इंडस्ट्री में हुए बदलाव पर प्राची देसाई बोलीं:यह दौर वुमन सेंट्रिक फिल्मों का है, बदलाव लाने वाली फिल्मों को दर्शक भी पसंद करने लगे हैं

पिछले 18 साल से प्राची देसाई फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में काम कर रही हैं। वे महज 17 साल की थीं, जब उन्होंने अपना पहला टीवी सीरियल ‘कसम से’ में काम किया था। अब प्राची अपनी नई फिल्म ‘साइलेंस 2’ को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म में प्राची ने इंस्पेक्टर संजना भाटिया का किरदार निभाया है। ये फिल्म हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज हुई है। अब प्राची ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की।

साइलेंस 1 में मनोज सर के साथ पहली बार स्क्रीन शेयर किया

वे कहती हैं, ‘जब साइलेंस-1 की कहानी सुनी तब पूरा देश लॉकडाउन में बंद था, डायरेक्टर ने भी मुझसे ऑनलाइन बात की थी। मैंने जैसे ही इस फिल्म की कहानी सुनी, मुझमें यह दिलचस्पी बढ़ गई कि फिल्म का क्लाइमेक्स क्या होगा? मैं फिल्म करने के लिए उत्साहित थी। पुलिस ऑफिसर का किरदार मुझे हमेशा से करना था। इसके इतर पहली बार मनोज सर के साथ स्क्रीन शेयर कर रही थी, यह अपने में एक उपलब्धि थी। उनके साथ फिल्म सेट पर बहुत मजा आया।

फिल्म में इस बार हम अंडरकवर हैं, तो एक्शन करते भी दिखूंगी

साइलेंस-2 में मैं संजना भाटिया का किरदार निभा रही हूं। पहली कहानी चीफ जस्टिस के बारे में है जिनकी बेटी का मर्डर हो जाता है। वह कहते हैं कि मुझे इस गुत्थी को सुलझाने के लिए सिर्फ एसीपी अविनाश चाहिए। और इस तरह से मनोज सर फिल्म में आते हैं।

एसीपी अविनाश जैसे ही आते हैं, वह कहते हैं कि मैं काम करने के लिए अपनी टीम को खुद चुनूंगा और इस तरह से वह हमें फिल्म में लेकर आते हैं। हम स्पेशल यूनिट का हिस्सा हैं तो आप मुझे पुलिस यूनिफॉर्म में नहीं देखेंगे्। हालांकि, इस बार हम अंडरकवर हैं तो आप हमें ज्यादातर स्पेशल यूनिट के ऑफिस में देखेंगे और ज्यादातर ग्राउंड वर्क करते हुए दिखेंगे। फिल्म में आप मुझे इंटेरोगेशन करते हुए नहीं देखेंगे, लेकिन काम करते हुए देखेंगे और कुछ एक्शन करते हुए भी।

एक्टिंग इंस्टीट्यूट हैं मनोज बाजपेयी, हर काम को परफेक्ट करते हैं

मुझे इस टीम के सभी सदस्य बेहद पसंद हैं। किसी भी अभिनेता के लिए मनोज सर के साथ काम करना एक सपना जैसा ही है। उनसे सीखने को बहुत कुछ मिलता है। उनके जैसे व्यक्ति से कम समय में सीखना अविश्वसनीय है। वह एक्टिंग की एक इंस्टीट्यूट की तरह हैं।

वह जानते हैं कि उनके लिए यह कितना सरल है, लेकिन वह काफी मेहनत करते हैं। वह तैयारी में काफी वक्त लगाते हैं, वह सुनिश्चित करते हैं कि वह हर काम पूरी तरह से कर लें। मुझे नहीं पता वह कैसे कर लेते हैं, लेकिन उनके साथ काम करना बेहद अच्छा है। बस उन्हें देखकर उनसे इतनी सारी अलग-अलग चीजें सीखना को मिली हैं।

राजस्थान में शूट करने का एक्सपीरियंस बेहद अच्छा था

ज्यादातर ओटीटी फॉर्मेट के लिए हम शुरू से आखिरी तक शूट करते हैं। पहले की फिल्मों की शूटिंग में बहुत वक्त बर्बाद होता था। हम सुना करते थे कि लोग साल-साल भर फिल्म की शूटिंग करते हैं। लेकिन अब हम प्रोजेक्ट्स को 3 महीने से भी कम समय में रैप कर देते हैं।

इस फिल्म की शूटिंग मुंबई के साथ राजस्थान में भी की है। टीम के साथ राजस्थान में शूटिंग करने का अनुभव बेहद अच्छा था। मैं कहना चाहूंगी कि इस बार मुंबई में शूट करना एक अलग तरह का चैलेंज था। क्योंकि हम इसकी शूटिंग बारिश के समय कर रहे थे और एक टेक्निकल पार्ट है कि जब बारिश हो रही होती है, पानी भर जाता है और आप शूट के लिए जा रहे होते हैं तो आप लोकेशन पर पहुंच नहीं पाते और इस तरह के कई इश्यू सामने आते हैं। लेकिन इसके बाद भी हुमने इसकी शूटिंग पूरी की थी।