श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में हाईकोर्ट में आज सुनवाई:श्रीकृष्ण कूप की पूजा, शाही ईदगाह मस्जिद का अवैध कब्जा हटाने को लेकर चल रही बहस

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद के अहम मामले में आज मंगलवार 16 अप्रैल को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच में सुबह 11.30 बजे से सुनवाई शुरू होगी। हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल 18 याचिकाओं इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।

हाईकोर्ट में मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि से शाही ईदगाह मस्जिद का अवैध कब्जा हटाने सहित कई मामलों को लेकर दाखिल 18 सिविल वादों की पोषणीयता आपत्ति को लेकर बहस चल रही है।

मुस्लिम पक्ष भी आर्डर 7 रूल 11 के तहत अपनी आपत्ति लगातार हाईकोर्ट में रख रहा है। इसी को लेकर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। 4 अप्रैल को हुई पिछली सुनवाई में सभी केस में लगभग सवा दो घंटे तक सुनवाई चली थी।

दोनों पक्षों की ओर से तर्क प्रस्तुत किए गए थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव मामले समेत दाखिल 18 दीवानी केस की सुनवाई कर रहे हैं।

मुस्लिम पक्ष रख चुका है दलीलें
पिछली सुनवाई में मस्जिद पक्ष की तरफ से सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत दीवानी मुकदमे की पोषणीयता, प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991, लिमिटेशन एक्ट, वक्फ अधिनियम आदि बिंदुओं पर बहस हुई थी। मस्जिद पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता तसनीम अहमदी, श्रीकृष्ण जन्मभूमि की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से बहस की थी।

श्रीकृष्ण कूप की पूजा की मांग वाली याचिका पर हुई थी बहस
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में 4 अप्रैल को कई घंटे तक सुनवाई हुूई थी। ईदगाह मस्जिद कमेटी के वकीलों की तरफ से कोर्ट में अपना पक्ष रखा गया था। सूट नंबर 4 और 17 पर मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने कोर्ट में अपनी दलीलें पेश कीं थी।

अब मंदिर पक्ष के वकील मंगलवार को हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे। सुनवाई के दौरान श्रीकृष्ण कूप की पूजा की मांग वाली याचिका पर कोर्ट में काफी देर तक बहस हुई थी। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने दोनें पक्षों को सुना था। चर्चा है कि कृष्ण कूप मामले पर अदालत इस बार की सुनवाई पर फैसला दे सकती है।

पिछली सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने शाही ईदगाह परिसर की सम्पूर्ण जमीन मंदिर ट्रस्ट को सौंपने की मांग दोहराई थी। ईदगाह परिसर का एएसआई सर्वे और अमीन सर्वे की मांग उठाई गई थी। ईदगाह कमेटी पूजा स्थल अधिनियम 1991 का हवाला देकर बहस में शामिल हुई थी।

18 अलग-अलग याचिकाओं को एक साथ कर हो रही सुनवाई
कुल 18 अलग-अलग याचिकाओं को एक साथ मिलाकर हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है। इससे पहले 20 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। तब शाही ईदगाह कमेटी के वकीलों की तरफ से कोर्ट में बहस की गई थी।

हिन्दू पक्ष की मांग पर शाही ईदगाह की सीढ़ियों के पास मौजूद कृष्ण कूप की पूजा की अनुमति के मामले पर भी बहस हुई थी। हिंदू पक्ष ने कहा था कि कृष्ण कूप की पूजा वर्षों से हिंदू समुदाय करता चला आ रहा है।

इसलिए उन्हें कृष्ण कूप की पूजा की अनुमति प्रदान की जाए। हिंदू पक्ष की तरफ से पूजा से संबंधित तस्वीरें पेन ड्राइव के जरिए शाही ईदगाह कमेटी के वकीलों को भी दी गई थी।

शाही ईदागाह कमेटी के वकीलों की आपत्ति पर कोर्ट ने दिया था समय
इस मामले की सुनवाई के दौरान शाही ईदगाह कमेटी के वकीलों ने आपत्ति दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा था। कोर्ट ने कृष्ण कूप मामले में शाही ईदगाह कमेटी को आपत्ति दाखिल करने के लिए एक अप्रैल तक का समय दिया था। ईदगाह कमेटी आपत्ति दाखिल कर दी है। इस मामले पर भी हिन्दू पक्ष के वकील बहस कर रहे हैं।

कोर्ट में पहले की सुनवाई में क्या हुआ थान्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन के सामने सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की वकील तसनीम अहमदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बहस में अपनी बात रखी थी।

मामले में विवादित स्थल की कोर्ट कमीशन और ASI सर्वे की मांग की जा रही है। हिंदू पक्ष के वकील महेंद्र प्रताप सिंह का कहना था कि शाही ईदगाह में मौजूद हिंदू स्थापत्य कला के सबूत को मुस्लिम पक्ष मिटा रहा है। ऐसे में जल्द ही विवादित स्थल का सर्वे पूरा कराया जाए।

मुस्लिम पक्ष ने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट का मुद्दा उठाया था
मुस्लिम पक्ष का कहना है कि दाखिल मुकदमे 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट से बाधित होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकती। लिमिटेशन एक्ट को लेकर उन्होंने कहा कि मंदिर पक्ष और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच 1968 में एक समझौता हो चुका है। समझौते के तहत ही शाही ईदगाह मस्जिद के अस्तित्व को स्वीकार किया गया है।

इस समझौते की डिक्री भी 1973 में मथुरा की अदालत में पेश हो चुकी है। नियम के मुताबिक समझौते और डिक्री को 3 साल के भीतर चुनौती दी जा सकती थी। ऐसे में 50 साल बाद अब मुकदमा दाखिल करने की कोई कानूनी वैधानिकता नहीं है।

अयोध्या विवाद की तर्ज पर सुनवाई
मथुरा के मंदिर में मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल किए गए 18 मुकदमों की सुनवाई अयोध्या विवाद की तर्ज पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सीधे तौर पर हो रही है। मथुरा विवाद से जुड़े जिन 18 मुकदमों में हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।

इनमें से दो मामलों में अब तक आपत्ति दाखिल नहीं की गई है। कोर्ट ने आपत्ति दाखिल करने के लिए समय दिया है। वाद संख्या 4 श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष शाकुंभरी पीठाधीश्वर आशुतोष पांडेय ने कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद परिसर में स्थित श्रीकृष्ण कूप में वर्षों से बासोदा पूजा होती आ रही है।

हिन्दू पक्षकार को बम से उड़ाने की धमकी मिली
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के पक्षकार आशुतोष पांडेय को धमकी मिली है। आशुतोष पांडेय श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट मथुरा के अध्यक्ष हैं। वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में पैरवी को आए थे।