खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या से भारत और कनाडा के रिश्तों में आए तनाव का असर न्यूयॉर्क में भी दिख रहा है, जहां मंगलवार को विदेश मंत्री जयशंकार ने UN जनरल असेंबली को संबोधित किया था। इसके बाद उन्होंने डिस्कशन एट काउंसिल फॉर फॉरेन रिलेशन्स में बात करते हुए कहा कि कनाडा में अलगाववादी ताकतों, हिंसा और उग्रवाद से जुड़ा अपराध पनप रहा है।
जयशंकर ने कहा- कनाडा में हमारे डिप्लोमैट्स को डराया-धमकाया जाता है, हमारे कॉन्सुलेट पर हमले होते हैं। इन सबको ये कहकर सही ठहरा दिया जाता है कि लोकतंत्र में यही होता है। यदि कोई ऐसी घटना है जो एक परेशानी का मुद्दा है और कोई मुझे एक सरकार के रूप में कुछ जानकारी देता है, तो मैं उस पर जरूर गौर करूंगा।
जयशंकर बोले- कनाडा को कई बार आतंकियों की जानकारी दी
जयशंकर ने इस बात पर भी चिंता जताई कि कनाडा राजनीतिक कारणों से इन मामलों में बहुत ढिलाई दे रहा है। विदेश मंत्री ने बताया- भारत ने कनाडा को अपराधों और आतंकियों पर बहुत सारी जानकारी दी है और कई लोगों की प्रत्यपर्ण की भी रिक्वेस्ट की है।
हमने उन्हें कनाडा से ऑपरेट होने वाले संगठित अपराध और इसके लीडर्स के बारे में बहुत सारी जानकारी दी है। ऐसे कई आतंकियों के सरगना हैं, जिनकी पहचान की गई है। भारत पर निज्जर की हत्या के आरोपों को लेकर जयशंकर ने कहा- हमने कनाडा को बताया है कि ये भारत सरकार की पॉलिसी नहीं है।
जयशंकर बोले- कनाडा हमें आरोपों के सबूत दे
जयशंकर ने आगे कहा- फिर भी अगर उनके पास कुछ स्पेसिफिक है तो वो हमें बताएं। बिना पूरी जानकारी के कोई भी कदम नहीं उठाया जा सकता है। दरअसल, कनाडा ने निज्जर की हत्या के आरोपों को लेकर अब तक कोई सबूत नहीं दिखाए हैं। हालांकि, कुछ दिन पहले PM ट्रूडो ने कहा था कि वो भारत से हफ्तों पहले सबूत साझा कर चुके हैं।
दूसरी तरफ, कनाडा के आरोपों के पीछे फाइव आइज अलायंस के इंटेलिजेंस शेयरिंग की रिपोर्ट पर विदेश मंत्री ने कहा- मैं इस अलायंस का हिस्सा नहीं हूं और न ही मैं FBI में हूं। आप गलत शख्स से सवाल पूछ रहे हैं।
दरअसल, फाइव आइज एक इंटेलिजेंस शेयरिंग अलायंस है, जिसमें कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। पिछले दिनों NYT ने अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की थी कि इस अलायंस ने निज्जर की मौत पर जानकारी इकट्ठा करने के लिए साथ मिलकर काम किया था।
UN में कनाडा ने कहा- किसी के राजनीतिक फायदे के लिए लोकतंत्र से समझौता नहीं करेंगे
UN में कनाडा के राजदूत बॉब रे ने कहा कि विदेशी हस्तक्षेप की वजह से लोकतंत्र खतरे में हैं इसलिए राजनीतिक फायदे के लिए झुका नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब हम बराबरी के महत्व पर जोर देते हैं, हमें निष्पक्ष और लोकतांत्रिक समाजों के मूल्यों को बनाए रखना होगा। हम किसी के राजनीतिक फायदे के लिए झुक नहीं सकते।
ऐसा देखा जा रहा है कि विदेशी दखल की वजह से लोकतंत्र खतरे में हैं। सच्चाई ये है कि अगर हम उन नियमों का पालन नहीं करते हैं, जिन पर हम सहमत हुए हैं तो हमारे समाज के बुनियादी ढांचे पर असर पड़ेगा।
UN में विदेश मंत्री बोले- राजनीति के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देना गलत
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को UN की जनरल असेंबली को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कनाडा का नाम लिए बिना कहा था- राजनीति के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देना गलत है। हम ये मानते हैं कि संप्रभुता का सम्मान जरूरी है, पर ये सम्मान चुनिंदा नहीं होना चाहिए।
जयशंकर ने कहा था- आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर एक्शन राजनीतिक सहूलियत के हिसाब से नहीं लेना चाहिए। अपनी सहूलियत के हिसाब से क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं हो सकता। जब वास्तविकता, बयानबाजी से कोसों दूर हो जाए तो हमारे भीतर इसके खिलाफ आवाज उठाने का साहस होना चाहिए।
दरअसल, 18 सितंबर को प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कनाडा की संसद में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि कनाडा की धरती पर उसके नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के एजेंट शामिल हैं। ट्रूडो ने मांग की थी कि सच्चाई तक पहुंचने के लिए भारत सरकार उनका साथ दे। हालांकि भारत ने कनाडा के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।