अश्विन बोले- मतलबी दुनिया में रोहित जैसा इंसान मिलना मुश्किल:उनका दिल साफ, मां की तबीयत बिगड़ी तो कहा तुरंत घर जाओ, फीजियो भी भेजा

रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि इस मतलबी दुनिया में कप्तान रोहित शर्मा जैसा इंसान मिलना मुश्किल है। अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘मैं इतने सालों में कई कप्तानों के साथ खेला लेकिन रोहित की बात अलग है। उनका दिल साफ है, इसीलिए वह 5 IPL ट्रॉफी जीतने में कामयाब रहे।’

अश्विन ने 500 टेस्ट विकेट और अपनी मां की बीमारी के लिए टेस्ट छोड़ने का किस्सा भी बताया। उन्होंने बताया कि 500 विकेट की खुशी एक ही झटके में दुख में बदल गई थी।

अश्विन ने अपने चैनल पर क्रिकेट, परिवार और रोहित के बारे में दिलचस्प बातें बताईं

500वें विकेट वाली बॉल आउटस्टैंडिंग नहीं थी
अश्विन ने कहा, “इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में ही 500वां विकेट लेना चाह रहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राजकोट में तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन तक इंतजार करना पड़ा। भारत ने 2 दिन तक 132 ओवर बैटिंग की, फिर इंग्लैंड ने भी तेज शुरुआत कर दी।”

14वें ओवर में जैक क्रॉले अश्विन के खिलाफ स्वीप करने गए, लेकिन वह फाइन लेग पर कैच हो गए। इसी के साथ अश्विन ने टेस्ट करियर में 500 विकेट भी पूरे कर लिए। अश्विन ने कहा, ‘500वां विकेट लेने के बाद मैंने गेंद हवा में लहराई, लेकिन सच कहूं तो वो एक आउटस्टैंडिंग बॉल नहीं थी।

मैच में मां-पिता का वीडियो चला, लेकिन मैं कुछ नहीं सुन पाया
अश्विन ने कहा, ‘मुझे बताया गया था कि 500 विकेट के बाद ब्रॉडकास्टर को इंटरव्यू देना होगा। जब हम बात कर रहे थे तब उन्होंने मेरे पिता और मां की वीडियो चलाई। लेकिन शोर के बीच मैं कुछ सुन नहीं पाया। मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस अटेंड की।

इंग्लैंड की स्थिति मजबूत थी, टीम 2 विकेट पर 200 (207) रन बना चुकी थी। मैं अगले दिन एक्स्ट्रा एफर्ट लगाना चाहता था। मुझे याद है मैंने कहा था कि गेम बैलेंस पोजिशन में है। मैं ड्रेसिंग रूम पहुंचा, यहां रोहित और मैंने गेम के बारे में बात की और फिर मैं अपने रूम पहुंच गया।”

500वें विकेट के बाद जो हुआ, उसे कभी नहीं भूलूंगा

अश्विन बोले, “500वें विकेट के बाद जो हुआ, उसे मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा। दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद घर लौटना पड़ा। फिर चौथे ही दिन उन्होंने वापस टीम जॉइन कर खेलना भी शुरू कर दिया था।”

घरवालों ने फोन नहीं लगाया तो टेंशन हुई
अश्विन ने कहा, “मुझे घर से किसी का भी कॉल नहीं आया। मुझे लगा शायद वे इंटरव्यू देने में बिजी होंगे। मैंने प्रीति (पत्नी) को करीब 7 बजे फोन किया। उन्होंने कहा कि मां का सिरदर्द होने के बाद वह जमीन पर गिर गईं। मुझे कुछ समझ नहीं आया कि रिएक्ट कैसे करूं। मैं अपने रूम में गया और रोने लगा।

मैंने किसी का फोन नहीं उठाया, तभी पत्नी ने टीम के फिजियो को कॉल कर मेरे बारे में पूछा। रोहित और राहुल भाई को किसी ने मां के बारे में बताया, दोनों मेरे रूम आए। मुझे नहीं पता था क्या करना है, मैं प्लेइंग-11 का हिस्सा था, अगर गेम बीच में छोड़ता तो हमें 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ता। इंग्लैंड की स्थिति और भी ज्यादा मजबूत हो जाती।”

रोहित ने कहा- तुम निकलो, मैं फ्लाइट अरेंज करता हूं
अश्विन बोले, “दिमाग में बहुत सी बातें घूमने लगीं। तभी मां से हुई आखिरी बात के बारे में सोचा और मैंने घर लौटने का मन बना लिया। मैं फ्लाइट ढूंढने लगा, लेकिन मुझे मिली नहीं। तब रोहित ने कहा कि कुछ मत सोचो और अभी यहां से निकलो। मै चार्टर्ड फ्लाइट अरेंज करता हूं।

