एपल ने इलेक्ट्रिक कार प्रोजेक्ट को बंद किया:10 साल में प्रोटोटाइप भी नहीं बना पाई थी कंपनी, 2000 एंप्लॉय होंगे प्रभावित

अमेरिकी टेक कंपनी एपल ने अपने इलेक्ट्रिक कार प्रोजेक्ट को बंद करने का फैसला लिया है। कंपनी पिछले एक दशक से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी, लेकिन अभी तक कोई फिजिकल प्रोटोटाइप भी तैयार नहीं कर पाई थी। एपल के इस फैसले कंपनी के पहले EV प्रोजेक्ट ‘टाइटन’ पर काम करने वाली स्पेशल प्रोजेक्ट ग्रुप (SPG) के करीब 2000 एंप्लॉई प्रभावित होंगे।

AI डिवीजन में शिफ्ट होगी कार प्रोजेक्ट की टीम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह निर्णय चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर जेफ विलियम्स और प्रोजेक्ट के वाइस प्रेसिडेंट इंचार्ज केविन लिंच ने मंगलवार को प्रोजेक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों के साथ शेयर किया है।

कंपनी के दोनों अधिकारियों ने कर्मचारियों को बताया कि SPG के सभी एंप्लॉईज को जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) डिवीजन में जॉन जियानंद्रिया के अंडर शिप्ट किया जाएगा।

वॉइस कमांड पर चलने वाली कार बनाना चाहती थी कंपनी
कंपनी पूरी तरह से ऑटोमेटिक और वॉइस कमांड पर चलने वाली कार बनाना चाहती थी। इसके लिए 2015 से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट में अरबों डॉलर इन्वेस्ट भी कर चुकी थी। अगर यह प्रोजेक्ट सफल हो जाता तो कंपनी 2028 तक एक लाख डॉलर (करीब 82.90 लाख रुपए) की कीमत में कार को लॉन्च कर सकती थी।

CEO टीम कुक पर प्रोजेक्ट बंद करने का दबाव था
एपल अपनी पहली EV के लॉन्चिंग डेट को 2019, 2020, 2026 और 2028 के लिए रीशेड्यूल कर चुकी थी। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के बोर्ड इस बात को लेकर CEO टिम कुक पर प्रोजेक्ट पर जल्द कोई ठोस प्लान तैयार करने या प्रोजेक्ट को बंद करने का दबाव भी बना रहे थे।