नौकरी की मांग कर रहे करीब 150 अभ्यर्थी शनिवार को CM आवास का घेराव करने पहुंचे। ये कैंडिडेट यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती में पिछड़े और दलितों के कोटे के 6800 पदों की बहाली कर रहे हैं। 500 से ज्यादा दिन हो गए, इन कैंडिडेट्स का धरना लखनऊ में चल रहा है।
शनिवार को CM आवास के बाहर नारेबाजी करते करीब 150 लोगों को देख पुलिस एक्शन में आ गई। आनन- फानन प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने का प्रयास किया। लेकिन, कोई पीछे हटने को राजी नहीं था। ये सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। सभी अपने हाथों में बैनर-पोस्टर लिए थे। पोस्टर में लिखा था- पिछड़े और दलितों के साथ अन्याय क्यों…6800 शिक्षकों का नियुक्ति दो…। लोगों ने नारेबाजी की-योगी जी नियुक्ति दो…नियुक्ति दो।
कालीदास मार्ग पर पुलिस की कैंडिडेट्स से झड़प
CM आवास को जाने वाले 5 कालीदास मार्ग पर कैंडिडेट्स नारेबाजी करते बैठ गए। कई महिलाओं के साथ बच्चे भी थे, जो गोद में बैठे थे। प्रदर्शन कर रहे कैंडिडेट्स जब नहीं हटे तो पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। कैंडिडेट्स के साथ पुलिस की झड़प हुई। पुलिस ने जबरन प्रदर्शन करने वालों को बस में बैठाया, उन्हें इको गार्डेन ले गई।
प्रदर्शन करने वालों ने यह आरोप लगाया है कि बेसिक शिक्षा विभाग से इस बारे में कई बार बात की जा चुकी है, लेकिन अभी तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। यही नहीं 2022 में चुनाव के समय भी योगी सरकार ने नियुक्ति पत्र देने का आश्वासन दिया था।
कैंडिडेट्स बोले- मुख्यमंत्री ने अभी तक वादा नहीं निभाया
69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले का आरोप लगा रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में सरकार ने 6800 अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी सरकार नियुक्ति नहीं दे रही है। आरोप लगाया कि चुनाव के समय मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि किसी भी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे, लेकिन चुनाव बीते डेढ़ साल से अधिक हो गया है। मुख्यमंत्री ने अभी तक वादा नहीं निभाया है।
बता दें कि अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि भाजपा के पिछड़े ओर दलित जाति के नेता वोट लेने के लिए हमारी मांगों को पूरा करने का आश्वासन देते हैं। लेकिन, जब न्याय दिलाने की मांग की जाती है तो पीछे हट जाते हैं। अभ्यर्थियों ने बताया कि इससे उनके बीच खासी नाराजगी है।
क्यों लगी थी अतिरिक्त 6800 शिक्षक भर्ती पर रोक?
2018 में 69 हजार शिक्षक भर्ती निकाली गई। परीक्षा में अनारक्षित की कटऑफ 67.11% और ओबीसी की कटऑफ 66.73% थी। अभ्यर्थियों ने भर्ती में धांधली का आरोप लगाया। अभ्यर्थियों ने कहा कि इस नियम के हिसाब से अगर कोई ओबीसी कैटेगरी का अभ्यर्थी अनारक्षित कटऑफ से ज्यादा नंबर पाता है, तो उसे ओबीसी में नहीं बल्कि अनारक्षित कोटे में नौकरी मिलेगी। इससे वो आरक्षण के दायरे में नहीं आएगा।
इस पर सरकार ने आरक्षण प्रक्रिया में गड़बड़ी को माना और 6800 अतिरिक्त भर्ती करने की बात कही। आचार संहिता लागू होने से पहले आदेश जारी कर दिया। जल्द ही 6800 अतिरिक्त भर्ती की सूची जारी करने की बात कही। फिर मामला हाईकोर्ट चला गया।
इसके बाद हाईकोर्ट ने अतिरिक्त भर्ती पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने कहा कि साल 2018 में 69 हजार पदों की भर्ती का विज्ञापन दिया गया था। इससे ज्यादा एक भी नियुक्ति नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाते हुए कहा था कि ये स्थिति सरकार ने पैदा की है। अब सरकार जाने 6800 अभ्यर्थियों का क्या करना है।