चेतेश्वर पुजारा का भी धन्यवाद, जिन्होंने किसी तरह अहमदाबाद से चार्टर्ड फ्लाइट बुक करवाई। मुझे नहीं पता कि वो 2 घंटे कैसे निकले। तभी रोहित ने टीम के फिजियो कमलेश को मेरे साथ भेज दिया। मैंने कमलेश को टीम के साथ ही रहने के लिए कहा, लेकिन रोहित ने उनसे कहा कि अश्विन के साथ रहना और उनका ध्यान रखना।”

कई कप्तानों के साथ खेला, लेकिन रोहित की बात अलग
अश्विन ने कहा, “रात करीब 9:30 बजे मैं कुछ सोच नहीं पा रहा था। अगर मैं कप्तान होता और मेरे किसी प्लेयर के साथ ऐसा होता तो मैं भी उसे जाने के लिए ही कहता। लेकिन खिलाड़ी के बारे में लगातार पूछना और उसके साथ किसी को भेजना, इस पर मुझे विश्वास नहीं हुआ। रोहित के रूप में मैं एक बेहतरीन लीडर देख रहा हूं।

मैं इसे बयां नहीं कर सकता। मैं कई कप्तानों के साथ खेला हूं, लेकिन रोहित की बात अलग है। उनका दिल साफ है, यही कारण है कि वह धोनी की तरह 5 IPL खिताब जीतने में भी कामयाब रहे। मैं बस यही चाहूंगा कि रोहित अपने जीवन में बहुत कुछ अचीव करें। दूसरे प्लेयर की समस्या समझना और उनका ध्यान रखना, इस मतलबी दुनिया में ऐसा इंसान मिलना बहुत मुश्किल है।”

धोनी से 10 कदम आगे निकल चुके हैं रोहित
अश्विन ने कहा, “रोहित के लिए मेरे दिल में सम्मान बढ़ गया। अगर वह किसी खिलाड़ी में विश्वास करते हैं तो उनका साथ भी देते हैं। यह आसान नहीं है। धोनी भी ऐसा करते हैं, लेकिन रोहित उनसे 10 कदम आगे निकल चुके हैं। अगर कोई कप्तान इस तरह का व्यवहार करता है तो खिलाड़ी भी उनके लिए फील्ड पर सब कुछ करने को तैयार हो जाता है।”

घर पहुंचा तो मां ने कहा, वापस खेलने जाओ
अश्विन बोले, “मैं देर रात करीब 2 बजे अपने घर पहुंचा, मां को देखा तो खुशी हुई। वह होश में आ चुकी थीं। करीब 3 बजे उन्होंने मुझसे कहा कि क्या तुमने मैच छोड़ दिया? अगले ही दिन उन्होंने मुझसे निकलने के लिए कहा। 2 दिन में मेरे साथ बहुत सी चीजें हुईं, लेकिन टीम का सपोर्ट शानदार रहा। वह सभी बेहतरीन लोग हैं।

अगले दिन डॉक्टर ने कहा कि मां की तबीयत ठीक है। मैं उन्हें फिर देखने पहुंचा, लेकिन उन्होंने मुझसे फील्ड पर जाने के लिए कह दिया। मैं इस बारे में सोचता हूं तो पता लगता है कि हमारी जेनरेशन अपने पेरेंट्स की जेनरेशन की आधी भी नहीं है। उन्होंने अपना जीवन ही अपने बच्चों को बढ़ाने में लगा दिया है।”

पैरों में दर्द था लेकिन फील्ड पर उतरा
अश्विन बोले, “मैंने BCCI को वापस टेस्ट जॉइन करने के बारे में बताया। मैं जानता था, अगर दिन में चेन्नई से निकला तो रात तक राजकोट पहुंच जाऊंगा। जय शाह ने मुझसे बात की और कहा कि 7 बजे तक एयरपोर्ट पहुंच जाऊं। मैं दोपहर 12 बजे तक राजकोट पहुंचा, थोड़ा वॉर्म-अप किया और फील्ड पर उतर गया। सफर के ठीक बाद खेलना आसान नहीं होता, पैरों में दर्द था लेकिन मैं खेला और बॉलिंग भी की।”

अश्विन ने सीरीज में 26 विकेट लिए
राजकोट टेस्ट में अश्विन को फिर और कोई विकेट नहीं मिला। रांची में उन्होंने पारी में 5 विकेट लिए, फिर धर्मशाला टेस्ट की दूसरी पारी में भी 5 विकेट लिए। सीरीज में उन्होंने सबसे ज्यादा 26 विकेट लिए और टीम इंडिया के 4-1 से सीरीज जीतने में अहम योगदान दिया।