहीं मिली। इसलिए कुछ स्थानीय लोगों ने केंद्रीय संस्थानों को बंद कर दिया है। इसमें मीरा पैबिस या फिर हमारे कोकोमी से जुड़ा कोई भी संगठन शामिल नहीं है। हम केंद्रीय संस्थानों पर ताला लगाने के इस आंदोलन का समर्थन नहीं करते।’

असम राइफल्स ने कहा-हम मदद में समुदाय नहीं देखते
असम राइफल्स के शीर्ष अधिकारी ने बताया, ‘प्रदर्शनकारियों के ऐेसे रवैये से राज्य में शांति स्थापित करने के प्रयास में बाधा आएगी। पक्षपात करने के आरोप बेबुनियाद हैं। हमारे लिए प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा अहम है। लोगों का समुदाय देखे बगैर मदद करना ड्यूटी है।’

जवान अत्याचार की सीमा पार कर गए: टी निवेदिता
स्थानीय मीरा पैबिस नेता टी. निवेदिता देवी ने कहा कि असम रायफल्स की वापसी जरूरी है। इसलिए संस्थानों में तालाबंदी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जवान अत्याचार की सीमा पार कर गए हैं। जवान हिंसा की आग को शांत करने के बजाय भड़का रहे हैं।