एक सवाल…? किस हॉस्पिटल में मौत नहीं होती? हर व्यक्ति का जवाब होगा, ‘हर हॉस्पिटल में ऐसा होता है।’ यही हाल अमेठी के संजय गांधी हॉस्पिटल का है। 14 सितंबर को यहां एक महिला मरीज भर्ती हुई। ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया तो वहां हालत खराब हो गई। लखनऊ रेफर किया गया, जहां मरीज की मौत हो गई।
सरकार ने हॉस्पिटल को नोटिस दिया। हॉस्पिटल कुछ सोच पाता कि उसे सील करने का आदेश भी आ गया। जिस मरीज की मौत हुई उनके परिजन कहते हैं कि जो दोषी हो उनके खिलाफ कार्रवाई हो। लेकिन हम यह नहीं चाहते हैं कि हॉस्पिटल बंद हो।
कुल मिलाकर हॉस्पिटल पर तालेबंदी का यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक हो गया है। इस एक फैसले से हजारों मरीज, सैकड़ों कर्मचारी बेबस हैं। हॉस्पिटल में पढ़ने वाले 800 स्टूडेंट्स प्रैक्टिकल को लेकर परेशान हैं। स्थानीय नेता धरने पर हैं। कुल मिलाकर सभी इस फैसले के खिलाफ दिखे।
पेट में पथरी थी इसलिए ऑपरेशन करवाने हॉस्पिटल पहुंचे
दिव्या शुक्ला की करीब दो साल पहले रामशाहपुर के अनुज शुक्ला से शादी हुई थी। शादी के एक साल बाद दिव्या ने एक बेटे को जन्म दिया। नाम रखा अन्मेश शुक्ला। दिव्या हमेशा खुश रहती थीं लेकिन कभी-कभी उनके पेट में अचानक तेज दर्द उठता। पति उन्हें मुंशीगंज के संजय गांधी हॉस्पिटल ले गए। जहां जांच होने पर पता चला कि किडनी में पथरी है। परिवार ने फैसला किया कि यहीं ऑपरेशन करवाया जाएगा। 13 सितंबर को जांच पूरी हुई और 14 तारीख को भर्ती के लिए बुलाया गया।
तय समय पर अनुज अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। वहां भर्ती किया। डॉक्टर मो. रजा को ऑपरेशन करना था। उसके पहले एनेस्थीसिया टीम ने दिव्या को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया। इसके बाद उनकी हालत खराब हो गई। तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया। जहां रजा ने देखा तो कहा कि ऑपरेशन करने की स्थिति नहीं है।
इसके बाद फिजीशियन डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया। लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। तुरंत लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। जहां 16 सितंबर को दिव्या की मौत हो गई। दिव्या की मौत के बाद परिजनों ने संजय गांधी हॉस्पिटल में हंगामा कर दिया।
डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। हॉस्पिटल के सीईओ अवधेश शर्मा, सर्जन मोहम्मद रजा, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉक्टर सिद्दीकी और डॉक्टर शुभम द्विवेदी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। मामला राजधानी लखनऊ तक पहुंच गया। डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने हॉस्पिटल को कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस जारी किए हुए 1 दिन भी नहीं बीता कि ब्रजेश पाठक ने हॉस्पिटल को सील करने का आदेश दे दिया।